सरगुजा

कोर्ट के आदेश के बाद भी 9 अफसरों सहित ठेकेदार पर 3 माह बाद भी एफआईआर नहीं
04-Jul-2025 10:48 PM
कोर्ट के आदेश के बाद भी 9 अफसरों सहित  ठेकेदार पर 3 माह बाद भी एफआईआर नहीं

गांधीनगर थाने को किया गया है निर्देशित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 4 जुलाई। अनियमितता के मामले में न्यायालय के आदेश के बाद भी आरईएस के 9 अधिकारियों सहित ठेकेदार पर 3 महीने बाद भी अबतक एफआईआर नहीं हो पाया है।

अनियमितता के मामले में परिवार दायर करने वाले प्रार्थी की सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने गांधीनगर पुलिस को तीन माह पूर्व मामले में एफआईआर दर्ज कर 15 दिनों में उसकी प्रति प्रस्तुत करने का आदेश दिया था,लेकिन पुलिस ने अब तक मामले में अपराध दर्ज नहीं किया है। प्रार्थी इसे न्यायालय के आदेश की अवहेलना बताते हुए फिर से न्यायालय जाने की तैयारी में है।

जानकारी के अनुसार गोधनपुर निवासी प्रार्थी रोहित सिंह द्वारा सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कर बताया गया था कि वर्ष 2019 में सरगंवा में आरईएस विभाग द्वारा जारी किये गए बाउंड्रीवाल निर्माण के कार्य को मेसर्स आशीर्वाद कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 30.35 प्रतिशत कम दर पर प्राप्त किया था। ठेकेदार को 16.75 लाख में 450 मीटर बाउंड्रीवाल निर्माण का कार्य कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंबिकापुर द्वारा अनुबंध कराकर प्रदान किया गया था।

प्रार्थी का आरोप था कि उपरोक्त निर्माण कार्य में संबंधित ठेकेदार तथा संबंधित अधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ कर अनियमितता करते हुए अवैध एवं फर्जी तरीके से शासकीय राशि का गबन किया गया है। बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य में हुए अनियमितता की शिकायत आवेदक के द्वारा आयुक्त सरगुजा संभाग तथा कार्यपालन अभियंता के समक्ष शिकायत आवेदन प्रस्तुत करने पर मामले की जांच कराने पर अनियमितता की पुष्टि हुई और निर्माण कार्य में ठेकेदार को 5,20,617 रूपये का अतिरिक्त भुगतान प्रमाणित पाया गया।

मामला सामने आने के बाद संबंधित ठेकेदार तथा समस्त संलिप्त अधिकारियों द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य को छुपाने का प्रयास भी किया गया। इस मामले में संभागायुक्त ने आरईएस के अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया था।

शिकायतकर्ता द्वारा उपरोक्त अनियमितता तथा अनियमितता के प्रमाणित होने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध गांधीनगर थाने व एसपी के समक्ष अपराध दर्ज करने के संबंध में आवेदन भी दिया गया था, लेकिन मामले में कोई कार्यवाही नहीं होने पर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया।

इस पूरे मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 28 मार्च 2025 को परिवाद स्वीकार करते हुए थाना प्रभारी गांधीनगर को मामले में पक्षकार बनाए गए ठेकेदार मेसर्स आशीर्वाद कंस्ट्रक्शन के दीपांशु राज निवासी गोधनपुर, तत्कालीन सहायक अभियंता उपेंद्र सिंह सेंगर, उप अभियंता विवेक प्रताप सिंह राठौर, कार्यपालन अभियंता आर.पी. कुटार, एसडीओ डी. के. मिंज, एसडीओ शैलेंद्र भारती, उप अभियंता अविनाश राज सिन्हा, अधीक्षण अभियंता जी. एन. सिंह, एसडीओ मानस गुप्ता व उप अभियंता फरहत खान के विरूद्ध मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज करने और 15 दिनों में एफआईआर की कापी न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया था परन्तु न्यायिक आदेश के तीन माह बाद भी गांधीनगर पुलिस अभी भी मामले में जांच नहीं कर पाई है।

इस मामले को लेकर गांधीनगर थाना प्रभारी से ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता ने मोबाइल पर बातचीत करने की कोशिश की गई तो उनका नंबर बंद मिला।


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