हैदराबाद, 16 फरवरी। ‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ से जुड़ी 850 करोड़ रुपये की ‘पोंजी स्कीम’ के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यहां यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि इस स्कीम के जरिए कथित तौर पर देश के 6,000 से अधिक जमाकर्ताओं को ठगा गया है।
उसने बताया कि आरोपियों ने लोगों को अल्पावधि निवेश करने पर अधिक मुनाफा दिलाने का वादा करके धोखाधड़ी की।
पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार (फाल्कन कैपिटल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक), आर्यन सिंह (मुख्य परिचालन अधिकारी) और योगेंद्र सिंह (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) अभी भी फरार हैं। उन्होंने ‘इनवॉइस डिस्काउंटिंग’ की आड़ में लोगों को अल्पावधि निवेश करने पर अधिक मुनाफा मिलने का वादा कर लुभाया और उन्हें ठगा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब तक 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है और उनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा अन्य फरार हैं।
इस मामले की जांच के दौरान, साइबराबाद की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ‘कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड’ के उपाध्यक्ष और ‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ के ‘बिजनेस हेड’ पवन कुमार के साथ-साथ ‘कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘फाल्कन कैपिटल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड’ की निदेशक काव्या एन को 15 फरवरी को गिरफ्तार किया।
साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि आरोपियों ने एक मोबाइल ऐप और वेबसाइट शुरू की जिसमें ‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ को गलत तरीके से ‘पीयर-टू-पीयर इनवॉइस डिस्काउंटिंग सेवा’ के रूप में प्रस्तुत किया गया, जो वैध की तरह लगता था।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने निवेशकर्ताओं को प्रतिष्ठित कंपनियों से जोड़ने का दावा किया जबकि वास्तविकता में उन्होंने उन्हें विक्रेताओं की प्रोफाइल और फर्जी सौदे दिए थे।
पुलिस ने बताया कि कुल 1,700 करोड़ रुपये जमा किए गए, जिनमें से 850 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटा दिए गए जबकि शेष (850 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी वाली बकाया राशि) 6,979 जमाकर्ताओं को चुकाई जानी थी।
उसने बताया कि आरोपियों ने लोगों को 11-22 प्रतिशत तक सालाना मुनाफा दिलाने का वादा किया था और निवेश की सीमा 25,000 रुपये से 9 लाख रुपये तक थी और अवधि 45 से 180 दिन थी।
पुलिस उपायुक्त (ईओडब्ल्यू) के प्रसाद ने बताया, ‘‘आरोपियों ने 850 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की। उन्होंने ‘कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड’ और इसकी संबंधित संस्थाओं के तहत ‘फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म’ के जरिए लोगों को ठगा।’’ (भाषा)