विचार / लेख
गिरीश मालवीय
कोरोना के सारे मॉडल फेल हैं सिर्फ बिहार मॉडल ही सफल है। अब तक कोरोना के भीलवाड़ा मॉडल, धारावी मॉडल, केरल मॉडल, आगरा मॉडल की चर्चा होती आई हैं लेकिन अभी तक इन सबसे अधिक सफल बिहार मॉडल ही सफल रहा है।
बिहार का मॉडल ‘हकूना मटाटा’ मॉडल है, जिसका मतलब ये कि आप सारी चिंताओं और परेशानियों को पोटली में बांधकर एक तरफ पटक दें और मस्त रहें।
बिहार चुनाव के पहले चरण में मतदान का प्रतिशत आप देखिए, पिछले चुनाव जितना ही है न्यूज़ चैनल्स बिहार चुनाव के मद्देनजर लगातार बिहार के गाँव शहरों और कस्बों में घूम रहे हैं और ग्राउंड रिपोर्ट दिखा रहे, नेताओं के अलावा आम आदमी बमुश्किल ही मास्क लगाए दिख रहा है
बिहार में तमाम गाइडलाइन्स का जमकर उल्लंघन हो रहा है, नेताओं की रैलियों में लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है, जबकि कोरोना संक्रमण को लेकर अब तक विशेषज्ञ यह कहते आए हैं कि भीड़भाड़ वाला माहौल इस संक्रमण के फैलने के लिए सबसे मुफीद है। तो फिर बिहार कोरोना कहां गायब हो गया ?
बिहार के बारे में एक बात तो हम सब बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि यहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं न के बराबर है इसके बावजूद इतनी संक्रामक बीमारी पांव-पसार पाने में नाकाम है। बिहार में अब तक कोरोना के मात्र ढाई लाख केस आए हैं, इसमें से 95.6 फीसदी लोग ठीक भी हो गए है, बिहार में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों का आंकड़ा भी काफी कम है। यहां अब तक 1000 के आसपास लोगों की मौत इस संक्रमण की वजह से हुई है। इसका मतलब यह है कि यहां प्रत्येक 200 संक्रमित मरीजों में से सिर्फ एक व्यक्ति की मौत हो रही है। इतने लोगों पर मौतों का राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत है।
तो इसके क्या कारण है और यह सिर्फ बिहार की ही बात नही है ? अभी तक हम ये देख रहे हैं कि ये बीमारी या विकसित देशों में तेजी से फैली है या विकासशील देशों में जो उन जगहों पर जो वहां व्यापारिक गतिविधियों के केंद्र रहे हैं जैसे भारत मे मुम्बई,दिल्ली पुणे ओर इंदौर जैसे शहर......
अफ्रीका जैसे महाद्वीप में जहाँ बड़े बड़े देश है वहाँ ये बीमारी नही फैली, वहाँ मौतें भी बहुत कम है, अफ्रीका के बारे में तर्क दिया जाता है कि वहाँ आबादी दूर दूर बसी है, लेकिन बिहार में तो ऐसा नही है , बिहार भारत का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है बिहार की आबादी इस वक्त 12.5 करोड़ के आसपास है।प्रत्येक 10 लाख लोगों में से 1800 लोग कोरोना संक्रमित हैं। जबकि राष्ट्रीय औसत 1 मिलियन लोगों में 6,000 लोगों के कोरोना संक्रमित होने का है।
कोई बताए कि ऐसा क्यो है कि अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस जहां बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं वही कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज आए हैं और जहाँ बदतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं है वहाँ यह बीमारी लगभग एग्जिस्ट ही नही कर रही ?


