सरगुजा

देर रात तक मनी खुशियां, जमकर आतिशबाजी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 20 अप्रैल। अंधकार में भटक रहे लोगों को क्या मालूम की ईस्टर का अर्थ आशा होता है, लेकिन दुनिया आज युद्ध के आगोश में सिसक रही है। गरीब पड़ोसी देश को कुचलकर लूटकर धनी देश और धनवान हो जाने की होड़ में लगे हुए हैं। हमारे देश मे भी न्याय, दया, क्षमा जैसे सद्गुण हमसे दूर होते चले जा रहे हैं। विश्वास व मानवीय मूल्य आखरी सांस ले रही है। उक्त बातें सरगुजा धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष बिशप अंतोनिस बड़ा ने प्रभु ईशा के मृत्यु पर विजय के पर्व ईस्टर की पूर्व संध्या पर नवापारा स्थित बेदाग इश्माता महा गिरजाघर में समुदाय को संबोधित करते हुए अपने संदेश में कही।
खचाखच भरे चर्च परिसर में शनिवार रात 10 बजे से विशेष प्रार्थना प्रारम्भ हुई और देर रात तक कार्यक्रम चलता रहा। पुण्य शनिवार की रात 10 बजे पास्का मोमबत्ती के आशीष के बाद समुदाय द्वारा घरों लाई हुई मोमबत्तियों को पास्का मोमबत्ती से प्रज्ज्वलित कर समस्त धर्म विधियां प्रारंभ हुई।
समस्त धार्मिक अनुषठान बिशप अंतोनिस बड़ा की अगुवाई में व्हिकर जनरल फादर विलियम उर्रे पल्ली पुरोहित फादर जार्ज ग्रे कुजूर ने संयुक्त रूप से सम्पन्न कराई। इस दौरान पवित्र बाइबिल से आठ पाठों का वाचन फ्रांसिस केरकेट्टा, शिलानंद खाखा,मनोज एक्का,सिस्टर अंजेला टोप्पो, सिकंदर तिग्गा, अलका लकड़ा, प्रदीप तिग्गा,सिस्टर आशा खलखो आदि लोगों के द्वारा किया गया।
रात 10 बजे से प्रारंभ होकर देर रात तक चले इस पूरे कार्यक्रम के दौरान बीच-बीच में फादर अनुरंजन तिग्गा, फादर जोन जैसवाल व फादर मुक्ति के नेतृत्व में युवा संघ, महिला संघ व काथलिक सभा की टीम ने भक्ति गीतों से चर्च परिसर गूंजायमान होता रहा। दुखभोग काल के पुण्य सप्ताह में प्रभु यीशु को समर्पित भक्ति गीतों की प्रस्तुति को भक्तों ने खूब सराहा। आशीष जल के छिडक़ाव एवं परम प्रसाद वितरण के साथ ही समस्त धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न हुए।
दूरस्थ अंचलों में बसे लोगों व घर बैठे बुजुर्गों के लिए इस पूरे कार्यक्रम का यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण की सुविधा भी जेरिन जोसेफ के द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। 12 बजते ही चर्च की घंटियां बजना शुरू होते ही चर्च के बाजू में ही काथलिक युवा मंच के युवाओं ने जमकर आतिशबाजी कर अपनी खुशियों के संदेश को दिया।
इस अवसर पर पूर्व महापौर अजय तिर्की, विधायक लुंड्रा प्रबोध मिंज,अरुण मिंज, जगजीत मिंज, बोनिफास दादा, भानु खलखो, बिपिन लकड़ा, फादर माइकल,फा. जकी, फ़ा कल्यानुस, फ़ा ज्ञान युवा संघ,महिला संघ के पदाधिकारी, सहित शहर में समुदाय द्वारा संचालित संस्थानों के प्रमुख फादर सिस्टर्स व हजारों की संख्या में ईसाई समाज के लोग उपस्थित थे।