राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : अब खुल रही हैं प्याज की परतें
19-Nov-2024 3:59 PM
राजपथ-जनपथ : अब खुल रही हैं प्याज की परतें

अब खुल रही हैं प्याज की परतें 

पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी की गिरफ्तारी के बाद पीएससी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं। सोनवानी का प्रशासनिक अफसर के रूप में कैरियर दागदार रहा है। बावजूद इसके उन्हें राजनीतिक, और प्रशासनिक संरक्षण मिलता रहा। उनकी पीएससी चेयरमैन जैसे संवेदनशील पद पर नियुक्ति कर दी गई, जो कि सही नहीं था। इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वर्ष-2015 के एक फैसले का उदाहरण दिया जा रहा है, जिसमें कोर्ट ने यूपी के तत्कालीन पीएससी चेयरमैन अनिल यादव को बर्खास्त किया था। 

अनिल यादव के खिलाफ भी अपराधिक प्रकरण था, जिसे छिपाकर यूपी की अखिलेश सरकार ने पीएससी चेयरमैन बना दिया। कोर्ट ने यादव की नियुक्ति को गलत ठहराया था। कुछ इसी तरह का प्रकरण टामन सिंह सोनवानी का भी है। टामन सिंह सोनवानी पर जांजगीर-चांपा  जिला पंचायत के सीईओ रहते भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे। कुल मिलाकर एक दर्जन आरोपों में से पांच आरोप सही पाए गए। उनकी  दो वेतन वृद्धि भी रोकी गई थी। भ्रष्टाचार के इस गंभीर मामले को ईओडब्ल्यू-एसीबी में देने के बजाए विभागीय कार्रवाई कर एक तरह से उन्हें प्रशासनिक संरक्षण दिया गया। बाद में प्रमोट हो गए, और फिर नारायणपुर व कांकेर कलेक्टर भी बना दिए गए। 

भूपेश सरकार में तो सोनवानी का सिक्का चल पड़ा। वे भूपेश बघेल के मंत्री रहते विशेष सहायक थे। और जब भूपेश बघेल सीएम बने, तो सोनवानी उनके सचिवालय में सचिव हो गए। बाद में उन्हें पीएससी का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि सरकार ने सोनवानी के कैरियर रिकॉर्ड से जुड़े सारे तथ्य राज्यपाल के सामने नहीं रखे गए, अन्यथा चेयरमैन पद पर नियुक्ति नहीं हो पाती। अब सोनवानी सीबीआई की हिरासत में हैं, तो सारे तथ्य सामने आ रहे हैं। 

ओपी चौधरी के चार्ज में भी थे ये... 

सीबीआई की गिरफ्त में आए पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भ्रष्टाचार के कई किस्से छनकर निकल रहे हैं। यह भी संयोग है कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी, जब जांजगीर-चांपा कलेक्टर थे, तब सोनवानी वहां जिला पंचायत के सीईओ थे। यह वह दौर था जब जांजगीर-चांपा जिले में मनरेगा के मजदूरी भुगतान में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। 

बताते हैं कि जब मनरेगा में गड़बड़ी के मामले सामने आए, तो कलेक्टर ओपी चौधरी का विवाह था, और वो छुट्टी में थे। ऐसे में सीनियर अफसर होने के नाते टामन सिंह सोनवानी कलेक्टर के प्रभार पर भी थे। सुनते हंै कि कलेक्टर की गैर मौजूदगी में उन्होंने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। बाद में शिकायत होने पर जांच बिठाई गई, लेकिन उस समय भी कुछ प्रशासनिक अफसर सोनवानी को बचाने में जुटे रहे, और पुलिसिया कार्रवाई से बच गए, लेकिन अब सीबीआई के हत्थे चढ़ गए। 

सवर्णा परिवार की होटल

केरल को पढ़े-लिखों का प्रदेश कहा जाता है, और यहां लिखने-पढऩे का अंदाज भी खासा अलग होता है। ऐसा ही एक रोचक किस्सा अलेप्पी के एक होटल में हुआ।
उत्तर भारत से आए कुछ पर्यटक होटल में खाना खाने पहुंचे। होटल साफ-सुथरा था, खाना भी लाजवाब था और सेहत का ध्यान रखते हुए गर्म पानी भी परोसा गया। लेकिन होटल के नाम ने उनके मन में सवाल खड़ा कर दिया। होटल के साइन बोर्ड पर लिखा था- सर्वनाश।

ग्राहकों ने हैरानी से स्टाफ से पूछा, आप लोगों ने होटल का नाम ‘सर्वनाश’  क्यों रखा है? सवाल सुनकर होटल के मालिक मुस्कुराए और समझाया, आप इसे गलत पढ़ रहे हैं। दरअसल, यह होटल ‘सवर्णा’  फैमिली द्वारा संचालित है, और इसलिए इसका नाम ‘सवर्णाज’  रखा गया है।

अचानक चमक गया धुड़मारास

बस्तर जिले का छोटा सा गांव धुड़मारास सैनालियों के लिए आकर्षण का नया स्थान हो गया है। अब पूरी दुनिया में गूगल सर्च करें तो इस गांव का नाम दिखाई देगा और इसका विवरण मिलेगा।

संयुक्त राष्ट्र के ग्रामीण पर्यटन कार्यक्रम के लिए 60 देशों से जिन 20 गांवों का चयन हुआ है, उनमें यह शामिल किया गया है। कल तक इस गांव की अधिक चर्चा नहीं थी, पर अब इसे प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय आदिवासी परंपराओं के लिए जाना जाएगा। 

(rajpathjanpath@gmail.com)

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