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चौदह वर्षीय बालक पर देश का पहला रिट्रीवेबल लीडलेस पेसमेकर इम्प्लांटेशन सफल-डॉ. पाधी
30-Aug-2025 2:58 PM
चौदह वर्षीय बालक पर देश का पहला रिट्रीवेबल लीडलेस पेसमेकर इम्प्लांटेशन सफल-डॉ. पाधी

एनएच एमएमआई रायपुर की उपलब्धि

रायपुर, 30 अगस्त। एनएच एमएमआई के डॉ. सुमंता शेखर पाधी ने बताया कि बाल चिकित्सा हृदय देखभाल में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, एमएमआई नारायणा अस्पताल, रायपुर ने 14 वर्षीय बालक पर भारत का पहला रिट्रीवेबल लीडलेस पेसमेकर इम्प्लांटेशन सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह जटिल जन्मजात हृदय रोगों के उपचार में एक बड़ी प्रगति है।

डॉ. पाधी ने बताया कि इस बालक ने पहले 2 वर्ष की आयु में दिल्ली के  एक अन्य अस्पताल  में आरवी से एपी कंडुइट के साथ इंट्राकार्डियक रिपेयर करवाया था। 5 वर्ष की आयु में उसे कंप्लीट हार्ट ब्लॉक  हो गया, जिसके बाद 29 अक्टूबर 2024 को एमएमआई नारायणा अस्पताल में ड्यूल-चैंबर पेसमेकर लगाया गया। वह सेंट्रल इंडिया में ऐसा कराने वाला सबसे कम उम्र का मरीज बना।

डॉ. पाधी ने बताया कि फरवरी 2024 में बालक को पल्स जनरेटर बदलने की आवश्यकता हुई। परंतु निकेल एलर्जी के संदेह के कारण पेसमेकर का पल्स जनरेटर बार-बार बाहर निकलने लगा, जिसके चलते लगभग 4 बार पुन: स्थिति सुधारने की आवश्यकता पड़ी। बच्चे की उम्र और भविष्य में 16-17 साल बाद बैटरी खत्म होने के बाद पुन: डिवाइस बदलने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, कार्डियोलॉजी टीम ने रिट्रीवेबल लीडलेस पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया।

डॉ. पाधी ने बताया कि यह प्रक्रिया 21 अगस्त 2025 को डॉ. सुमंता शेखर पाधी के नेतृत्व में, प्रोक्तर डॉ. बलबीर सिंह के सहयोग और जनरल एनेस्थीसिया के तहत सफलतापूर्वक पूरी की गई। यह उपकरण एबॉट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया था।


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