सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 2 जनवरी। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर हिंदी साहित्य परिषद सरगुजा ईकाई के तत्वावधान में हिंदी साहित्य परिषद के वरिष्ठ साहित्यकार देवेन्द्र नाथ दुबे के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ साहित्यकार ब्रम्हाशंकर सिंह के विशिष्ट आतिथ्य तथा हिंदी साहित्य परिषद अध्यक्ष विनोद हर्ष की अध्यक्षता में वार्षिक सम्मिलन तथा काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष कवि देवेन्द्र नाथ दुबे ने सभी कवि साहित्यकारों सहित जनमानस को नववर्ष की बधाई प्रेषित करते हुए नये वर्ष में साहित्य सृजन को गति प्रदान कर नया आयाम देने का आह्वान किया। वरिष्ठ साहित्यकार ब्रम्हाशंकर सिंह ने कहा कि युवा साहित्यकारों की प्रेरणा से उन्होंने भी नये वर्ष में पुन: कलम उठाने की ठान ली है,कलमकार की कलम समाज को प्रेरणा देने के लिए सदैव चलती रहनी चाहिए।
हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष कवि विनोद हर्ष ने सभी को नये वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए अपनी रचना दृष्टि से दृष्टि के मिलने को, मन का व्यवहार समझना ठीक नहीं का पाठ कर श्रोताओं को प्रेम की नई परिभाषा सिखाई। वरिष्ठ उपाध्यक्षा कवियित्री मीना वर्मा ने कोरोना पर अपनी संदेशपरक रचना का पाठ कर कोरोना से बचाव का संदेश दिया।
हिंदी साहित्य परिषद के महासचिव कवि संतोष सरल ने अपनी रचना नाकामी की बदनामी जब, बीते साल पे डाली जाती हैं नये साल से उम्मीदें हमेशा, क्यूँ बहुत सी पाली जाती है का पाठ कर बीते साल के दर्द को बखूबी बयां किया।
कवि कृष्ण कांत पाठक ने प्रेम गीत, कवियित्री गीता द्विवेदी ने श्याम भजन, कवियित्री पूनम दूबे ने प्रणय गीत, आशा पांडेय ने सुंदर छत्तीसगढ़ी गीत प्रस्तुत किया। कवियित्री गीता दुबे, माधुरी जायसवाल, राजलक्ष्मी पांडेय, शिल्पा पांडेय, ज्योति अम्बष्ट ने भी अपनी सुंदर प्रस्तुतियों से सबका ध्यान खींचा। गीतकार राजेन्द्र विश्वकर्मा, अंजनी सिन्हा, अंचल सिन्हा, मुकुंद लाल साहू, प्रकाश कश्यप, अंबरीश कश्यप तथा प्रबल त्रिपाठी ने भी अपनी शानदार रचनाओं का पाठ किया.
कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन कवि राजेश पांडेय अब्र ने किया। इस अवसर पर साहित्यकार मुकुंद लाल साहू को हिंदी साहित्य परिषद का उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा भी की गई। श्रोता के रूप में वरिष्ठ नागरिक राजीव दुबे, वीरेन्द्र दुबे, बुधराम तिर्की सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।