सरगुजा

सडक़ सत्याग्रह की पहल, अंबिकापुर की सडक़ों पर सर्वदलीय मंथन
08-Sep-2025 9:45 PM
सडक़ सत्याग्रह की पहल, अंबिकापुर  की सडक़ों पर सर्वदलीय मंथन

रायपुर जाकर मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री से करेंगे मुलाकात

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 8 सितंबर। सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर की खस्ताहाल सडक़ों को लेकर  ‘सडक़ सत्याग्रह ’ की पहल पर नगर के मनेंद्रगढ़ रोड स्थित होटल माखन बिहार में सर्वदलीय मंच की बैठक हुई। बैठक में भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के जनप्रतिनिधि, महापौर, सभापति, नेता प्रतिपक्ष, व्यापारी, चिकित्सक,पत्रकार, रंगमंच व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। सडक़ सत्याग्रह के संयोजक डॉ. योगेंद्र सिंह गहरवार ने सभी से सुझाव मांगे और सभी ने अपने-अपने विचार रखे।

नगर निगम की ओर से महापौर मंजूषा भगत ने बताया कि कौन-कौन सी सडक़ किस विभाग की है और किसके लिए कितनी राशि स्वीकृत हुई है। तकनीकी जानकारी देने निगम के आर्किटेक्ट मनोज पाठक भी मौजूद रहे।

बैठक में महापौर मंजूषा भगत, सभापति हरमिंदर सिंह टिन्नी, नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता, जन अधिकार मंच के त्रिभुवन सिंह, आर्किटेक्ट मनोज पाठक, नरेंद्र सिंह टुटेजा, रंजन खेड़पांडे, नितिन अभय पालोरकर, द्वितेंद्र मिश्रा, आईबी तिवारी, अनंगपाल दीक्षित, सुधीर पांडेय, कैलाश मिश्रा, सुजान बिंद, अनुज सिंह, डॉ. योगेंद्र सिंह गहरवार, त्रिलोचन सिंह बाबरा, अजीत अग्रवाल, आनंद यादव, अभय पालोरकर, शांतनु गर्ग, जयेश वर्मा, आदित्य गुप्ता, लव कुमार दुबे, कृष्णानंद तिवारी सहित अनेक लोग।

महापौर ने स्वीकारा - 75 फीसदी सडक़ खराब

महापौर मंजूषा भगत ने स्वीकार किया कि शहर की 75 प्रतिशत सडक़ें खराब हैं। उन्होंने कहा कि इस बार बारिश जल्दी शुरू होने से काम नहीं हो पाया। फिलहाल लगभग 18 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसमें से 15 करोड़ का टेंडर जारी है, जिसमें 11 करोड़ सडक़ों के लिए और शेष भवनों के निर्माण के लिए है। उन्होंने कहा कि अब बारिश थमते ही अक्टूबर से सडक़ निर्माण शुरू होगा।

तकनीकी खामियां और ड्रेनेज समस्या

आर्किटेक्ट मनोज पाठक ने कहा कि निर्माण के दौरान तकनीकी परेशानियों और ड्रेनेज व्यवस्था की खामियों के कारण सडक़ों की हालत जल्दी खराब होती है। यदि सही तरीके से सडक़ बने तो डामरीकरण की आयु 20 साल तक हो सकती है।

32 करोड़ की सडक़ टूटी है, सात करोड़ से क्या होगा- नेताप्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा कि दलगत भावना से ऊपर उठकर सडक़ों के निर्माण के लिए सभी को आगे आना होगा।

उन्होंने कहा कि अंबिकापुर शहर की टूटी सडक़ों के लिए 32 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। मात्र सात या 10 करोड़ से कुछ भी संभव नहीं। उन्होंने कहा कि कई बार नागरिकों के दबाव में कम राशि से ज्यादा सडक़ें बना दी जाती हैं, जिससे गुणवत्ता प्रभावित होती है।

लगे सूचना बोर्ड ,पारदर्शिता जरूरी- डॉ. योगेंद्र सिंह गहरवार

सडक़ सत्याग्रह के संयोजक डॉ. योगेंद्र सिंह गहरवार ने कहा कि शहर की सडक़ें कभी भी अच्छी नहीं मिलीं। उन्होंने सुझाव दिया कि जहां भी सडक़ निर्माण हो, वहां सूचना बोर्ड लगाया जाए जिसमें लागत, अवधि, ठेकेदार और अभियंता का नाम हो, ताकि नागरिक निगरानी रख सकें और गुणवत्ता पर दबाव बना सकें।

बाहरी रिंग रोड की जरूरत

कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि अंबिकापुर शहर का डिजिटल सर्वे होना चाहिए ताकि सडक़ों की चौड़ाई, नालियों की स्थिति और अवैध कब्जों की जानकारी साफ हो।उन्होंने कहा कि शहर से अवैध कब्जे नहीं हटे और पानी की निकासी सही नहीं हुई तो सडक़ें हमेशा खराब होंगी।उन्होंने साथ ही बाहरी रिंग रोड की भी मांग रखी।

सर्वदलीय सहमति -रायपुर जाएंगे सीएम से मिलने

बैठक में निर्णय लिया गया कि अंबिकापुर की सडक़ों के सुधार के लिए सडक़ सत्याग्रह का प्रतिनिधिमंडल रायपुर जाकर मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री से मुलाकात करेगा।सभी ने आश्वासन दिया कि दलगत भावना से ऊपर उठकर शहर के विकास के लिए एकजुट रहेंगे।

गुणवत्ता पर नजर बनाए रखें नागरिक

सामाजिक कार्यकर्ता व भाजपा नेता कैलाश मिश्रा ने कहा कि सत्ता किसी की भी हो नागरिकों को सुविधाओं से मतलब है,इस समय सडक़े अत्यधिक खराब है।प्राथमिकता निर्माण की हो और निर्माण भी गुणवत्तायुक्त हो इसलिए सडक़ सत्याग्रह के साथ शहर के नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वह गुणवत्ता पर नजर बनाए रखे।सामाजिक कार्यकर्ता सुजान बिंद ने भी बाहरी रिंग रोड पर बल देते हुए नया अंबिकापुर निर्माण की भी बात कही। विधायक प्रतिनिधि मनोज अग्रवाल ने कहा कि अंबिकापुर की सडक़ जल्द बनेंगे हम सब मिलकर इसे संवारेंगे और गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराएंगे। सभी ने मिलकर सडक़ सत्याग्रह की पहल की सराहना की।


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