सरगुजा

कुँवरपुर में दो दिन बाद धूमधाम से मना छेरछेरा
15-Jan-2025 10:51 PM
कुँवरपुर में दो दिन बाद धूमधाम से मना छेरछेरा

बच्चों मे दिखा उत्साह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

लखनपुर, 15 जनवरी। सरगुजा में लोक त्योहारों की श्रृंखला में छेरछेरा तिहार का विशेष महत्व है। अन्नदान का महापर्व नगर सहित आसपास ग्रामीण इलाकों में सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। वहीं ग्राम पंचायत कुँवरपुर में दो दिन बाद यानी बुधवार को मनाया गया,जिसमें सबेरे से छोटे- छोटे बच्चों व बूढ़े की टोली घर घर जाकर (छेरता) छेरछेरा मांगते नजर आये। देर रात तक युवाओं की टोली मुहल्ले टोले के घरों में जाकर लोकडी नृत्य करते हुए चावल धान पैसे मांगे।

दरअसल प्रत्येक वर्ष पौष मास पूर्णिमा तिथि को छेरछेरा तिहार मनाये जाने का चलन सदियों पुराना रहा  है। इसे अन्न दान का त्योहार कहा जाता है। इस दिन बच्चे बुजुर्ग घर-घर जाकर छेरछेरा मांगते हैं। इस दिन दान करने से धन धान्य की वृद्धि होती है।

इसे बच्चों का त्योहार कहा जाता है। बच्चे बुजुर्ग महिला सभी एक दूसरे के घरों में जाकर -‘छेरछेरा कोठी के धान हेरहेरा’कहते हुए छेरछेरा मांगते हैं। इस परंपरा को कायम रखते हुए छेरछेरा मांगा। घरवाले मांगने वालों को धान चावल पैसा दान किये।

किसान कल्याण संघ पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता सितेश सिरदार ने कहा कि समाज में सामूहिकता और सहयोग का प्रतीक है छेरछेरा। पर्व की शुरुआत में ग्राम देवताओं की पूजा होती है, जिसे ग्रामीण अपने क्षेत्र की सुरक्षा तथा कृषि की उन्नति की कामना करते हैं।

यह पर्व फसल के कटाई के बाद एक सामूहिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो समाज के सभी वर्गों को एकजुट करता है।


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