सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 2 अक्टूबर। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान एवं सरगुजा साइंस ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का समापन जन शिक्षण संस्थान में किया गया। इस दौरान 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक जन शिक्षण संस्थान, सरगुजा साइंस ग्रुप, अम्बिका विकास समिति एवं एसएके ममोरियल के द्वारा विभिन्न विद्यालयों, कॉलेजों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये कार्यों के लिये संस्था के सदस्यों, कर्मचारियों एवं विद्यालय व महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अंजन सिंह ने कहा कि जब तक हम स्वयं में बदलाव नहीं लायेंगे तब तक चाहे जितने कार्यक्रम कर लें। उससे बहुत ज्यादा फर्क समाज में नहीं पडऩे वाला। जिस चीज़ को जिस कार्य को करने के लिये हम दूसरों को बोलते हैं, पहले वह स्वयं करें तब जल्दी बदलाव देखा जा सकता है। आपके द्वारा खुद में किये गये बदलाव से पहले घर वाले, फिर आसपास और फिर समाज में बदलाव दिखता है। यहीं कारण है कि इस बार का नारा भी है स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता। जब हम अपने स्वभाव में बदलाव लायेंगे तो वहीं बदलाव धीरे-धीरे हमारे संस्कारों में भी दिखेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लायवलीहुड कॉलेज के प्राचार्य गिरीश गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन के साथ मिल कर आप सभी ने 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक कई कार्यक्रमों में सहभागिता की है इसके लिये सभी कार्यकर्ताओं, छात्र-छात्राओं का आभार। आप सभी स्वच्छता के इस क्रांति के मशाल वाहक बन निरंतर स्वच्छता के प्रति स्वयं को एवं समाज को जागरूक करते रहें।
विशिष्ट अतिथि संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय की प्राध्यापक रानी रजक ने कहा कि स्वभाव में परिवर्तन लाने से ही संस्कार के साथ यह जुड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने झाड़ू उठा कर स्वच्छता का संदेश दिया और आज उनके इस प्रेरणा के कारण गांव-गांव में स्वच्छता का अलख जगा है। किन्तु यह कोई दिन या पखवाड़ा तक सीमित न रहकर निरंतर चलता रहे।
सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा ने कहा कि न केवल सफाई के प्रति बल्कि अपनी सुरक्षा के प्रति, पर्यावरण के सुरक्षा के प्रति हम सब को अपने स्वभाव में बदलाव लाने की जरूरत है।
जब हम अपने स्वभाव में स्वच्छता, पर्यावरण, सडक़ सुरक्षा जैसी बातों को लेकर बदलाव लायेंगे ।
तो इससे हमारा घर भी प्रभावित होगा और यह फिर निरंतर चलता हुआ हमारे घरों के संस्कारों से जुड़ेगा। इसलिये पहले स्वयं में बदलाव लाने की जरूरत है तभी समाज और देश में बदलाव ला पायेंगे।
जन शिक्षण संस्थान के निदेशक एम सिद्दीकी ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 17 से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत निर्राधित कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा इस दौरान जन शिक्षण संस्थान के माध्यम से विभिन्न संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हुए कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का सफल संचालन व्याख्याता सुनीता दास ने किया।
इस दौरान स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत् ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में किये गये विभिन्न कार्यक्रमों, श्रमदान कार्यक्रम, चित्रकला, रंगोली, भाषण, निबंध, नारा लेखन आदि के लिये विभिन्न स्कूलों, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले स्वयं सेवकों, छात्र-छात्राओं और सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय व संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं व स्टॉफ को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पास दीप प्रज्जवलन एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रमेश यादव, रेणु यादव, अंजुलता तिर्की, शिल्पी गुप्ता, पूजा पाण्डेय, ककशा परवीन की सक्रिय भूमिका रही।
इस दौरान बेहतरीन चित्रकला हेतु प्रथम, द्वितीय व तृतीय क्रमश: नेहा राजवाड़े, नीतू, भानुमति राजवाड़े को तथा रंगोली के लिये क्रमश: जन्नत खातुन, आशमा और सजाया को जबकि निबंध के लिये पिंकी खत्री, यास्मीन व जमुना को पुरस्कृत किया गया।