राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बड़े-बड़ों को छोटा-छोटा जिम्मा
07-Feb-2025 3:52 PM
राजपथ-जनपथ : बड़े-बड़ों को छोटा-छोटा जिम्मा

बड़े-बड़ों को छोटा-छोटा जिम्मा 

नगरीय निकायों में भाजपा प्रत्याशी कई जगहों पर कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। इस तरह का फीडबैक मिलने के बाद पार्टी के क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन) अजय जामवाल, और पवन साय सरगुजा संभाग के दौरे पर निकले हैं। उन्होंने पहले चिरमिरी में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की, और फिर अंबिकापुर जाकर पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने प्रदेश के पदाधिकारियों को एक-एक वार्ड की जिम्मेदारी भी दी है।

चिरमिरी में तो भाजपा के मेयर प्रत्याशी रामनरेश राय के लिए स्थानीय संगठन के नेता पूरी तरह एकजुट नहीं हो पा रहे हैं। रामनरेश राय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के करीबी माने जाते हैं। न सिर्फ चिरमिरी, बल्कि मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका में भी भाजपा की स्थिति  अपेक्षाकृत कमजोर है। यहां पिछले दो चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। जामवाल, और साय ने जायसवाल व अन्य नेताओं के साथ मंत्रणा की, और आने वाले दिनों में प्रचार की रूपरेखा तैयार की, ताकि पार्टी के पक्ष में अनुकूल माहौल बन सके।

दूसरी तरफ, अंबिकापुर में प्रदेश पदाधिकारी अनुराग सिंहदेव, अखिलेश सोनी, और अन्य को एक-एक वार्ड का प्रभार गया है। उन्हें  साफ तौर पर बता दिया गया है कि पार्टी प्रत्याशी उनके वार्डों से हारे, तो उनकी (प्रभारी) हार मानी जाएगी। जामवाल, और साय के तेवर का असर देखने को मिल रहा है, और स्थानीय प्रमुख नेता गलियों की खाक छानने को मजबूर हो गए हैं। चुनाव में क्या कुछ होता है, यह तो 15 तारीख को ही पता चलेगा।

चुनाव और फ्रिज-वाशिंग मशीन 

रायपुर नगर निगम के कई वार्डों में पैसा पानी की तरह बह रहा है।  कुछ जगहों पर निर्दलीय प्रत्याशी भी दिल खोलकर पैसा खर्च कर रहे हैं। इन सबके बीच कांग्रेस के एक दिग्गज वार्ड प्रत्याशी ने मतदाताओं को लुभाने के लिए स्कीम लॉन्च की है। कांग्रेस प्रत्याशी ने बल्क में वोट डलवाने वाले प्रमुख नेता को फ्रिज-वाशिंग मशीन गिफ्ट करने का वादा किया है। साथ ही हर मतदाता को दो हजार देने की बात कही है।

वार्ड प्रत्याशी के लिए चुनाव खर्च की कोई सीमा नहीं है। ऐसे में अभी से नगदी बंटना शुरू हो गया है। यही नहीं, कुछ जगहों पर वोट न करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। दरअसल, कई इलाकों के वोटर पार्टी विशेष के परम्परागत समर्थक माने जाते हैं। ऐसे वोटरों को रोकने के लिए प्रतिद्वंदी दल के लोग अभी से जुट गए हैं। विधानसभा, और लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत ग्रामीण इलाकों की तुलना में काफी कम रहा है। नगरीय निकाय चुनाव में मतदान का प्रतिशत क्या  रहता है, इस पर निगाहें टिकी हुई है।

दवा घोटाले की जड़ें दूर तक 

सीजीएमएससी में दवा खरीद घोटाले की पड़ताल चल रही है। सरकार की एजेंसी ईओडब्ल्यू-एसीबी ने घोटाले के प्रमुख सूत्रधार, और बड़े सप्लायर से रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है। जांच में तीन आईएएस अफसर भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा, और पद्मिनी भोई भी घेरे में आ गए हैं। चर्चा है कि देर सवेर सीजीएमएससी बोर्ड के लोग भी घेरे में आ सकते हैं। आठ साल पहले रमन सरकार ने सीजीएमएससी का गठन किया था। इसके माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, और सरकारी अस्पतालों के लिए दवा खरीद होती है। दिलचस्प बात यह है कि सीजीएमएससी से जुड़ी फाइलें शासन स्तर तक नहीं पहुंचती है। ये अलग बात है कि विभाग प्रमुख का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से दखल रहता है।

पिछली सरकार में सीजीएमएससी बोर्ड का गठन किया गया था, और बोर्ड के अनुमोदन के बाद ही खरीदी होती रही है। बोर्ड में तत्कालीन विधायक डॉ. प्रीतम राम और डॉ. विनय जायसवाल प्रमुख सदस्य थे। अब जांच आगे बढ़ेगी, तो दोनों विधायकों तक पहुंच सकती है। विनय जायसवाल, खुद मेयर का चुनाव लड़ रहे हैं। देखना है आगे क्या कुछ होता है।

न समारोह, न प्रचार, सीधे भुगतान

राज्य के किसानों का बोनस का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। धान बेचते समय उन्हें सिर्फ समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था, जिससे वे चिंतित थे कि बाकी रकम कब मिलेगी, मिलेगी भी या नहीं। यह आशंका बेवजह नहीं थी, क्योंकि इससे पहले डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में दो साल का बोनस रोक दिया गया था। माना गया था कि 2018 के चुनाव में भाजपा की हार का यह एक बड़ा कारण था।

इसी को ध्यान में रखते हुए 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने न सिर्फ 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया, बल्कि रुका हुआ बोनस देने की भी घोषणा की थी। सरकार बनते ही सुशासन दिवस पर 25 दिसंबर 2023 को यह बकाया राशि दे दी गई।

इस बार भी धान खरीदी के दौरान किसानों की चिंता बनी हुई थी, जो फरवरी के पहले सप्ताह में खत्म हो गई है। सरकार ने वादे के मुताबिक 800 रुपये प्रति क्विंटल की अतिरिक्त राशि किसानों के खातों में पहुंचने लगी है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि इस बार किसानों को बोनस देने के लिए किसी तरह का समारोह नहीं रखा गया। कांग्रेस सरकार के समय राजीव गांधी किसान न्याय योजना के भुगतान पर बड़े आयोजन होते थे, जबकि 2023 में भाजपा सरकार ने भी सुशासन दिवस पर ऐसा किया था। इस बार चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से ऐसा न हुआ हो, लेकिन किसानों को इससे खास फर्क नहीं पड़ता।

राशि खाते में पहुंचने से किसानों में खुशी है। संयोग यह है कि जल्द ही जिला पंचायत चुनावों का मतदान होने वाला है। ऐसे में बोनस की यह रकम कुछ न कुछ असर जरूर डालेगी।

निमंत्रण में छिपा खतरा

ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए हर वक्त अलर्ट रहना जरूरी हो गया है। पुलिस और बैंक लगातार सतर्क रहने की सलाह देते हैं, लेकिन ठग हर दिन नया तरीका ढूंढ निकालते हैं। वे इस बात की गहरी रिसर्च करते हैं कि किस तरह के ट्रेंड चल रहे हैं, ताकि उसी बहाने लोगों को जाल में फंसाया जा सके।

आजकल शादी-ब्याह के निमंत्रण वाट्सएप पर भेजने का चलन बढ़ गया है। इन्हें आकर्षक बनाने के लिए वीडियो फाइल भी शेयर की जाती हैं। लेकिन अगर आप बिना सोचे-समझे ऐसी किसी फाइल को खोलते हैं, तो ठगी के शिकार हो सकते हैं।

रायपुर पुलिस के पास ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें शादी का निमंत्रण भेजने के बहाने लोगों को ठगा गया। इसको देखते हुए पुलिस ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। चाहे वह शादी-ब्याह, बर्थ डे के निमंत्रण के आमंत्रण ही क्यों न हों, अनजान लिंक और फाइल खोलने से पहले पूरी जांच करें, वरना साइबर ठगों के जाल में फंस सकते हैं।

(rajpathjanpath@gmail.com)


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