राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : हमारे देश के लोग
23-Apr-2020
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : हमारे देश के लोग

हमारे देश के लोग

भोपाल की रहने वाली तेजी ग्रोवर और उनके पति रुस्तम सिंह ग्रोवर वहां फंसे लोगों की मदद में लगे हुए हैं. उनका संपर्क लगातार छत्तीसगढ़  से भी हो रहा है, और उनके लिए भी वे अपनी सीमा से बहार जाकर भी मदद जुटा रही हैं।

आज सुबह उन्होंने फेसबुक पर लिखा- कल शाम पता चला कि 19 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के प्रताप सिंह जी को किराए के मकान से निकाल दिया गया था। वे 22 मार्च को ही भोपाल पहुंचे थे और मात्र एक दिन की दिहाड़ी उन्हें मिल पाई थी कि लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। वे मकान मालिक को 1500 अग्रिम किराया दे चुके थे। महीना खत्म हुआ भी न था कि उन्हें और उनकी गर्भवती पत्नी को निकाल दिया गया।

मैंने फ़ोन करके पूछा कि कोई और कमरा उधर मिल रहा हो तो ले लीजिए। ( पत्नी को घबराहट, अपच सब हो रहा है।)

अब सुनिए क्या बोले-वे अभी तो साथियों के साथ झुग्गी में किसी तरह पड़े रहेंगे। आप किराए की व्यवस्था करेंगी तो 3 को लॉकडाउन खुलने से किराया बेकार चला जाएगा। मैंने कहा क्या पता खुलता भी है या नहीं, आप तो ढूंढ लीजिए। उन्होंने हमें कष्ट न देने की गरज़ से मना कर दिया।

कुछ दिन बाद मित्रों से निवेदन करूंगी कि वे इन परिवारों के खातों में सीधे कुछ राशि जमा करवा दें। क्योंकि वे चिंतित हैं कि गांव में जाकर भी वे भूखे ही मरेंगे।

देखिए फल से फल-फूल रहे हैं होटल कारोबारी
लॉकडाइन ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। इस बीच धीरे धीरे मिल रही छूट से कारोबार शुरू होने लगे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि धीरे-धीरे ही सही उद्योग धंधे पटरी पर लौटेंगे, लेकिन ऑनलाइन ट्रेंडिंग और पेमेंट की सुविधा सबसे बड़ी अड़चन दिखाई दे रही है, क्योंकि लोग इसे ज्यादा सुरक्षित और सहूलियत भरा मान रहे हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के कारोबारियों ने ऑनलाइन बिजनेस के खिलाफ थाली-घंटी बजाकर विरोध भी किया था। इस विरोध का कितना असर होगा, ये तो कारोबारी ही बता पाएंगे, लेकिन ऑनलाइन बिजनेस ने तो जोर पकडऩा शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने खुद ऑनलाइन सुविधाओं का विस्तार शुरू कर दिया है। दूध, दही और पनीर जैसे उत्पादों के बाद साग-सब्जी की ऑनलाइन डिलीवरी के लिए पोर्टल शुरु हो गए हैं। जाहिर है इससे थोक-चिल्हर व्यापारियों के धंधे पर असर पड़ेगा। जाहिर सी बात है कि लोगों को एक बार सुविधा की आदत पड़ जाए तो उसे बदलना मुश्किल होता है। फिलहाल तो सुरक्षागत कारणों और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए ऐसा किया जा  रहा है, लेकिन आदत पडऩे पर थोक और चिल्हर कारोबारियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो सकता है। हालांकि छत्तीसगढ़ में सरकार का कहना है कि इसमें सभी छोटे-बड़े व्यापारियों को जोड़ा जाएगा। खैर ये तो बाद की बात है, लेकिन फिलहाल तो इस ऑनलाइन कारोबार में भी चंद लोग फल फूल रहे हैं। चर्चा तो यह है कि होटल कारोबार से जुड़े कई बड़े लोग इसमें कूद गए हैं। लॉकडाउन के कारण होटल-रेस्टारेंट तो बंद है, ऐसे में इन लोगों ने होटल से सब्जी-भाजी का धंधा शुरू कर दिया है। अब फल से फलने-फूलने का इससे बड़ा उदाहरण कहां मिल सकता है।

राम भरोसे बीजेपी
छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल तक सत्ता में रहने वाली बीजेपी सियासी परिदृश्य से एकदम ओझल सी हो गई है। राज्य में अब तक हुए चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है, लिहाजा पार्टी कार्यकर्ताओं में स्वाभाविक निराशा तो है, लेकिन फिर भी दुनिया के सबसे ज्यादा सदस्यों वाली पार्टी का दावा करने वाले दल के लोग छत्तीसगढ़ से एकदम से गायब कैसे हो गए हैं, यह बात गले से उतरती नहीं। जबकि पार्टी के राज्य में भारी भरकम सांसद हैं। एक-दो को छोड़ दिया जाए तो बाकियों तो मानो सांप सूंघ गया है। कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी उनकी न तो कोई गतिविधियां दिखाई देती है और न ही कोई बयान सुनने-पढऩे को मिलते हैं । खैर, ये पार्टी का अंदरुनी मामला है। इसलिए इस चुप्पी की मीडिया में भी कोई खास प्रतिक्रिया नहीं हो रही है। गाहे-बगाहे ऐसी चर्चाओं में भाजपाई इसे तूफान के पहले की शांति का नाम दे देते हैं, तो कई अपनी पार्टी को राम भरोसे बताते हैं। जबकि स्थिति तो यह है कि तूफान के इंतजार में बैठे भाजपाई हवा के झोंके में खुद उड़ रहे हैं और जो राम के भरोसे बैठे हैं, उन्हें यह तो पता ही होगा कि छत्तीसगढ़ के लोग उन्हें भांचा मानकर निकल पड़े हैं राम वन गमन पथ पर। अब देखना होगा कि राम किसकी नैया पार लगाते हैं। अपने भांजों की या फिर अपने भक्तों की। 

अंडे का क्या हो?
अंडा खाया जाये या नहीं, मुर्गा-मटन खाया जाये या नहीं इस पर हिंदुस्तान में धार्मिक भावना से भरपूर बहस चलती ही रहती है. अभी छत्तीसगढ़ में इन सबकी बिक्री पर रोक लगी हुई है. प्रदेश में भोजन के अधिकार को लेकर अभियान चलने वाले लोगों ने इस रोक के खिलाफ आवाज़ उठाई है और राज्य सरकार का छपवाया हुआ इश्तहार साथ में  ट्विटर पर पोस्ट भी किया है जो कहता है- अंडा और चिकन से मिलता है उत्तम प्रोटीन, बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता- छत्तीसगढ़ शासन पशुधन विकास विभाग। यह िष्ट: और ट्वीट अभी पिछले ही पखवाड़े सरकार ने छपवाया था, लॉकडाउन शुरू हो जाने के बाद 7 अप्रेल को।([email protected])

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