सरगुजा

मांगों को लेकर सीएम को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 8 सितंबर। एग्रीस्टैक पंजीयन की शिथिलता, खाद अनुपलब्धता,फसल बीमा में मनमानी सहित किसानों से जुड़े विविध मसलों को लेकर सरगुजा कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक एवं पूर्व अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने राजीव भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार किसानों को परेशान करने का काम कर रही है, जब रसिया से क्रूड ऑयल आ सकता है तो किसानों के लिए खाद क्यों नहीं ला पा रहे हैं। किसानों को अगर समय पर यूरिया खाद नहीं मिलेगा तो वह अपनी खेती कैसे बचा पाएंगे।
पूर्व अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि एग्री स्टैक पंजीयन की शिथिलता के कारण किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है,लघु और छोटे किसानों को काफी दिक्कत हो रहा है।वन अधिकार पट्टे वाले किसानों की संख्या पूरे सरगुजा जिला में लगभग 1600 है जिनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है।इस संदर्भ में राज्य सरकार को भी अवगत कराया जा चुका है,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। सरकार किसानों के कमर तोड़ तोडऩे पर उतर आई है।इन्हीं सब मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
मांग की गई है कि धान खरीदी की क्रय नीति सरकार त्वरित रुप से जारी करे। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नीति इस प्रकार की हो जिससे लघु और सीमांत किसानो का हित हो।एग्री स्टेट पोर्टल की विसंगतियों को दूर कर सभी पात्र किसानो को इसमें शामिल किया जाये। एग्री स्टेट पोर्टल के मौजूदा मॉडल में वनभूमि, विगत 2 वर्ष में नामांतरण, फौती-कय विक्रय या अन्य प्रक्रिया से स्वामित्व अंतरण वाले कृषि भूमि का पंजियन नहीं हो पा रहा है। इस विसंगती की वजह से बडी संख्या में किसान समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के पात्र नहीं रहेंगे। इस विसंगति को तत्काल दूर किया जाये। सम्मलित खातेदारों को लेकर राजस्व विभाग के रिकार्ड की त्रुटि को भी दूर किया जाये।एग्री स्टेट पंजियन का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए सरकार पंजियन में कृषि, उ?द्यानिकी, पशुपालन, मतस्य पालन आदि कृषि से संबंधित विविध शाखाओं को इसके दायरे में लाये एवं इससे संबंधित किसानो को पंजियन का लाभ प्राप्त हो।
खरीफ के सीजन में उचित समय पर खाद की उपलब्धता नहीं कराई गई इसका कारण सरकार स्पष्ट करे।फसल बीमा योजना में ओटीपी-इन एवं ओटीपी-आउट का नियमानुसार पालन सुनिश्चित किया जाये एवं वन अधिकार भूमि को भी इसके दायरे में लाया जाये।