सरगुजा

चैत्र नवरात्रि की भक्ति में डूबा नगर, मंदिरों में गूंजे जयकारे
05-Apr-2025 8:44 PM
चैत्र नवरात्रि की भक्ति में डूबा नगर, मंदिरों में गूंजे जयकारे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

प्रतापपुर, 5 अप्रैल। चैत्र नवरात्रि पर प्रतापपुर नगर इन दिनों भक्ति और आस्था के रंग में सराबोर हो गया है। गांव-गांव से आए पांडा, बैगा, जस ज्वार दलों द्वारा ढोल, मांदर और शहनाई की गूंज के बीच माता रानी का आह्वान किया जा रहा है। पारंपरिक जस गीतों पर थिरकते श्रद्धालु, हाथों में जलते खप्पड़ और मुंह में बाना डालकर माता रानी की भक्ति में लीन होकर नगर भ्रमण कर रहे हैं।

सरगुजा अंचल की समृद्ध परंपरा के अनुसार, बैगा-पांडा अपने-अपने धामों से निकलकर नगर में माता रानी का जोत जलाते हुए प्रवेश करते हैं। मां समलेश्वरी, मां दुर्गा और मां कुदरगढ़ी का आह्वान करते हुए वे भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान पारंपरिक वेशभूषा और भक्तिमय गीतों से पूरा नगर गूंज उठता है।

खास बात यह है कि श्रद्धा और तपस्या की पराकाष्ठा देखने को तब मिलती है, जब कुछ श्रद्धालु मुंह में त्रिशूल, गालों में बाना और हाथों में जलते खप्पड़ लिए पूरे दिन माता रानी के नाम पर भक्ति में डूबे रहते हैं। ये दृश्य नगरवासियों के लिए आस्था और शक्ति का अद्भुत संगम होता है।

प्रतापपुर व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने बताया कि,सैकड़ों वर्षों से यह परंपरा निर्विघ्न रूप से निभाई जा रही है। चैत्र नवरात्रि के दिनों में पूरा नगर भक्ति में रंग जाता है। हर गांव से बैगा-पांडा माता रानी का आशीर्वाद लेकर नगर भ्रमण करते हैं और नगरवासी बड़ी श्रद्धा से उनका स्वागत कर पूजन करते हैं।

नगरवासियों के लिए यह समय विशेष होता है जब भक्ति, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। माता रानी की कृपा से पूरा क्षेत्र सुख-शांति और समृद्धि की कामना में लीन हो जाता है।


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