नाचा ने रखी भारत दिवस परेड 2025
रायपुर, 30 अगस्त। नॉर्थ अमेरीका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कर ने बताया कि भारत दिवस परेड 2025 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर अमेरिका भर में छत्तीसगढ़ की भव्य प्रस्तुति सिएटल, वॉशिंगटन टोरंटो, कनाडा कैलिफोर्निया बे एरिया 7 15 अगस्त 2025 जैसे भारत ने 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया, वैसे ही उत्तर अमेरिका में इसे भव्य भारत दिवस परेड 2025 के रूप में मनाया गया।
श्री कर ने बताया कि नाचा ने सिएटल, टोरंटो और कैलिफोर्निया बे एरिया में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, औद्योगिक और जनजातीय धरोहर का प्रदर्शन कर प्रवासी परिवारों को एकजुट किया और भारत के राष्ट्रीय गौरव को साझा किया। सिएटल उत्सव उद्योग और कृषि पर गर्व नमिता खंडेलवाल (अध्यक्ष, नाचा वॉशिंगटन चैप्टर) के नेतृत्व में सिएटल परेड में छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख गौरव प्रस्तुत किए गए भिलाई इस्पात संयंत्र और धान का कटोरा (राइस बाउल ऑफ ). झांकी में धान का कटोरा आकर्षण का केंद्र रहा।
श्री कर ने बताया कि नाचा सदस्यों ने पारंपरिक करमा नृत्य प्रस्तुत किया, और इंडिया पवेलियन में थेड़ी, बिडिय़ा, चावल पापड़, एरससा, राजगीरा लड्डू जैसे व्यंजनों के साथ-साथ ढोकरा कला, सागौन की नक्काशी और कोसा सिल्क का प्रदर्शन किया गया। नमिता खंडेलवाल का कथन भिलाई स्टील से लेकर धान का कटोरा, करमा नृत्य से लेकर ढोकरा कला और कोसा सिल्क तक छत्तीसगढ़ के हर पहलू को सिएटल में प्रस्तुत करना गर्व का क्षण था।
श्री कर ने बताया कि टोरंटो उत्सव वैश्विक मंच पर जनजातीय परंपरा टोरंटो में भारत दिवस परेड 2025 पैनोरमा इंडिया और भारतीय वाणिज्य दूतावास, टोरंटो द्वारा आयोजित की गई, जिसका संचालन पंकज अग्रवाल (अध्यक्ष, नाचा कनाडा चैप्टर) के नेतृत्व में हुआ। जनजातीय थीम ने छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान को प्रतिबिंबित किया।
श्री कर ने बताया कि पुरुषों ने धोती, कुर्ता, गमछा और गौरा मुकुट पहना तथा ढोल बजाकर बस्तर की परंपराओं को जीवंत किया। महिलाओं ने लुगड़ा और पारंपरिक आभूषण पहनकर छत्तीसगढ़ की शालीनता और सांस्कृतिक गौरव का प्रदर्शन किया। 30 प्रतिशत से अधिक जनजातीय जनसंख्या वाले छत्तीसगढ़ ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के तहत अपनी धरोहर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया।
श्री कर ने बताया कि कैलिफोर्निया बे एरिया उत्सव परिवारों में एकता और संस्कृति कैलिफोर्निया बे एरिया में कार्यक्रम पूजा महतो के नेतृत्व में आयोजित हुआ, जहाँ परिवारों ने एक साथ भाग लेकर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्रस्तुत किया। महिलाओं ने लुगड़ा और पारंपरिक आभूषण पहने, और परिवारों ने गीत, नृत्य और सहभागिता से परंपराओं को जीवित किया।