सरगुजा

भाजपा नेताओं ने जाना हाथी पीडि़तों का दर्द
06-Aug-2021 7:40 PM
भाजपा नेताओं ने जाना हाथी पीडि़तों का दर्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 6 अगस्त। गत चार अगस्त को लखनपुर विकासखंड के ग्राम डांडकेसरा में उत्पाती हाथियों केे पीडि़तों से मिलने नगर निगम के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज, पूर्व सभापति त्रिलोक कपूर कुशवाहा एवं झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक राजबहादुर सिंह शास्त्री पहुंचे थे।

भाजपा नेताओं ने पहले सुखू यादव के घर को देखा जिसको रविवार की भोर में हाथियों के दल ने तोड़ दिया था। हाथियों द्वारा घर तोड़े जाने के दौरान घर में बंधी बछिया भी दबकर मर गई थी। इसके अतिरिक्त जमुना, विजय लाल के घर भी गये जो हाथियों ने तबाह कर दिया था।

सुखू यादव ने बताया कि भोर में हाथियों के चिंघाड़ से उसके परिवार की नींद खुल गई तथा वे बाल बच्चों को उठाकर सडक़ की तरफ भाग गये उस समय गहरा धुंध छाया था तथा चार-पांच फीट दूर भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, यही कारण है कि भागते समय हाथी उन्हें नहीं देख पाये तथा उसके परिवार की जान बच गई, मगर घर पूरी तरह से तबाह हो गया। इस घटना के दो दिन पूर्व ही डांडकेसरा में ही भोर में भैंस चरा रहे दो चरवाहों को भी हाथियों ने कुचलकर मार डाला था। प्रशासन द्वारा हाथियों द्वारा तोड़े गये घरों को आंशिक रूप से टूटा बताकर मुआवजा प्रकरण बनाया जा रहा है, जबकि इनके घर पूरी तरह से टूट गये हैं।

प्रबोध मिंज ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वे उनकी बातों को राज्य तथा केन्द्र सरकार तक पहुंचाएंगे तथा हाथियों के बचाव का स्थाई उपाय कराने का प्रयास करेंगे ताकि हाथियों के भय से उन्हें छुटकारा मिल सके। वहीं त्रिलोक कपूर कुशवाहा ने कहा कि लेमरू एलिफेंट या अन्य कोई योजना से हाथियों को रोक पाना असंभव है।  सरकार को इस तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है। इस दौरान गांव के रामेश्वर यादव, सत्यनारायण सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

22 किमी का सफर हुआ 100 किमी से भी ज्यादा

ग्राम डांडकेसरा लखनपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आता है, इसका सहकारी समिति ग्राम कुन्नी में स्थित है जो यहां से 22 किलोमीटर पड़ता है मगर बारिश के चार-पांच महीने लखनपुर के तरफ वाला रास्ता तीखी चढ़ाई एवं फिसलन होने के कारण बंद हो जाता है जिस कारण सहकारी समिति आने या जाने के लिये दरिमा नवानगर होकर जाना पड़ता है जो सौ किलोमीटर से ज्यादा पड़ता है। लोगों की मांग है कि या तो इस पंचायत को मैनपाठ जनपद में जोड़ा जाये या फिर आसपास सहकारी समिति खोली जाये ताकि लोग सौ किलोमीटर का सफर करने से बच सकें।


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