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के आर टेक्निकल कॉलेज में शिक्षकों का विशेष जागरूकता सत्र
10-Dec-2025 10:49 PM
 के आर टेक्निकल कॉलेज में शिक्षकों का विशेष जागरूकता सत्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर,10 दिसंबर। के आर टेक्निकल कॉलेज संजय नगर में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकों के लिए विशेष रूप से आयोजित मानवाधिकार जागरूकता सत्र उत्साहपूर्वक एवं गरिमामय वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को मानवाधिकारों के आधुनिक दृष्टिकोण, डिजिटल चुनौतियों और शैक्षणिक वातावरण में इनके व्यावहारिक उपयोग के प्रति अधिक संवेदनशील और जागरूक बनाना था।

इस सत्र की सबसे प्रमुख विशेषता रही महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ. रीनू जैन और प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा का प्रेरक मार्गदर्शन, जिसने पूरे आयोजन को एक नई दिशा और विशिष्ट ऊर्जा प्रदान की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डायरेक्टर डॉ. जैन ने अपने संबोधन में यह महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किया कि शिक्षा संस्थान केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि मानवाधिकारों के संवाहक भी हैं। उन्होंने कहा कि यदि कक्षा का वातावरण सम्मान, समानता और सुरक्षित संवाद पर आधारित हो, तो मानवाधिकार शिक्षा स्वत: ही व्यवहार में उतरती है। उनका यह उद्बोधन शिक्षकों को न केवल प्रेरित करता है, बल्कि उनके पेशेवर दायित्वों को और अधिक स्पष्ट भी करता है।

प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा ने डिजिटल युग में मानवाधिकार विषय पर अपने विचार रखते हुए विस्तृत रूप से बताया कि आज के समय में मानवाधिकारों का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया, डेटा सुरक्षा और साइबर नैतिकता ने मानवाधिकारों को एक नए आयाम में प्रवेश कराया है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों की भूमिका अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि उन्हें न केवल विद्यार्थियों को अकादमिक ज्ञान देना है, बल्कि उन्हें सुरक्षित और जिम्मेदार डिजिटल नागरिक भी बनाना है। उनके विचारों ने उपस्थित शिक्षकों में एक नई सोच और जागरूकता को जन्म दिया।

कार्यक्रम में कला संकायाध्यक्ष ममता दुबे,समाज कार्य विभागाध्यक्ष पल्लवी तिरोले, इतिहास प्राध्यापक ज्ञानलता केरकेट्टा,अंग्रेज़ी प्राध्यापक अनुराधा एक्का और राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी विनितेश गुप्ता ने भी अपने-अपने विषयों पर सारगर्भित और प्रभावशाली वक्तव्य प्रस्तुत किए। साहित्य, इतिहास, कला, सामाजिक कार्य और युवा शक्ति—सभी विषयों के माध्यम से मानवाधिकारों के विविध आयामों को अत्यंत सरल और समझने योग्य रूप में प्रस्तुत किया गया।

 प्रत्येक प्रस्तुति ने कार्यक्रम की बौद्धिकता और संवेदनशीलता को और गहरा किया।

सत्र के समापन पर प्राचार्य डॉ. वर्मा ने आयोजन समिति और सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षण को केवल पेशा नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्थापित करते हैं। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि मानवाधिकारों को लेकर शिक्षकों में विकसित यह दृष्टिकोण विद्यार्थियों तक भी सकारात्मक रूप में पहुँचेगा।

मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित यह विशेष सत्र के आर टेक्निकल कॉलेज में शिक्षकों के ज्ञान, जागरूकता और संवेदनशीलता को एक नई दिशा प्रदान करने में पूर्णत: सफल रहा।


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