सरगुजा

केआर टेक्निकल कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर व्याख्यान माला
22-Feb-2025 2:37 PM
केआर टेक्निकल कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर व्याख्यान माला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 22 फरवरी।
के आर टेक्निकल महाविद्यालय, अंबिकापुर में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर भव्य व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए मातृभाषा के महत्व और बहुभाषावाद के लाभों पर जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि मातृभाषा हमारी संस्कृति, पहचान और सामाजिक जुड़ाव की आधारशिला है। हमें इसे सहेजने और व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। साथ ही, अन्य भाषाओं का ज्ञान हमारे लिए वैश्विक अवसरों के द्वार खोल सकता है। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, सहायक प्राध्यापक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक विनोद चौधरी ने सरगुजिहा भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे दैनिक जीवन में अपनाने की आवश्यकता बताई। 

 मौमिता दत्ता दास ने बंगाली भाषा की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा की और एक बंगाली गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
हिंदी विभाग के विभाग प्रमुख विनितेश गुप्ता ने सरगुजिहा लोकगीतों की सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित किया और इनके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। इतिहास विभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती ज्ञानलता केरकेट्टा ने कुड़ुख भाषा के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं पर विचार रखते हुए एक कुड़ुख गीत प्रस्तुत किया, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।वनस्पति विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक रेणु सिंह ने भोजपुरी भाषा की लोक परंपराओं और इसकी लोकप्रियता पर चर्चा की, जबकि अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापक अनुराधा एक्का ने अंग्रेजी भाषा के वैश्विक महत्व को रेखांकित किया और इसे अंतरराष्ट्रीय संवाद का एक प्रभावी माध्यम बताया।

वनस्पति विज्ञान विभाग के विभाग प्रमुख घनश्याम मैत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा की सांस्कृतिक समृद्धि को उजागर किया और एक छत्तीसगढ़ी लोकगीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी विभाग के विभाग प्रमुख विनितेश गुप्ता ने किया। इस आयोजन ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को मातृभाषा के संरक्षण और बहुभाषावाद के महत्व को समझने का अवसर प्रदान किया।  

प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा और सभी प्रतिभागियों को भाषाओं की विविधता को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।


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