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अमलीडीह में सरकारी जमीन बिल्डर को देने का मामला, विधायक ने कहा- अफसरों को उपकृत किए बिना संभव नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 नवंबर। अमलीडीह में कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन बिल्डर को आबंटित करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। यह बात सामने आई है कि जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई है, लेकिन महज आबंटन आदेश के आधार पर लेआऊट एप्रूव कर दिया गया। चर्चा है कि जमीन आबंटन से लेकर लेआऊट एप्रूव करने की प्रक्रिया से जुड़े कई नेताओं, और अफसरों को रामा बिल्डर के प्रोजेक्ट में प्लॉट लिए हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश चौबे ने तो एक कदम आगे जाकर प्रोजेक्ट में प्लॉट लेने वाले तमाम अफसरों-नेताओं के नाम सार्वजनिक करने की मांग की है।
अमलीडीह कॉलेज जमीन विवाद पर स्थानीय विधायक मोतीलाल साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में साफ तौर पर कहा कि अफसरों को उपकृत किए बिना सरकारी जमीन का आबंटन नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि अमलीडीह में सरकारी जमीन को कॉलेज के लिए आबंटित करने के लिए लगातार पत्र लिख रहे थे। उन्हें सरकारी प्रयोजन के लिए विभागों से एनओसी नहीं मिल पाई लेकिन एक निजी व्यक्ति को राजस्व अफसरों ने एनओसी दे दी। यह विषय चिंतनीय है।
श्री साहू ने कहा कि वो अमलीडीह के लोगों के साथ है, और उक्त जमीन पर कॉलेज का निर्माण हो, इसके लिए वो प्रयासरत हैं।
बताया गया कि अमलीडीह में 9 एकड़ सरकारी जमीन पहले रामा बिल्डकॉन को आबंटित की गई है, और फिर लेआऊट भी एप्रूव हो गया। लेआऊट एप्रूव करने के लिए राजस्व विभाग और नगर निगम से एनओसी लेना होता है। दिलचस्प बात यह है कि जमीन की अब तक रजिस्ट्री भी रामा बिल्डकॉन के नाम पर नहीं हुई है। ऐसे में लेआऊट एप्रूव करने के मामले को लेकर राजस्व और नगर निवेश विभाग व नगर निगम के अफसर घेरे में आ गए हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश चौबे ने एक बयान में दावा किया है कि कई नेताओं, और अफसरों ने रामा बिल्डकॉन के प्रोजेक्ट में प्लॉट लिए हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डर को सरकारी जमीन आबंटित करने की प्रक्रिया ही गलत थी। इसके लिए नीलामी होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस पूरे मामले से जुड़े कई दस्तावेज उनके पास हैं। वो शिकायत भी करने जा रहे हैं, और अदालत में भी जाने की तैयारी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, अमलीडीह कॉलेज जमीन बिल्डर को देने के मसले पर रायपुर नगर निगम के पार्षदों ने भी मोर्चा खोल दिया है। एमआईसी की बैठक में यह मामला जोर-शोर से उठा था। इससे परे ग्रामीणों के आव्हान पर अमलीडीह मंगलवार को बंद रहा, और कॉलेज के विद्यार्थी भी इस मामले को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। बहरहाल, आने वाले दिनों में मामला और गरमा सकता है।