राजपथ - जनपथ
रेप के फरार आरोपी पर सरकार मेहरबान
महिला स्वास्थ्य कर्मी से रेप के आरोपी डॉ. एसएल आदिले पर स्वास्थ्य महकमा मेहरबान है। रेप का प्रकरण दर्ज होने के बाद जिस अंदाज में डॉ. आदिले के खिलाफ कार्रवाई का हल्ला मचा था, उसकी असलियत अब सामने आ रही है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने तो जोर-शोर से डॉ. आदिले को पद से हटाने का ऐलान किया। वे यही नहीं रूके, उन्होंने मीडिया से यहां तक कहा कि डॉ. आदिले के खिलाफ कई गंभीर मामले हैं, जिसकी जांच चल रही है।
दिलचस्प बात यह है कि डॉ. आदिले को हटाने का आदेश ही नहींं निकला है। विभाग ने सतर्कता बरतते हुए यह आदेश निकाला कि डीएमई की अनुपस्थिति में अतिरिक्त प्रभार रायपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विष्णुदत्त को सौंपा गया है। रेप के आरोपी पर विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र पाण्डेय ने सरकार के जिम्मेदार लोगों से पूछताछ की।
सुनते हैं कि उन्होंने सीएस को फोन लगा कार्रवाई को लेकर जानकारी चाही, तो सीएस ने उन्हें टका सा जवाब दे दिया कि कार्रवाई की अनुशंसा कर फाइल भेज दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की एसीएस रेणु पिल्ले का जवाब था कि कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, इससे ज्यादा वे कुछ नहीं कह सकती हैं। रेणु पिल्ले की साख बहुत अच्छी है और उन्हें बेहद कर्मठ और ईमानदार अफसर माना जाता है। डॉ. आदिले की संविदा अवधि 30 सितंबर को खत्म हो रही है। और चर्चा है कि संविदा अवधि पूरी होने से पहले प्रभावशाली लोग उन्हें हटाने देना नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि डॉ. आदिले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
शैलेश पांडेय से कौन-कौन मिले?
छत्तीसगढ़ में राजधानी के बाद कोरोना पीडि़तों की संख्या सबसे ज्यादा बिलासपुर में हैं। एक जज के अलावा महापौर, नगर निगम सभापति, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त के बाद अब तो शहर विधायक शैलेश पांडेय भी इसकी चपेट में आ गये। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि खतरा उनको ज्यादा है जो अपनी ड्यूटी के कारण भीड़ में होते हैं। बाकी सब नेता तो शहर में ही रहे और कोरोना संक्रमित हो गए। विधायक का कहना है कि उनको ये वायरस विधानसभा में चिपका होगा। उन्होंने ये भी कहा है कि जो लोग उनके सम्पर्क में आये हैं वे टेस्ट करा लें। क्या मंत्री, विधायक जिनसे वे रायपुर में चार दिन रहकर मिले उनकी बात सुन रहे हैं?
नामकरण में पति-पत्नी में एका नहीं
बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू होने में अभी देर है। बस नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के एक ट्वीट के बाद सबमें श्रेय लेने की होड़ लग गई है। अभी एयरपोर्ट का काम ना केवल अधूरा है बल्कि फंड नहीं आने के कारण रुका हुआ भी है। यदि सचमुच प्लान के मुताबिक हवाई सेवा दो माह बाद शुरू हो गई तो इसका श्रेय आम लोगों को ही जाएगा जो हाईकोर्ट से लेकर सडक तक लडाई लड़ते आ रहे हैं।
बिलासपुर में अब कुछ दिनों से एक नई बहस शुरू हो गई है कि एअरपोर्ट किसके नाम से हो। प्रसिद्ध रतनपुर महामाया मंदिर की ट्रस्ट कमेटी ने महामाया का नाम सुझाते हुए सीएम को पत्र लिखा है। इधर जिले के दोनों कांग्रेस विधायक विधानसभा में अशासकीय संकल्प पेश कर चुके हैं कि इसे बिलासा का नाम दिया जाये। दोनों ही नाम बिलासपुर की पहचान हैं, ऐसे में इनमें से कोई एक नाम तय करना मुश्किल है। दिलचस्प यह भी है कि महमाया ट्रस्ट कमेटी के चेयरमैन विधायक रश्मि सिंह के पति हैं। दौनों का प्रस्ताव अलग-अलग है। वैसे आम लोग इस बात से हैरान हैं कि बिलासपुर से आखिर भोपाल के लिए फ्लाइट क्यों शुरूकी जा रही है, जबकि मांग तो दूसरे बड़े शहरों के लिए थी।