राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कमलनाथ के सहयोगी की ट्वीट
20-Sep-2020 6:09 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कमलनाथ के सहयोगी की ट्वीट

कमलनाथ के सहयोगी की ट्वीट

कांग्रेस पार्टी से जुड़़े हुए लोग जब कांग्रेस के मामलों पर कुछ कहते हैं तो वह न तो अनायास होता, और न ही मासूम होता। कांग्रेस पार्टी के हिन्दी विभाग के सचिव रहे, या शायद अभी भी हैं, पंकज शर्मा को मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपना मीडिया सलाहकार बनाया था। आज सुबह उन्होंने ट्विटर पर लिखा- ईश्वर करे कि त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव की ललक की लपटें इतनी न लपकें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ताताचट का अहसास हो। यही कामना मंै अशोक गहलोत के लिए करूंगा कि सचिन पायलट की सहनशीलता फिर जवाब न दे।

अब छत्तीसगढ़ और राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर कमलनाथ के सहयोगी रहे पंकज शर्मा के इस बयान के पीछे की नीयत भी देखी जानी चाहिए क्योंकि वे आज भी कमलनाथ की तारीफ की ट्वीट कर ही रहे हैं। उन्होंने बीती आधी रात के बाद लिखा है- कमलनाथ ने अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापिसी का कमाल दिखा दिया तो वे इतिहास में कमाने-गंवाने-कमाने की कला का अमर प्रतीक बन जाएंगे।

कल ही कमलनाथ के इस मीडिया सलाहकार रहे कांग्रेस से जुड़े व्यक्ति ने पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री के बारे में लिखा है- कैप्टन अमरिंदर अपने आसपास की चहल-पहल पर जरा ठीक से निगाह नहीं रखेंगे तो उनका तो जो होगा सो होगा, कांग्रेस का बड़ा नुकसान हो जाएगा। अब इन तमाम ट्वीट का मतलब इन तीनों राज्यों के कांग्रेस के लोगों को निकालना चाहिए।

बीजापुर की अंजलि पंजाब पढऩे जायेगी?

फिल्मों में प्राय: खलनायक की भूमिका में नजर आने वाले सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया। सैकड़ों लोगों के लिये वे मसीहा के रूप में सामने आये। उनकी टीम ने इसके अलावा भी लोगों की मदद पहुंचाई। इनमें बीजापुर की अंजलि भी है जिसका घर बाढ़, बारिश में ढह गया और उसकी सारी किताबें भींगकर खराब हो गई। सोशल मीडिया के जरिये सोनू सूद तक यह बात पहुंची। उन्होंने ट्वीट कर जवाब दिया, रो मत बहना तुम्हें नया घर भी मिलेगा और तुम्हारी पढ़ाई भी पूरी होगी। इस ट्वीट के बाद घर को दुबारा खड़ा करने के लिये प्रशासन भी मदद के लिये आगे आया। अब सोनू सूद की टीम ने अंजलि को पंजाब या हरियाणा की किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। जैसी ख़बरें आई है अंजलि को तो प्रस्ताव मंजूर है पर उसने फैसला अपने पिता पर छोड़ दिया है। हमें लगता है कि अवसर अच्छा है। अंजलि को बाहर पढऩे के लिये हामी भर देनी चाहिये। अब तो यहां से लड़कियां आईएएस भी बन रही हैं। झिझक टूटेगी तब वह भी आगे बढ़ेगी।

लोग मानें तब न टूटे कोरोना की चेन

एक बार फिर छत्तीसगढ़ के अधिकांश शहरों में लॉकडाउन की स्थिति है। बेमेतरा, मुंगेली, रायगढ़ में पहले से ही लॉकडाउन चल रहा है जबकि दुर्ग में कल से और रायपुर, बिलासपुर में 22 से एक सप्ताह के लिये लॉकडाउन लागू होने जा रहा है। रायपुर, बिलासपुर में वैसे तो लॉकडाउन की कई दिनों से मांग हो रही थी पर आधिकारिक आदेश शनिवार की शाम को जारी किया गया। जरूरी खरीदी के लिये ढाई दिन का पर्याप्त समय था, पर लॉकडाउन की घोषणा होते ही लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ पड़ी मानो कुछ देर बाद ही सब कुछ बंद होने वाला है। सोशल डिस्टेंसिंग की जिस तरह से दुकानों में मजाक हुआ लोग खुद के साथ ही खिलवाड़ कर रहे थे। लॉकडाउन के मकसद को ही लोग भूल गये। ऐसी स्थिति से प्रशासन आखिर कैसे निपटे?  इस बार लॉकडाउन के दौरान फल, सब्जी और किराना दुकानों को भी बंद रखा जा रहा है। सबसे ज्यादा नियम उल्लंघन इन्हीं जगहों पर हो रहा था। पिछले आंकड़े बताते हैं कि अब तक लॉकडाउन से कोरोना केस कम करने में खास मदद नहीं मिली। अब देखें कि ज्यादा सख्त लॉकडाउन लगने से कोई फर्क पड़ता है या नहीं।

चलती तो विधायक की भी है...

15 साल बाद कांग्रेस पर ऐसी कृपा बरसी कि संघर्ष करने वालों को समायोजित करना बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। नगर-निगम चुनाव में जिन लोगों को टिकट नहीं मिली उनको भरोसा दिलाया गया कि आगे पद दिये जायेंगे। प्रदेशभर में निगम-मंडल में अनेक नियुक्तियां हुईं, जितने खुश हुए उससे ज्यादा लोग नाराज। बिलासपुर नगर-निगम में कल घोषित एल्डरमैन की सूची भी कुछ ऐसी ही है। जिन 11 लोगों को मौका मिला उनमें ज्यादातर वे थे जिनको कांग्रेस ने टिकट नहीं दी थी। कुछ एक नाम ऐसे भी थे जिनको बागी प्रत्याशी ने हरा दिया। यहां तक तो बात ठीक थी। पर संगठन का खेमा बड़ा नाराज़ चल रहा है। जिनके बारे में यह राय थी कि एक पत्ता भी उनके इशारे के बिना नहीं हिलता। एक बड़े पदाधिकारी ने यहां तक कह दिया कि जिन लोगों ने कांग्रेस की सरकार बनाने के लिये लाठियां खाईं उनको दरकिनार कर दिया गया। सबको पता ही है कि कांग्रेस भवन में पुलिस ने घुसकर लाठियां चलाई थी और कई कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता घायल हो गये थे। यह घटना अब दो साल पुरानी हो चुकी है और किसी पर अब तक बस जांच ही चल रही है, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दिलचस्प यह है कि 11 नामों में से 7 नाम स्थानीय विधायक के हैं। अब तक हवा यह रही है कि उनकी बात ऊपर सुनी नहीं जाती। सूची घोषित होने के बाद उनके घर भीड़ बढऩे होने लगी है।

ऐसे किया गया मुंह बंद...

कोरबा सबसे मालामाल जिला है। जिला खनिज फाउन्डेशन के कोष में 100 करोड़ से भी ज्यादा हर साल मिल जाते हैं। भाजपा की सरकार जब थी यह रकम कलेक्टर की मर्जी से खर्च की जाती थी। अब इसके लिये समन्वय समिति बना दी गई है। इसके चलते बदलाव यह हुआ है कि सत्तारूढ़ दल की भी चल रही है। किसे किस काम का ठेका मिले यह तय करने के लिये विधायक, सांसद और मंत्री की सिफारिश होती है। हाल ही में एक कांग्रेस नेता को आसपास के इलाकों में किसी काम के लिये दो करोड़ का ठेका मिला। नियमों में ढील देते हुए। न्यास के फंड से पहले बहुत से काम कर चुके एक भाजपा नेता ने भी दावा किया था। उसने इधर उधर चि_ी लिखी, शिकायत की। मामला कैसे सुलझा? अब इस भाजपा नेता को भी एक दूसरा काम मिल गया है। खुद कांग्रेस पार्टी के ताकतवर नेताओं ने भाजपा के लोगों को काम दिलाया।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news