विचार / लेख
-शंभूनाथ
1) हिंदू परिवारों में लक्ष्मी एक बड़ा प्रिय शब्द है, क्योंकि धन-संपत्ति आज के जमाने में किसे प्रिय नहीं है! आज लक्ष्मी पूजा है। जहां आज नहीं है, वहां दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा होगी। लाखों लोग लक्ष्मी को याद करेंगे। पर क्या कभी सोचा है कि लक्ष्मी की सवारी उल्लू क्यों है?
उल्लू एक अनोखा जीव है जिसे दिन में दिखता नहीं है। फिर जिसने भी लक्ष्मी के साथ उल्लू की कल्पना की, उसका अभिप्राय इसके अलावा क्या होगा कि धन-संपत्ति पाकर अंधा न हो जाओ, बुद्धि के देवता गणेश को थोड़ा याद कर लो! इन दिनों जिनके पास लक्ष्मी ज्यादा है, वे कितने अंधे हो चुके हैं और सामान्य संवेदना भी खो चुके हैं, यह अब आम अनुभव है!
2) किसी परिवार में लडक़ी पैदा होने पर कभी सांत्वना पाने के लिए और कभी उसके गोरे सौंदर्य पर खुश होकर कहा जाता है कि लक्ष्मी पैदा हुई है। हिंदू कल्पना में सरस्वती, लक्ष्मी, सीता, राधा, दुर्गा, अधिकांश देवियां गोरी हैं। सभी देवता सांवले या काले हैं। यह इस देश में एक वर्ण-पूर्वग्रह है कि लडक़े भले काले हों, पर लडक़ी गोरी होनी चाहिए! अक्सर कहा जाता है, रूप में लक्ष्मी और गुण में सरस्वती! लडक़ों के बारे में कहा जाता है कि लडक़ों का रूप क्या देखना, उनका गुण देखो! लडक़ी सुंदर चाहिए, बीए पास और गृह कार्य में निपुण!!
लक्ष्मी की एक लोकप्रिय छवि विष्णु के चरणों के पास बैठकर उनकी सेवा करने की है। ऐसी धार्मिक छवियों ने भी स्त्रियों का क्या कर्तव्य है, यह निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है और उनके अधिकारों को हजारों साल से प्रभावित किया है। (बाकी पेज 5 पर)
3) यदि नई बहू के आने के बाद कोई दुर्घटना हो गई तो उसे सुनना पड़ता है, ‘इसका पैर खराब है’, ‘तू अलक्ष्मी है, तेरी वजह से नुकसान हुआ।’ फिर शिकायतों से लेकर मारने-जलाने तक का कर्मकांड चलता है!
स्त्री को अपने रूप-रंग, शकुन-अपशकुन, सुनिर्धारित कर्तव्य-अकर्तव्य आदि के कारण जो दुख-कष्ट झेलने पड़ते हैं, उसके मूल में पुरानी हिंदू धार्मिक कल्पनाओं की एक बड़ी भूमिका है। वे स्त्रियों पर थोपी गई हैं। अत: रूप और कर्तव्य को लेकर उन धार्मिक कल्पनाओं की सीमा को समझना चाहिए। लोगों को अपनी आस्थाओं को समय-समय पर बुद्धि की वाशिंग मशीन में स्वच्छ करते रहना चाहिए, ताकि जीवन में न्याय और स्वतंत्रता को जगह मिले!
तस्वीर: लक्ष्मी की एक हजार साल एक पुरानी मूर्ति, वाहन है उल्लू! इसी तरह गज लक्ष्मी हैं जो गुप्त काल में लोकप्रिय थीं!


