राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बेकसूर के खिलाफ अतिसक्रियता
20-Jan-2025 4:12 PM
राजपथ-जनपथ : बेकसूर के खिलाफ अतिसक्रियता

बेकसूर के खिलाफ अतिसक्रियता

आखिरकार एक्टर सैफ अली खान पर हमले के संदिग्ध आकाश कनौजिया को लंबी पूछताछ के बाद आरपीएफ ने रविवार को सुबह छोड़ दिया। पहले आकाश को मुंबई ले जाने की तैयारी थी, लेकिन असली आरोपी के गिरफ्तार होने की सूचना के बाद उसे दुर्ग रेलवे स्टेशन से जाने दिया गया। 

आकाश मुंबई के कोलाबा का रहने वाला है, और जांजगीर-चांपा में उसका ननिहाल है। वह मुंबई से अपने ननिहाल आ रहा था तभी शालीमार एक्सप्रेस में आरपीएफ की टीम पूछताछ के लिए उसे अपने साथ ले गई। उसे एक्टर सैफ अली खान पर हमले का संदिग्ध बताया गया, और एक तरह से प्रचारित किया गया कि आकाश ने ही सैफ पर हमला किया। पूछताछ के पहले ही नेशनल मीडिया तक आकाश की तस्वीर साझा की जा चुकी थी। इसके बाद आनन-फानन में मुंबई की टीम फ्लाइट से रायपुर पहुंची, और दुर्ग में पूछताछ की गई। 

कुछ लोग मानते हैं कि पुलिस ने सैफ अली खान पर हमले के आरोपी को पकड़े जाने की खबर जानबूझकर फैलाई है, ताकि असली आरोपी तक पहुंचा जा सके। इन सबके बीच मीडिया से चर्चा में आकाश यह कहते रहे कि मुझे क्यों पकड़ा गया है, यह बात पुलिस से पूछा जाना चाहिए। कई लोग यह भी कह रहे हैं यदि असली आरोपी नहीं पकड़ा जाता, तो पुलिस आकाश को ही आरोपी बनाकर पेश कर देती। इसमें सच्चाई भले ही न हो, लेकिन आरपीएफ ने जिस तरह आकाश को लेकर सक्रियता दिखाई है, उस पर सवाल तो उठ रहे हैं। सवाल तो मुंबई में सैफ पर हमले के आरोपी की गिरफ्तारी पर भी उठ रहे हैं।  

वेतन आयोग और साइबर ठग

अभी तो बुधवार को ही केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है। अभी तो आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और सचिव की नियुक्ति होनी है। उसके बाद नए वेतनमान की सिफारिश पर रिपोर्ट तैयार करने, लागू करने में एक वर्ष का समय लगेगा। लेकिन आयोग की सिफारिश और पहुंचने वाले वित्तीय लाभ की गणना को लेकर ऑनलाइन ठग सक्रिय हो गए हैं।

साइबर ठगों ने वेतन आयेग के नाम से फ्रॉडकरने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। इसमें कर्मचारियों के खातों  से फ्रॉड करके ऑन लाइन सारी जमा रकम का विथड्रावल का प्रपंच रच लिया गया है। कर्मचारी संघ के नेताओं ने अपने साथियों को सतर्क करते हुए कहा है कि अपने आपको इस फ्रॉड होने से बचाए। नए वेतन आयोग के नाम से  कोई लिंक यदि आपके पास व्हाट्सएप के माध्यम से पहुंचता है। और अति उत्साहित होकर उस लिंक को भूलकर भी टच ना करें अन्यथा जमा रकम को भी नहीं बचाया जा सकेगा। जानकारी क्राइम ब्रांच एक अधिकारी  के द्वारा साझा किया जाना बताया  है और आग्रह किया कि  सभी ग्रुप में जानकारी देकर सूचित करे। 8 वें वेतन आयोग की सैलरी गणना के लिए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें अन्यथा आप अपने खाते में से 7वें वेतन आयोग के लाभ उड़ा सकते हैं ।

यह भी तो लिविंग ऑफ आर्ट है...

कैबिनेट की बैठक में कल लिए गए सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक यह है कि फरवरी में किसानों को एक साथ धान बोनस की राशि प्रदान की जाएगी। परंतु एक और निर्णय लिया गया है, जो चर्चा का विषय बन गया है। यह निर्णय ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन को अटल नगर (नवा रायपुर) में 40 एकड़ भूमि रियायती दर पर देने का है।

रियायती दर का मतलब है कि जिस भूमि की वास्तविक कीमत हजारों करोड़ रुपये हो सकती है, उसे दो, चार या दस रुपये प्रति वर्गफुट की दर से दिया जाएगा। इतनी विशाल भूमि का उपयोग किस उद्देश्य से किया जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है। हो सकता है कि बेंगलुरु स्थित उनके मुख्यालय की तरह यहां भी कोई बड़ा संस्थान बनाया जाए।

श्रीश्री रविशंकर के सरकारों के साथ संबंध हमेशा चर्चा में रहे हैं। उनके अच्छे संबंधों का लाभ उन्हें कई बार मिला है। हालांकि, यह भी सच है कि उनकी कई टिप्पणियों और गतिविधियों ने विवादों को जन्म दिया है। लगभग 12 वर्ष पूर्व उनका बयान विवाद का कारण बना, जब उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल नक्सलवाद को बढ़ावा देते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि यदि नरेंद्र मोदी सत्ता में आते हैं, तो रुपया मजबूत होगा और एक डॉलर की कीमत 40 रुपये तक पहुंच जाएगी। जबकि वर्तमान में एक डॉलर की कीमत 85.3 रुपये है।वे जाति आधारित आरक्षण का विरोध भी कर चुके हैं। पद्म भूषण पुरस्कार को अस्वीकार करने के बाद उन्होंने पद्म विभूषण पुरस्कार को स्वीकार कर लिया, जिससे आलोचनाएं हुईं।

सबसे बड़ा विवाद साल 2016 में हुआ। यमुना नदी के किनारे आयोजित विश्व संस्कृति महोत्सव रखा गया। इस आयोजन से पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन पर 1200 मिलियन रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। बाद में यह जुर्माना घटाकर 50 मिलियन रुपये कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने केवल 25,000 रुपये का भुगतान किया और बाकी राशि चुकाने के सवाल पर कहा कि उनके लिए यह संभव नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि जेल भेजना है तो भेज दें। यह मामला अब भी न्यायालय में लंबित है।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के दिल्ली में हुए पहले किसान आंदोलन पर उन्होंने कहा था कि कुछ लोग मिलकर हुकूमत नहीं चला सकते। भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में किसी को बाधा नहीं डालनी चाहिए।

श्रीश्री रविशंकर के सरकार के साथ संबंध हमेशा अच्छे रहे हों, ऐसा भी नहीं है। अहमदनगर (महाराष्ट्र) के शिंगनापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश का अधिकार देने के आंदोलन के दौरान महाराष्ट्र सरकार उनसे नाराज थी। उस समय राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार थी। इसी दौरान उन्होंने कुछ जिलों में जीरो इन्वेस्टमेंट खेती का कार्यक्रम शुरू किया, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी को भी गलत ठहराया।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने मंदिर बनने से पहले बयान दिया था कि यह तभी बने जब सभी की सहमति हो। जब सरकारें निर्णय लेती हैं, तो ऐसे मामलों में व्यापक शोध नहीं किया जाता। यह देखा जाता है कि रियायत मांगने वाले ने अपनी प्रोफ़ाइल में क्या लिखा है। श्रीश्री रविशंकर एक आध्यात्मिक गुरु हैं, जो योग और प्राणायाम को माध्यम बनाकर जीवन को सरल बनाने का प्रयास करते हैं। उनके कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान और देवेंद्र फडणवीस जैसे नेता शामिल होते रहे हैं।

मोदी के मन की दुर्लभ अरुकू कॉफी...

जब आप जगदलपुर से विशाखापट्टनम की यात्रा करेंगे, तो रास्ते में अरुकू वैली की पहाडिय़ां, घाटियां और सुरंगें आपका मन मोह लेंगी। यहां रुकने पर बोर्रा गुफाओं का अद्भुत नजारा भी देखा जा सकता है। लेकिन इन प्राकृतिक खूबसूरती के बीच अराकू घाटी में एक दुर्लभ और विशेष खेती की जाती है, जिसे अरुकू कॉफी के नाम से जाना जाता है। यह कॉफी आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जि़ले में स्थित अरुकू घाटी में उगाई जाती है, जो पूर्वी घाट की पहाडिय़ों में बसी हुई है। अरुकू कॉफी में चॉकलेट, कारमेल और हल्के फलयुक्त अम्लता का अनोखा स्वाद होता है और यह जैविक कृषि विधियों से उगाई जाती है। इसे आदिवासी किसानों और सहकारी समितियों द्वारा उगाया जाता है, जो सामुदायिक सशक्तीकरण और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने में मदद करता है। अरुकू कॉफी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है और इसे कैफे डी कोलंबिया प्रतियोगिता में ‘सर्वश्रेष्ठ रोबस्टा’ पुरस्कार मिला है। 2019 में इस कॉफी को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग भी प्राप्त हुआ, जो इसकी विशिष्टता और गुणवत्ता को प्रमाणित करता है।

भारत में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु कॉफी के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं, जबकि विश्व में ब्राजील, वियतनाम और कोलंबिया शीर्ष तीन उत्पादक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में ‘मन की बात’  कार्यक्रम में अरुकू कॉफी की विशिष्टता और महत्त्व की सराहना की, जो न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि आदिवासी समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने में भी योगदान करती है।

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