राजपथ - जनपथ
जितेन्द्र आईपीएस बिरादरी से हॉट स्प्रींग के लिए पहले अफसर
नारायणपुर में 16वीं बटालियन के कमंाडेंट जितेन्द्र शुक्ला की प्रदेश में काबिल अफसरों में गिनती होती है। 2013 बैच के शुक्ला को नक्सल लड़ाई में जोश भरने के लिए भी जाना जाता है, अब वह देश का सिरमौर कहे जाने वाले लेह-लद्दाख में शहीदों की याद में सालाना होने वाले हॉट स्प्रींग के आयोजन में छत्तीसगढ़ पुलिस का प्रतिनिधित्व करेंगे। जितेन्द्र शुक्ल हॉट स्प्रींग के लिए राज्य सरकार से चुने जाने वाले पहले आईपीएस अफसर हैं। हालांकि कुछ साल पहले सुकमा से एक उपनिरीक्षक को इस समारोह में भाग लेने का अवसर जरूर मिला, लेकिन आईपीएस लेवल पर जितेन्द्र पहले अधिकारी होंगे।
21 अक्टूबर 1959 को माइनस डिग्री में बर्फीले चट्टानों की आड़ में चीनी सेना ने धोखे से पैरामिलिट्री सीआरपीएफ पर हमला कर दिया। इस घातक हमले में 10 जवान शहीद हुए थे। उस जमाने में इस हमले को आजाद भारत के सबसे बड़े हमले के रूप में जाना जाता है। शहादत की इस घटना को याद करने के लिए हर साल देशभर के सुरक्षाबलों से चुंनिदा अफसरों को सलामी देने के लिए चुना जाता है।
बताते हैं कि केंद्र सरकार की निगरानी में प्रतिनिध् िामंडल का गठन होता है। राज्य सरकार से केंद्र ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नाम मांगे थे। शुक्ला के नाम की सरकार के अफसरों ने सिफारिश की थी। 24 अगस्त से 9 सितंबर के बीच शहादत समारोह शुक्ला सलामी देकर राज्य का गौरव बढ़ाएंगे।
छत्तीसगढ़ी सिनेमा के इतिहास पर किताब
भले ही अब तक देश की दूसरी भाषाओं की तरह छत्तीसगढ़ी फिल्मों को मुकाम हासिल न हुआ हो, पर, इस लिहाज से खास हैं कि हर साल बड़ी संख्या में प्रोडक्शन होता है। और यह इतिहास कुछ बरसों का नहीं, बल्कि 50 सालों का है। इसके इतिहास को सहेजने का काम किया है रायपुर के अखिलेश कुमार शर्मा ने। उन्होंने छत्तीसगढ़ी सिनेमा पर पहली किताब ‘हमर छालीवुड’ लिखी है। किताब में छत्तीसगढ़ी फिल्मों के 50 सालों के इतिहास पर रोशनी डाली गई है। पहली फिल्म और उसका पहला सीन, पहली पोस्टर इसमें दर्ज है। बहुत सी फिल्में 100 दिन से लेकर 25 सप्ताह और उससे अधिक सिनेमाघरों में चलीं, उनका भी विवरण मिलेगा। अमेरिका सहित दूसरे देशों में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का क्या रिस्पॉन्स रहा, कब कौन से अवार्ड मिले, राजनीति में इसका क्या असर था, कलाकार कौन थे और उनकी कहानी क्या थी, इस किताब में विस्तार से है। दरअसल, यह एक पोस्टर्स का संकलन है जिसमें विवरण भी साथ-साथ दर्ज है। किताब की खूबियों को देखते हुए इसे ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज भी किया गया है। संस्था के प्रतिनिधियों ने स्पीकर डॉ. चरण दास महन्त के हाथों लेखक को यह रिकॉर्ड सौंपा।
देवसेनापति भी प्रतिनियुक्ति पर
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर केसी देवसेनापति भी केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं, उनकी जनगणना निदेशालय में संचालक के पद पर पोस्टिंग हो गई है। विशेष सचिव स्तर के अफसर देवसेनापति, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर हैं। इससे पहले रजत कुमार की पोस्टिंग हुई थी। जो कि दिल्ली चले गए। उनके जाने के बाद राज्य सरकार ने देवसेनापति का नाम पैनल में भेजा था। देवसेनापति अब छत्तीसगढ़ में जनगणना का काम देखेंगे।