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प्रियंका और आतिशी को निशाना बनाने वाले पूर्व बीजेपी सांसद रमेश
06-Jan-2025 3:33 PM
प्रियंका और आतिशी को निशाना बनाने वाले पूर्व बीजेपी सांसद रमेश

बिधूड़ी और कब-कब रहे विवादों में

बीते एक साल से चर्चाओं में रहने वाले बीजेपी नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी एक बार फिर से चर्चाओं में हैं।

चाहे संसद में एक मुस्लिम सांसद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना हो या 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट कटना हो या फिर दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों में विधायकी का टिकट दिया जाना हो, वो चर्चाओं में बने रहते हैं।

अब रमेश बिधूड़ी कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी पर विवादित टिप्पणी को लेकर चर्चा में हैं।

उनके बयान की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने निंदा की है।

कांग्रेस ने जहां बीजेपी से माफी की मांग की है। वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ‘महिला मुख्यमंत्री के अपमान का बदला दिल्ली की सभी महिलाएं लेंगी।’

रमेश बिधूड़ी क्यों हैं चर्चा में

साल 2014 और 2019 में दक्षिणी दिल्ली से सांसद रहे रमेश बिधूड़ी को बीजेपी ने कालकाजी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसी सीट से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी विधायक हैं और वो फिर से इसी सीट से चुनावी मैदान में हैं।

वहीं कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता अल्का लांबा को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।

रमेश बिधूड़ी का हाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो इसी इलाके की एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इसमें वो कथित तौर पर बिहार की सडक़ों और हेमा मालिनी को लेकर दिए गए लालू प्रसाद यादव के बयान का जि़क्र कर रहे हैं।

इसी बयान में बिधूड़ी ने आगे बोलते हुए बेहतरीन सडक़ बनाने का वादा किया और इस बीच प्रियंका गांधी के बारे में विवादास्पद बात कही।वहीं, रविवार को दिल्ली के रोहिणी में हुई ‘परिवर्तन रैली’ के दौरान रमेश बिधूड़ी ने भाषण देते हुए मुख्यमंत्री आतिशी के नाम को लेकर विवादित टिप्पणी की।

कांग्रेस और आप आक्रामक

पूर्व सांसद के ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। इसको लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बिधूड़ी के भाषण का एक वीडियो एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ‘ऊपर से नीचे तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कार आपको भाजपा के इन ओछे नेताओं में दिख जाएंगे।’

कांग्रेस ने प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का एक वीडियो बयान जारी कर बिधूड़ी के बयान को बेहद शर्मनाक बताया।

उन्होंने कहा, ‘यह बीजेपी का असली चेहरा है। इस महिला विरोधी भाषा और सोच के जनक खुद पीएम मोदी हैं, जो ‘मंगलसूत्र’ और ‘मुजरा’ जैसे शब्द बोलते हैं। इस घटिया सोच के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।’

आतिशी पर बयान के लिए आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘बीजेपी ने फिर अपना ‘महिला विरोधी चेहरा’ दिखाया। बीजेपी के गालीबाज नेता रमेश बिधूड़ी ने महिला मुख्यमंत्री आतिशी जी के खिलाफ भद्दी और गंदी भाषा का इस्तेमाल किया। अपनी हार नज़दीक देखकर अप बीजेपी इतना बौखला गई है कि महिलाओं को खुलेआम गाली दे रही है।’

वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को चुनाव से भी जोड़ दिया।

उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘बीजेपी के नेताओं ने बेशर्मी की सारे हदें पर कर दीं। बीजेपी के नेता दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी जी को गंदी-गंदी गालियां दे रहे हैं। एक महिला मुख्यमंत्री का अपमान दिल्ली की जनता सहन नहीं करेगी। दिल्ली की सभी महिलाएं इसका बदला लेंगी।’

रमेश बिधूड़ी की ‘सफ़ाई’

प्रियंका गांधी वाड्रा पर दिए बयान का वीडियो वायरल होने के बाद रविवार को बिधूड़ी ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि उनका मकसद किसी को अपमानित करना नहीं था।

उन्होंने लिखा, ‘किसी संदर्भ में मेरे द्वारा दिये गये बयान पर कुछ लोग ग़लत धारणा से राजनीतिक लाभ के लिए सोशल मीडिया पर बयान दे रहे हैं।’

‘मेरा आशय किसी को अपमानित करने का नहीं था। परंतु फिर भी अगर किसी भी व्यक्ति को दुख हुआ है तो मैं खेद प्रकट करता हूँ।’

हालांकि उन्होंने अभी तक आतिशी पर दिए गए भाषण को लेकर कुछ भी नहीं कहा है।

विवादों से पुराना नाता

19 सितंबर 2023 को संसद के मॉनसून सत्र में ‘चंद्रयान-3 की सफलता’ विषय पर चर्चा चल रही थी। इस दौरान रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया।

इस बयान के असंसदीय होने की गंभीरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फौरन इस पर अपना अफसोस जाहिर किया।

बसपा सांसद दानिश अली को कहे गए अपशब्दों को लेकर पड़े चौतरफा दबाव के बाद बीजेपी को अपने सांसद को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा।

कुंवर दानिश अली ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘मुझे उम्मीद है कि मेरे साथ न्याय होगा और स्पीकर साहब कार्रवाई करेंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं भरे मन से इस सदन को छोडऩे पर विचार करूंगा।’

इस मामले में हालांकि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कुछ ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स भी आईं जिसमें बताया गया कि रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के आगे अपने बयान के लिए अफ़सोस ज़ाहिर किया।

सोनिया गांधी को बनाया निशाना

ऐसा नहीं था कि रमेश बिधूड़ी का नाम पहली बार किसी विवाद के सिलसिले में सामने आया हो। साल 2017 में उन्होंने कांग्रेस पर हमला करने के लिए सोनिया गांधी के इतालवी मूल का मुद्दा उठाया था।

मथुरा में उन्होंने एक जनसभा के दौरान कहा, ‘इटली में ऐसे संस्कार होते होंगे कि शादी के पांच-सात महीने बाद पोता या पोती भी आ जाए, भारतीय संस्कृति में ऐसे संस्कार नहीं हैं।’

हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि ‘हमारे पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले हमसे ‘अच्छे दिन’ का हिसाब नहीं मांग सकती है।’

बिधूड़ी ने ये बात कांग्रेस की उस आलोचना का जवाब देने में कही थी कि सरकार बनने के ढाई साल बाद भी बीजेपी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं।

महिला सांसदों की शिकायत

बिधूड़ी पर पहले भी संसद के भीतर ‘असंसदीय’ और ‘अशोभनीय’ कमेंट करने का आरोप लग चुका है।

साल 2015 में चार महिला सांसदों ने स्पीकर के पास जाकर उनके कथित ‘बर्ताव’ को लेकर शिकायत की थी।

रंजीत रंजन, सुष्मिता देव, अर्पिता घोष और पीके श्रीमति टीचर ने बिधूड़ी पर ‘अभद्र और अमर्यादित’ भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाया था। (बाकी पेज 8 पर)

हालांकि बिधूड़ी ने उनके आरोपों से इनकार किया था।

एक अंग्रेज़ी अख़बार से उन्होंने इस मामले पर पूछे जाने पर अपने जवाब में कहा था, ‘मेरी उनसे कोई निजी लड़ाई नहीं है और मैंने ऐसी किसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है। वे ध्यान भटकाने के लिए ऐसे तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। वे महिला होने का नाजायज फायदा उठा रही हैं।’

रमेश बिधूड़ी का राजनीतिक करियर

दिल्ली के तुगलकाबाद में जन्मे बिधूड़ी की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई इसी शहर में हुई।

एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनके पिता ने गांव में स्कूल, आर्य समाज मंदिर और अस्पताल के लिए अपनी ज़मीन दान कर दी थी।

अस्सी के दशक में दिल्ली यूनिवर्सिटी के भगत सिंह कॉलेज की स्टूडेंट पॉलिटिक्स के जरिए वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संपर्क में आए।

इसके बाद बिधूड़ी ने लंबी सियासी पारी खेली। वे संगठन की राजनीति के रास्ते साल 2003 में पहली बार दिल्ली विधानसभा पहुंचे।

साल 2014 में पहली बार दक्षिणी दिल्ली की प्रतिष्ठित सीट से लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले वे तीन बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य रह चुके थे।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रमेश बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और कांग्रेस उम्मीदवार और बॉक्सिंग चैंपियन विजेंदर सिंह को हराया था। (bbc.com/hindi)


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