‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 17 जनवरी। कोरिया वन मंडल इन दिनों बाघों की बढ़ती संख्या के कारण सुर्खियों में है। वन विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में चार बाघों का मूवमेंट दर्ज किया गया है। इनमें से तीन बाघ टेमरी बीट में सक्रिय हैं, जबकि चौथा बाघ सोनहत के देवगढ़ परिक्षेत्र में देखा गया है। विभाग ने बाघों की निगरानी और सुरक्षा के लिए विशेष टीमें तैनात की हैं।
टेमरी बीट में तीन बाघों का मूवमेंट
टेमरी बीट में तीन बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई है। इनमें एक नर और एक मादा बाघ साथ विचरण कर रहे हैं, जबकि एक अन्य मादा बाघ अलग सक्रिय है। डीएफओ प्रभाकर खलखो ने बताया कि हमारे वन मंडल में फिलहाल चार बाघों का मूवमेंट है। टेमरी बीट में तीन बाघ हैं, जिनमें एक नर और एक मादा बाघ साथ हैं। एक अन्य मादा बाघ अलग से विचरण कर रही है। चौथा बाघ सोनहत क्षेत्र में सक्रिय है। हमने निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे लगाए हैं और टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।
सोनहत क्षेत्र में चौथा बाघ
चौथा बाघ सोनहत क्षेत्र के देवगढ़ परिक्षेत्र में देखा गया है। इस क्षेत्र में बीते तीन दिनों में तीन मवेशियों के शिकार की घटनाएं सामने आई हैं। वन विभाग ने इन घटनाओं की जांच शुरू कर दी है और बाघ की निगरानी के लिए कैमरे लगाए गए हैं।
मवेशियों के शिकार की घटनाएं बढ़ीं
बाघों की बढ़ती संख्या के साथ मवेशियों के शिकार की घटनाएं भी बढ़ी हैं। हाल ही में कटकोना क्षेत्र में एक भैंस का शिकार किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाघों की मौजूदगी से जहां वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को बल मिला है, वहीं मवेशियों के शिकार से उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व से उम्मीदें
गौरतलब है कि हाल ही में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया है। बाघों की बढ़ती संख्या से इस क्षेत्र को एक नई पहचान मिली है। वन विभाग का कहना है कि यह न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि इस क्षेत्र के जैव विविधता को भी समृद्ध करेगा।
वन विभाग अलर्ट
वन विभाग ने बाघों की सुरक्षा और निगरानी के लिए तीन टीमें तैनात की हैं। डीएफओ प्रभाकर खलखो ने बताया कि विभाग पूरी सतर्कता के साथ काम कर रहा है। बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
निवासियों से अपील
वन विभाग ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी बाघ की गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। साथ ही, मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की सलाह दी गई है। बहरहाल, कोरिया वन मंडल में बाघों की बढ़ती संख्या न केवल क्षेत्र के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों की सफलता को भी दर्शाता है। हालांकि, मवेशियों के शिकार की घटनाओं ने नई चुनौतियां खड़ी की हैं, जिनसे निपटने के लिए विभाग और स्थानीय निवासियों को मिलकर काम करना होगा।