-अर्जुन परमार
गुजरात के अहमदबाद में सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट लिखने के आरोप में 27 साल के युवक की हत्या का मामला लगातार सुर्ख़ियों में है.
बीते 25 जनवरी को अहमदाबाद के धंधुका तालुका के 27 वर्षीय युवा किशन भारवाड़ की एक 'विवादास्पद धार्मिक सोशल मीडिया पोस्ट' को लेकर विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप इलाके के ही शब्बीर और इम्तियाज़ नाम के दो युवाओं पर है.
इस हत्याकांड के बाद आसपास के इलाकों में हिंदूवादी संगठन लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस सिलसिले में रविवार को आस-पड़ोस के इलाके में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है.
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने इस हत्याकांड की जांच के बारे में ट्वीट किया है कि इसे आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को सौंपा गया है. वे पीड़ित परिवार से मिलने भी पहुंचे थे और उन्होंने इस मामले में पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है.
मामले के दोनों अभियुक्तों को शुक्रवार को गिरफ़्तार कर लिया गया था. उस समय मामले की जांच स्पेशल ऑपरेशंस टीम के पास थी. पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ़्तार करने के बाद अहमदाबाद के जमालपुर इलाके से मौलवी अयूब को भी गिरफ़्तार किया है. मौलवी अयूब पर शब्बीर को उकसाने और हत्या के लिए कारतूस और बंदूक़ लाने का आरोप है.
गुजरात धंधुका हत्या केस में दिल्ली पुलिस और गुजरात एन्टी टेररिस्ट स्क्वॉड की टीम ने दिल्ली से चौथे अभियुक्त मौलवी कमर गनी अब्बास को रविवार को हिरासत में लिया है. बीबीसी गुजराती के साथ इस संबंध में बातचीत करते हुए गुजरात एटीएस के डीएसपी बीएस चावडा ने इसकी पुष्टि की है.
उन्होनें बताया कि मौलवी अब्बास की इस मामले में क्या भूमिका है, उसकी विस्तृत जानकारी उन्हें गुजरात लाकर पता की जाएगी.इसके अलावा स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप के पुलिस इंस्पेक्टर बीबी वाला ने बीबीसी गुजराती को बताया था कि हत्या में इस्तेमाल हुई बंदूक और बाइक अभियुक्तों की बताई हुई जगहों से बरामद कर ली गई है.
उन्होनें कहा, "पूछताछ में मालूम पड़ा था कि मौलाना अयूब, शब्बीर और इम्तियाज पाकिस्तान को लेकर भड़काऊ भाषण देने वाले कुछ वक्ताओं के वीडियो देखा करते थे. जिसकी मदद अयूब अक्सर उन्होने उकसाया करते थे."
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के चचेरे भाई भौमिक भारवाड़ ने बताया है कि किशन की हत्या 15 दिन पहले किए गए एक धार्मिक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते हुई थी.
मृतक के चचेरे भाई का दावा है कि, 'अन्य धर्मों' के कुछ लोग किशन के सोशल मीडिया पोस्ट से दुखी थे. उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि मृतक को पुलिस कार्रवाई का भी सामना करना पड़ा और उसने पोस्ट के लिए माफ़ी मांगी.
बीबीसी गुजराती ने पूरे मामले की जानकारी के लिए घटना में शामिल लोगों और अधिकारियों से संपर्क किया.
मृतक के माता-पिता का क्या कहना है?
बीबीसी गुजराती से मृतक युवक के पिता शिवभाई भारवाड़ ने कहा, "सोशल मीडिया पर चल रही अफ़वाहों के मुताबिक, मेरे बेटे को मारने वाले लोग सोशल मीडिया पर उसके पोस्ट से परेशान थे. उसे बार-बार धमकियां भी मिल रही थीं. 25 को उसकी हत्या भी हो गई. पुलिस ने हमें सख़्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.''
शिवभाई भारवाड़ आगे कहते हैं, "मुझे नहीं पता कि सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है. लेकिन मेरे बेटे को मुसलमानों ने उपरोक्त पोस्ट पर नाराजगी के कारण मार डाला."
स्थानीय मीडिया से बात करते हुए किशन भारवाड़ की मां ने कहा, ''मेरे बेटे को पहले तो बुरी तरीके से पीटा गया. पहले उसने इसके लिए माफ़ी मांगी. और फिर उसकी धोखे से हत्या कर दी गई.'' ऐसा ही बयान किशन की बहन ने भी दिया था. उन्होंने कहा, "मेरे भाई को पीठ में मारा गया और लोगों ने पीटा भी. हम बिना भाई के हैं. अब हम क्या कर सकते हैं."
मामले के जांच अधिकारी विशेष जांच समूह पुलिस निरीक्षक बी. बी. वाला ने इस मामले की जांच के बारे में बताया, "अहमदाबाद के जमालपुर के मौलाना अयूब को जिसने शब्बीर को कारतूस और बंदूकें मुहैया कराईं और उसे उकसाया, को भी हमलोगों गिरफ़्तार कर लिया गया है. उन्हें अब अदालत में पेश किया जाएगा और 14 दिनों के लिए रिमांड पर लिया जाएगा."
ग्रामीण अहमदाबाद के एस. पी. यादव ने कहा, "इस मामले में दो आरोपी शब्बीर और इम्तियाज़ को गिरफ़्तार किया गया है. दोनों आरोपियों ने किशन पर बाइक पर हमला किया. शब्बीर के हाथ में बंदूक थी जबकि इम्तियाज़ बाइक चला रहा था. पूछताछ से पता चला है कि गिरफ़्तार किए गए दो आरोपियों में से शब्बीर एक धार्मिक कट्टरपंथी है और उसने दूसरों के प्रभाव में ऐसा किया है."
पुलिस के दावे के मुताबिक अयूब ने शब्बीर को धार्मिक भावनाओं के संबंध में कोई माफ़ी स्वीकार नहीं करने के लिए कहा था. पूरी घटना में मुंबई के एक मौलवी की संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि व्यक्ति के बारे में अभी खुलासा नहीं किया गया है.
ग्रामीण अहमदाबाद के एस. पी. वीरेंद्र यादव ने बताया कि किशन के विवादित धार्मिक सोशल मीडिया को लेकर उनके ख़िलाफ़ दायर मुक़दमे के बाद उन्हें जमानत दी गई थी. बताया जा रहा है कि विवादास्पद पोस्ट में पैगंबर मोहम्मद को लेकर कोई आपत्तिजनक बातें कहीं गई थीं, जिसमें पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद किशन ने माफ़ी मांग थी.
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने बीबीसी गुजराती से बातचीत में किशन की हत्या को 'मुस्लिम समुदाय के अभियुक्तों द्वारा रची गई साजिश' क़रार दिया.
बीबीसी गुजराती के साथ बातचीत में किशन के पिता शिवभाई भारवाड़ ने भी कहा, "मुझे कुछ नहीं पता. मुझे बस इतना पता है कि मेरे बेटे को मुसलमानों ने मार डाला."
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भौमिक भारवाड़ ने कहा कि उनके भाई किशन ने विवादास्पद पोस्ट के लिए माफ़ी मांगी थी और सोशल मीडिया पर माफ़ी का एक वीडियो भी पोस्ट किया था.
गुजरात पुलिस के मुताबिक किशन ने छह जनवरी को फ़ेसबुक पर एक पोस्ट किया था जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती थी और नौ जनवरी को उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई और क़ानूनी कार्रवाई की गई. लेकिन प्रतिवादी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे. पुलिस को आशंका है कि इस वजह से ही किशन की हत्या की गई है.
पूरे मामले की जांच कर रहे अहमदाबाद स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप के पुलिस इंस्पेक्टर बी. बी. वाला ने कहा कि इस पूरी घटना में कुल पांच अभियुक्त शामिल हो सकते हैं. हालांकि जांच के बाद ही सही तस्वीर सामने आ पाएगी. अब इस पूरे मामले की जांच एटीएस कर रही है.
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता हितेंद्रभाई राजपूत ने इस घटना को सांप्रदायिकता से जोड़ते हुए कहा, "मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए पूरे गुजरात में प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाएंगी. और हम अभियुक्तों की गिरफ़्तारी और कड़ी सजा मिलने तक मृतक के परिवार के साथ खड़े रहेंगे."
किशन भारवाड़ ने क्या पोस्ट क्या था इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है क्योंकि उनका एफ़बी एकाउंट लॉक है.
वैसे हिंदूवादी संगठन अपने विरोध प्रदर्शन में गुरुवार को उत्तर गुजरात के पाटन ज़िले में हुई एक घटना को भी मुद्दा बना रहे हैं. पाटन के राधनपुर में शुक्रवार को एक हिंदू युवती कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक ने हमला किया था. पीड़ित युवती के परिवार का दावा है कि प्रणय निवेदन ठुकराए जाने के चलते युवक ने युवती को निशाना बनाया. इस मामले में आरोपी युवक की गिरफ़्तारी शुक्रवार को हो चुकी है.
लेकिन इस मामले में पाटन के एसपी अक्षयराज मकवाना ने कहा, ''सोशल मीडिया पर इस घटना को जिस तरह का ट्विस्ट दिया जा रहा है, वह वास्तव में ऐसा नहीं है. हमलावर और पीड़ित एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं और हमला पैसे के कारण हुआ था. ऐसे में किसी भी ग़लत जानकारी सें बचना चाहिए." (bbc.com)