सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,10 दिसंबर। बाल अधिकार संरक्षण मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन महिला उत्पीडऩ निवारण के उद्देश्य से आंतरिक समिति का गठन एवं संचालन सहित नशे की प्रवृत्ति के विरुद्ध जन जागरूकता बाल विवाह रोकथाम एवं मोबाइल के दुष्परिणाम संबंधित समस्त विषयों पर जीवन अनमोल है, थीम पर जन जागरूकता का कार्यक्रम विजन समाजसेवी संस्था के द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन अधिवक्ता एवं समाजसेविका शिल्पा पांडे सृष्टि द्वारा किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज सेवक एवं वरिष्ठ साहित्यकार संतोष दास ने कहा की आज के समय में बच्चों के शैक्षणिक एवं शारीरिक विकास के साथ ही साथ बच्चों का मानसिक विकास भी अत्यंत आवश्यक है। यह आवश्यक नहीं कि बच्चा सत्य प्रतिशत अंक लाए, महत्वपूर्ण यह है कि वह बच्चा मां से इतना मजबूत होना चाहिए कि वह जीवन की हर परीक्षा का सामना डटकर करें,बात स्पष्ट है कि हमें देश के लिए हमारे नो निहालों को हर स्थिति में मां से मजबूत बनाने की जरूरत है।
संतोष दास ने कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती कविता के माध्यम से बच्चों के भीतर जोश भर दिया,अनेकों कविताओं के माध्यम से उन्होंने इस कार्यशाला को सहभागी कार्यशाला के रूप में पारित कर दिया। इस जन जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षा विभाग के जिला मिशन प्रबंधक सर्वजीत पाठक ने कहा कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए जितना जरूरी स्कूल का वातावरण है,उतना ही जरूरी उसके घर का भी वातावरण है।तनावपूर्ण घर का माहौल बच्चों को भीतर से कमजोरी तथा डरपोक बना देता है इसीलिए यह भी आवश्यक है की मानसिक स्वास्थ्य के कार्यक्रमों में यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए की अभिभावक भी बच्चों के मां की मजबूती की दिशा में सहयोगी साबित हो ना कि बाधक यह भी प्राय देखा जा रहा है की बच्चों को अच्छा इंसान बने की जिम्मेदारी भी अब टीचर्स पर आ गई है,क्योंकि माता-पिता बच्चों को बहुत कम समय देते हैं इसका कारण कुछ भी हो सकता है हो सकता है।
माता-पिता दोनों नौकरी पेशा हैं या किसी भी कारण बच्चों को कम समय देते हैं मैं सभी अभिभावकों से आग्रह करना चाहता हूं की बच्चों के संस्कार का पौधा घर से ही पोषण पाता है है एवं पल्लवित होता है,इसीलिए बच्चों को अच्छा इंसान बनकर स्कूल भेजें,संस्कारों के साथ स्कूल भेजें ताकि स्कूल के शिक्षक उसे संस्कार के नन्हे पौधे को खींचकर फलदार वृक्ष में परिणत कर सके।आज पहली बार कार्मेल स्कूल में इतने अनोखे एवं शिक्षाप्रद कार्यशाला को देखकर मैं बहुत प्रसन्न हूं। मैं यहां की प्रिंसिपल से निवेदन करूंगा कि ऐसे ही शासन को सहयोग करते रहे एवं बच्चों के मानसिक विकास में सहयोग प्रदान करते रहें,इस जन जागरूकता कार्यक्रम की संयोजिका एवं विजन समाजसेवी संस्था की निर्देशक शिल्पा पांडे ने बताया की उच्चतम न्यायालय द्वारा 22 अक्टूबर को शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या एवं मानसिक स्वास्थ्य संकट को देखते हुए हर शैक्षणिक संस्थान में मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन के लिए कार्यशालाओं बैठकों नाटकों, एवं अन्य माध्यमों से जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं ताकि जो बच्चे रेड जोन में है उन्हें जीवन की प्रत्याशा में वापस लौटाया जाए, शिल्पा पांडे ने यह भी बताया कि लगातार उनके द्वारा शिक्षकों से संवाद स्थापित किया जा रहा है तथा बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने के बाद ऐसा अनुभव हो रहा है की सच में उन्हें एक साथ की जरूरत है,हमारा थोड़ा सा प्रयास कई माता-पिता के बच्चों का जीवन बचा सकता है।जीवन अनमोल है यह जागरूकता की थीम जीवन के प्रति विश्वास एवं आस्था को पुन: स्थापित करना है।मैं प्रत्येक बच्चे से या कहना चाहूंगी की आपको स्कूल में घर के आसपास रास्ते में कहीं पर भी यदि मानसिक रूप से असुरक्षा महसूस होती है तो आप मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं।
जन जागरूकता कार्यक्रम के अंत में कार्मल स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर रोशनी द्वारा सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं सर गर्वित मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन के कार्यशाला को अपने आप में विशेष माना गया सिस्टर ने कहा कि सभी वक्ताओं द्वारा आज कि कार्यशाला में बच्चों को बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है,मैं आशा करती हूं की आपको कई दुविधाओं से निकलने में यह टीम न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी काम आएगी। कार्यक्रम में समाजसेविका अरुणा सिंह द्वारा भी अपने उद्गार व्यक्त किए गए,उन्होंने कहा कि बच्चों को मजबूत बनाने के लिए हम सभी विजन की टीम के साथ कम से कम मिलने के लिए तैयार हैं,ताकि हमारे देश के भविष्य बच्चे मजबूत तथा आत्मविश्वास से भरे रहें। कार्यक्रम में विजन समाजसेवी संस्था के राजू यादव ,सुरेखा पैकरा ,परमानंद गुप्ता एवं पीजी कॉलेज के एनसीसी के बच्चे भी मौजूद थे।


