राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : प्रदीप गांधी के बाद अब बैस...
09-Jul-2019
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : प्रदीप गांधी के बाद अब बैस...

पूर्व केन्द्रीय मंत्री रमेश बैस को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में अक्सर देखा जा सकता है। वे पूर्व सांसदों और पार्टी नेताओं के साथ गपियाते नजर आते हैं। भाजपा की गुटीय राजनीति में वे लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज के करीबी रहे हैं। आडवाणी-सुषमा खेमे का एक तरह से सफाया हो गया है। ऐसे में बैस का भी किनारे लगना स्वाभाविक था। अब वे भले ही सांसद नहीं रह गए हैं, लेकिन वे कोई अहम जिम्मेदारी संभालने के उत्सुक हैं। सात बार के इस सांसद के करीबी लोगों को उम्मीद है कि उन्हें किसी प्रदेश का राज्यपाल बनाया जाएगा।  सेंट्रल हॉल में उनकी सक्रियता को इसी रूप में देखा जा रहा है। 
हालांकि पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में बर्खास्त सांसद प्रदीप गांधी भी अक्सर सेंट्रल हॉल में देखे जाते हैं। कुछ समय पहले प्रदीप गांधी, राहुल गांधी के साथ बतियाते दिखे थे। लोकसभा चुनाव के दौरान अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रदीप गांधी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मगर कांग्रेस उन्हें लेने के इच्छुक नजर नहीं आई। भाजपा ने भी उनकी कोई परवाह नहीं की। ऐसे में राहुल गांधी के संग फोटो खिंचाकर प्रदीप गांधी चर्चा में जरूर आ गए। जब प्रदीप गांधी संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत मांगते वीडियो में कैद हुए थे, और उनकी सदस्यता बर्खास्त हुई थी, तो उन्होंने अपने गायत्री परिवार का साहित्य लेकर संसद के हर कार्यक्रम में जाना शुरू किया था और भूतपूर्व सदस्य होने के नाते कोई उन्हें मना भी नहीं कर सकते थे। इस तरह वे खबरों में बने रहे थे। ऐसे किसी विवाद में फंसे बिना भी रमेश बैस संसद भवन में बैठकर चर्चा में तो बने हुए हैं ही।

शत्रुओं पर विजय के लिए?

रायपुर उत्तर के पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी कामाख्या देवी के दर्शन के लिए असम गए हैं। कामाख्या पीठ तंत्र साधना के लिए मशहूर है। राजनेता शत्रुओं पर विजय के लिए यहां तंत्र साधना कराते हैं। सुंदरानी भी यहां परिवार के साथ पूजा-पाठ में लगे हैं। विधानसभा चुनाव में बुरी हार के बाद पार्टी में उनकी स्थिति अच्छी नहीं रह गई है। उनकी पहचान सबसे बड़े व्यापारी नेता के रूप में रही है और एक तरह से चेम्बर ऑफ कॉमर्स की राजनीति उनके इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। मगर, अध्यक्ष जितेन्द्र बरलोटा के आगे वे कमजोर दिखने लगे हैं। 

पार्टी के भीतर हाल यह है कि नगरीय निकाय चुनाव में उन्हें तगड़ी चुनौती मिलने वाली है। रायपुर उत्तर से टिकट के दावेदार रहे आरडीए के पूर्व अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, छगन मुंदड़ा और राजीव अग्रवाल जैसे नेता रायपुर उत्तर के ज्यादा से ज्यादा वार्डों में अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए अभी से व्यूह रचना तैयार कर रहे हैं ताकि विधानसभा चुनाव के लिए उनकी जमीन तैयार हो सके। यहां सांसद सुनील सोनी का दखल तो रहेगा ही, ऐसे में श्रीचंद के लिए आगे की राजनीति आसान नहीं रह गई है। पिछले दिनों उन्होंने बलपूर्वक ओवरब्रिज का उद्घाटन कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश भी की, लेकिन इसमें वे नाकाम रहे। इस प्रदर्शन में भाजपा कार्यकर्ताओं से ज्यादा मीडिया के लोग थे। ऐसे में पार्टी के भीतर और बाहर अपने विरोधियों पर जीत हासिल करने के लिए अदृश्य ताकतों की जरूरत होगी। ऐसे में कामाख्या देवी के दर्शन से उनकी इच्छापूर्ति होती है या नहीं, देखना है।

खाने की बर्बादी रोकने
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा वीडियो तैर रहा है जिसमें किसी दावत के बीच जूठी प्लेट रखने की जगह पर एक आदमी खड़ा है और वह लोगों को खाना जूठा छोडऩे से रोक रहा है, और जिद कर रहा है कि वे खाना खत्म करें। ऐसे में जाहिर है कि लोग अगली बार अधिक खाना लेकर जूठा छोडऩा भूल ही जाएंगे। इस बीच एक बर्तन निर्माता ने एक ऐसी थाली सामने रखी है जिसमें हिज्जे की एक मामूली गलती से परे बाकी बात एक अच्छी नसीहत है। अब इस थाली की फोटो सोशल मीडिया पर तैर रही है और अगर यह चलन में आती है, तो देखना है कि इसका असर लोगों पर होता है, या नहीं। लेकिन थाली से परे चीनी मिट्टी या प्लास्टिक जैसी प्लेटों पर भी अगर ऐसा ही लिखा हो, तो खाने की बर्बादी खासी रूक सकती है। 
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