सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 22 अगस्त। शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय,अम्बिकापुर में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंजूषा भगत, महापौर, नगर निगम अम्बिकापुर, विशिष्ट अतिथि रामलखन सिंह पैंकरा,प्रदेश उपाध्यक्ष, जनजातीय गौरव समाज तथा मुख्य वक्ता इन्दर भगत, प्रदेश अध्यक्ष, जनजातीय गौरव युवा समाज, करता राम गुप्ता, संरक्षक जनजातीय गौरव समाज तथा बिहारी लाल तिर्की, जिला अध्यक्ष जनजातीय गौरव समाज, सरगुजा उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया ने स्वागत उद्बोधन व छात्राओं को शुभकामनाएं दीं।
मुख्य वक्ता इन्दर भगत ने 1857 की क्रांति व उसके पूर्व के जनजातीय जननायक पर विस्तार से प्रकाश डाला और भगवान बिरसा मुण्डा के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया, उन्होंने ने कहा की जनजातियों को सही तौर पर जानने के लिए उनके महापुरूषों को देखना-समझना पड़ेगा।
विशिष्ट अतिथि रामलखन पैंकरा ने जनजातीय संस्कृति, परंम्परा को गैर जनजाति तक पहुंचाने की बात कही। उन्होंने कहा की कुछ बातें अन्य समुदाय जनजातीय संस्कृति से भी सीख सकते हैं। एकलव्य की जिक्र करते हुए उन्होंने दुसरे को दान देने की प्रवृत्ति को प्रात्साहित किया और अपनी कमाई का दसवां हिस्सा समाज को देने के लिए कहा।
मुख्य अतिथि मंजूषा भगत ने सरगुजिहा बोली में वक्तव्य दिया व छात्राओं को अपनी बोलियों को बोलने के लिए प्रात्साहित किया। अपनी जाति पर लाज़ रखने की बात को छोडऩे के लिए कहा, साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सरगुजा अगमन पर भी चर्चा कीं। उन्होंने जल-जंगल-जमीन और आदिवासी परम्परा को संरक्षित करने की बात कही।
छात्राओं द्वारा फैन्सी डे्रस की प्रस्तुति दी गई, जिसमें मानसी राजवाड़े को उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं भरथरी गीत गायन पर विशिष्ट अतिथि रामलखन सिंह पैंकरा द्वारा इनाम राशि दी गई। अनुराध पैकरा ने रोपा गीत गाया तथा छात्राओं द्वारा करमा गीत गाया।
साथ ही छात्राओं द्वारा निर्मित जनजातीय महापुरूष तथा जनजातीय कला संस्कृति को उजागर करती पोस्टर प्रदर्शनी व रंगोली से महाविद्यालय प्रांगण को सजाया गया।
महाविद्यालय प्रांगण में फूड फेस्टिवल भी मनाया गया, जिसमें छात्राओं द्वारा विभिन्न पारंपरिक व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया जिनका अतिथिगण तथा महविद्यालय के समस्त स्टॉफ ने निरीक्षण, व्यंजन चख कर छात्राओं का उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम के अंत में करमा नृत्य द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया जिसमें अतिथिगण ने भी उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में श्वेता सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम की संयोजक प्रियंका सिन्द्रामे, सहायक प्राध्यापक प्राणीशास्त्र, एवं सह संयोजक श्वेता, सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र रहीं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महाविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्राओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।


