सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 23 जुलाई। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित चंदौरा के प्रबंधक विजय कुमार के खिलाफ लगाए गए दुव्र्यवहार और अवैध वसूली के आरोप प्रशासनिक जांच में पूरी तरह झूठे साबित हुए हैं। तहसील प्रशासन द्वारा की गई जांच में समिति प्रबंधक को निर्दोष पाया गया, जबकि शिकायतकर्ताओं ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
नियमों के पालन पर हुई नाराजगी
प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता मुकेश जायसवाल ने अन्य किसानों सूर्यवंश और पंचन के केसीसी चेक की मांग की थी। लेकिन नियमानुसार किसान की उपस्थिति, ऋण चुकता विवरण और आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी करने की बात कहने पर वह नाराज हो गया। इसी रंजिश में झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने की धमकी दी गई।
शिकायतकर्ता ने खुद मानी गलती
शिकायत में हस्ताक्षर करने वाले ग्राम पकनी के सरपंच मंगल सिंह ने लिखित में स्वीकार किया कि उन्होंने शिकायत पत्र पर मुकेश जायसवाल के कहने पर गलती से हस्ताक्षर कर दिए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके साथ समिति प्रबंधक ने कभी कोई दुर्व्यवहार या अवैध मांग नहीं की, और वे इस मामले पर अब कोई कार्रवाई नहीं चाहते।
ग्रामीणों का मिला भरपूर समर्थन
जांच के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण समिति कार्यालय पहुंचे और अपने बयान दिए। सभी ने बताया कि वे पिछले 5 वर्षों से समिति से खाद, बीज, ऋण और धान विक्रय की सेवाएं ले रहे हैं और प्रबंधक विजय कुमार का व्यवहार हमेशा अनुशासित, ईमानदार और सहयोगात्मक रहा है। किसी भी तरह की बदसलूकी या अवैध वसूली की कोई घटना नहीं हुई है।
प्रबंधक ने जताई पीड़ा, जताया संतोष
विजय कुमार ने कहा, फर्जी आरोपों से मानसिक आघात जरूर पहुंचा, लेकिन संतोष है कि प्रशासनिक जांच ने सच्चाई सामने ला दी। मैं हमेशा किसानों की सेवा को ही अपना कर्तव्य मानता रहा हूं और आगे भी पूरी निष्ठा से कार्य करता रहूंगा।