सरगुजा

कांग्रेसियों ने मंत्री केदार का फूंका पुतला, मंत्री मंडल से बर्खास्तगी की मांग
07-Sep-2025 9:25 PM
कांग्रेसियों ने मंत्री केदार का फूंका पुतला, मंत्री मंडल से बर्खास्तगी की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 7 सितंबर। छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री केदार कश्यप पर सर्किट हाउस जगदलपुर के कर्मचारी खितेन्द्र पांडे  क ी पिटाई और अपशब्दों के प्रयोग के आरोप लगे हैं। पिटाई के विरोध में आज जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा ने घड़ी चौक पर मंत्री का पुतला दहन करते हुए उनके मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग की है।

एक लकवाग्रस्त शासकीय कर्मचारी के साथ भाजपा के वरिष्ठ मंत्री के इस आपत्तिजनक और आपराधिक व्यवहार की जानकारी होने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूरे छत्तीसगढ़ में पुतला दहन का निर्णय लिया। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जो एक कर्मचारी की भावना को नहीं समझ पा रहा है, उंसे प्रताडि़त कर रहा है, उसे जातिसूचक गाली दे रहा है को प्रदेश सरकार में मंत्रिपरिषद में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस माननीय मुख्यमंत्री जी से इनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग करती है।

इस दौरान 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद,पीसीसी महामंत्री द्वितेन्द्र मिश्रा, ब्लॉक कांग्रेस अम्बिकापुर अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, रामविनय सिंह,दुर्गेश गुप्ता,इरफान सिद्धकी,इंद्रजीत सिंह धंजल,विनीत विशाल जायसवाल, सीमा सोनी, संजीव मंदिलवार, रसीद अहमद, गीता प्रजापति,अनूप मेहता,अशफाक अली,जमील खान,गुरुप्रीत सिद्धू, लोकेश पासवान,शंकर प्रजापति,चंद्रप्रकाश सिंह,नीतीश चौरसिया,रजनीश सिंह,निकी खान,सोहन जायसवाल, अमित तिवारी राजा,आशीष जायसवाल,आशीष शील, प्रीति सिंह, विष्णु सिंहदेव,काजू खान,प्रभात रंजन सिन्हा,जीवन यादव,विवेक सिंह,शिवप्रसाद अग्रहरि, उत्तम राजवाड़े,अविनाश कुमार आदि मौजूद थे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दी तीखी प्रतिक्रिया

इस घटना पर पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है कि यह घटना सत्ता के अहंकार और असंवेदनशीलता को उजागर करता है। उन्होंने सवाल उठाया है कि भाजपा सरकार में कर्मचारियों की इज्ज़त और सुरक्षा मायने नहीं रखती। जब कर्मचारी ही सुरक्षित नहीं हैं तो जनता क्या सुरक्षित रहेगी। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र में जनता की सेवा करने वालों के साथ दुव्र्यवहार अस्वीकार है। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से पूछा है कि ऐसे मंत्रियों के विरुद्ध करवाई होगी या सत्ता के दबाव में मामले को दबा दिया जायेगा।


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