सरगुजा

संत गहिरा गुरु विवि के परीक्षा परिणाम में भारी विसंगति का आरोप आजाद सेवा संघ ने कुलपति से की मुलाकात
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 22 जुलाई। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए बीए अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणामों ने छात्रों और अभिभावकों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। विशेष रूप से राजमोहिनी देवी गल्र्स कॉलेज की बीए अंतिम वर्ष की छात्राओं के परिणाम सवालों के घेरे में आ गए हैं।
जानकारी के अनुसार, कॉलेज की लगभग 85 प्रतिशत छात्राओं को अंग्रेजी विषय में अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया है। जो बात सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली है,वह यह कि इन सभी छात्राओं को एक ही पैटर्न पर बेहद कम अंक दिए गए हैं, जैसे 5,10 या अधिकतम 15 अंक, जिससे यह संदेह गहरा गया है कि मूल्यांकन प्रक्रिया में गंभीर त्रुटियां हुई हैं या जानबूझकर लापरवाही बरती गई है।
इस गंभीर और संवेदनशील मामले को लेकर आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रभावित छात्राओं ने बुधवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीपी सिंह से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश सचिव रचित मिश्रा ने कुलपति को पूरे प्रकरण की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि किस तरह से ये परिणाम छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने अपनी बातों को मजबूती से रखते हुए विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
कुलपति प्रोफेसर पीपी सिंह ने मामले की गंभीरता को समझा और छात्राओं की आपबीती सुनने के बाद उचित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस गंभीर अनियमितता की गहन जांच के आदेश देते हुए तत्काल एक जांच कमेटी गठित करने की घोषणा की। यह कमेटी पूरे मामले की पड़ताल करेगी और अनियमितताओं के कारणों का पता लगाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों की पुनरावृत्ति न हो। रचित मिश्रा ने बताया कि राजमोहिनी देवी गल्र्स कॉलेज में बीए अंतिम वर्ष की कुल 511 छात्राएं अध्ययनरत हैं, जिनमें से चौंकाने वाली संख्या में 363 छात्राएं केवल अंग्रेजी विषय में फेल हो गई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा यह कोई पहली बार नहीं है कि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है। पिछले कुछ समय से जितने भी परीक्षा परिणाम जारी हो रहे हैं, उनमें से आधे से ज़्यादा विद्यार्थियों को या तो अनुत्तीर्ण कर दिया जाता है, या उन्हें शून्य अंक दे दिए जाते हैं, या फिर उनके परिणाम बिना किसी स्पष्ट कारण के रोक दिए जाते हैं।
मिश्रा ने जोर देकर कहा कि इस प्रकार की निरंतर गलतियों और लापरवाही से विद्यार्थियों का पढ़ाई करने का मनोबल पूरी तरह से टूटता जा रहा है और वे अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में जी रहे हैं।
आजाद सेवा संघ ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि आने वाले समय में इस प्रकार की गलतियां लगातार दोहराई जाती हैं और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ जारी रहता है, तो संगठन चुप नहीं बैठेगा। संघ ने कहा कि ऐसी स्थिति में उनकी ओर से एक बड़ा और व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही विश्वविद्यालय प्रबंधन की होगी। संघ ने मांग की है कि जांच कमेटी जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, साथ ही सभी प्रभावित छात्राओं के परिणामों की निष्पक्ष रूप से फिर से जांच की जाए।