सरगुजा

रेल प्रबंधक को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर 27 जुलाई। अंबिकापुर-रेणुकूट नई रेल लाइन परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी और आगामी आम बजट 2026 -27 में शामिल करने की मांग को लेकर सरगुजा क्षेत्र रेल संघर्ष समिति के सदस्य मुकेश तिवारी के नेतृत्व में रेल प्रबंधक बिलासपुर मंडल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि सरगुजा के लोग,आजादी के लगभग आठ दशक के बाद भी बृहत्तर रेलवे कनेक्टिविटी से वंचित हैं एवं उत्तर छत्तीसगढ़ में रेलमार्गों के विस्तार की राह देख रहे हैं। प्रस्तावित अंबिकापुर रेणुकूट नई रेल लाइन परियोजना को आगामी आम बजट 2026 -27 में शामिल करने हेतु मांग पत्र प्रस्तुत किया गया।
मांग पत्र में बताया गया कि एक ऐसा बृहत्तर रेलवे नेटवर्क जो सरगुजा अंचल को समीपवर्ती एवं दूरवर्ती महानगरों से जोड़ता हो, की आवश्यकता आधी शताब्दी से अधिक समय से महसूस की जा रही है। पूर्व में यह अनुभव किया गया था कि बरवाडीह से अंबिकापुर को जोडक़र इस आवश्यकता की प्रतिपूर्ति की जा सकती है। इसके पीछे एक कारण यह भी था कि आजादी के पूर्व इस मार्ग का आधा अधूरा सर्वे एवं किंचित निर्माण इत्यादि हो चुके थे, किंतु वर्तमान की बदली हुई सामाजिक आर्थिक दशाओं भौगोलिक और औद्योगिक परिस्थितियों एवं कोल इंडिया तथा सरकारों से प्राप्त दस्तावेजों से ज्ञात होता है कि बरवाडीह अंबिकापुर मार्ग किसी भी स्थिति में लाभप्रद,उपयोगी एवं उपयुक्त नहीं है। इसकी बजाय अंबिकापुर - रेणुकूट रेल मार्ग अपेक्षाकृत कम लागत, कम दूरी में ज्यादा लाभकारी व व्यावहारिक है। इसका सर्वे पूर्ण कर डीपीआर भी जमा हो चुका है, इसलिए अविलंब इस रेल मार्ग को स्वीकृत कराकर, निर्माण कार्य चालू कराए जाने की आवश्यकता है।
अंबिकापुर रेणुकूट रेल मार्ग के संबंध में छत्तीसगढ़ की विधानसभा से आज से एक वर्ष पूर्व सर्वसम्मत संकल्प पारित हो चुका है जो जन भावना की स्पष्ट एवं वैधानिक अभिव्यक्ति है, जिसका सम्मान करना लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के अनुरूप होगा।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष एवं प्रदेश स्थापना की रजत जयंती वर्ष के सुअवसर पर अंबिकापुर रेणुकूट रेल मार्ग की सौगात सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति अनमोल अविस्मरणीय उपहार होगा। अंबिकापुर रेणुकूट रेल मार्ग छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, मध्य प्रदेश व झारखंड के व्यापारिक औद्योगिक सांस्कृतिक वाणिज्यिक संपर्क को दृढ़ एवं व्यापक करेगा।
देश में राष्ट्रीय एकता, एकात्मकता को बढ़ावा देने की सरकार की मंशा के अनुरूप इस रेल मार्ग से उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज, अयोध्या,वाराणसी का जगन्नाथपुरी उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ स्थित श्रीराम वन गमन मार्ग सहित अन्यान्य स्थलों से जीवन्त संपर्क संभव होगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को मजबूती मिलेगी और जनसामान्य बड़े पैमाने पर लाभान्वित हो सकेगा।
इस रेल मार्ग से रायपुर/ दुर्ग से बनारस/अयोध्या की दूरी लगभग दो सौ किलोमीटर कम हो जाएगी,आवागमन सुगम होगा उत्तर छत्तीसगढ़ के लिए अंबिकापुर- रेणुकूट रेल मार्ग,दिल्ली जाने के लिए सर्वाधिक लघुतम मार्ग साबित होगा।