सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 23 सितंबर। लाइमस्टोन की ओपन माइंस खोलने वाली कंपनी ग्रीन सस्टेनेबल को लेकर पिछले 20-25 दिनों से प्रभावित क्षेत्रों में जबरदस्त विरोध जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह परियोजना उनके खेत-खलिहानों, पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालेगी। करीब एक हफ्ते पहले प्रभावित ग्रामीणों ने सारंगढ़ जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर पर्यावरण जनसुनवाई रद्द करने की मांग की थी। इसके बावजूद जब प्रशासन ने जनसुनवाई कराने पर जोर दिया, तो सोमवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप रैली निकाली।
यह रैली सारंगढ़ तहसील कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई। रैली का नेतृत्व विधायक उत्तरी जांगड़े और जनपद पंचायत अध्यक्ष ममता राजीव सिंह ने किया। उनके साथ स्थानीय सरपंच, जिला पंचायत सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
रैली कलेक्टोरेट पहुंचकर जनसुनवाई रद्द करने की मांग पर अडिग रही। प्रदर्शनकारियों ने जब कलेक्टर बाहर नहीं आए तो ‘कलेक्टर हाय-हाय’ के नारे लगाते हुए कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया।
ज्ञात हो कि शासन ने सारंगढ़ लात नाला किनारे बसे ग्राम लालघुरवा, जोगनीपाली, कपिस्दा, सरसरा एवं धौराभांठा की लगभग 500 एकड़ से अधिक भूमि पर इस कंपनी को खदान की अनुमति दी है। इससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला हुआ है। यह विरोध नया नहीं है। 16 सितंबर को भी सैकड़ों ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे और लिखित ज्ञापन सौंपा था। उस समय ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा था कि यह खदान उनके हरे-भरे खेतों को उजाड़ देगी और खदान से निकलने वाली धूल एवं खनन वाहनों की आवाजाही से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।
कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ग्रामीण अपने मौखिक विरोध को लिखित में जनसुनवाई के दिन प्रस्तुत करें। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी द्वारा जनसुनवाई के दिन बाहर से लोगों को गाडिय़ों में भरकर लाकर, समर्थन में बयान दिलाने की तैयारी की जा रही है।


