सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 13 अगस्त। वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन स्कूल विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों को लेकर युक्तियुक्तकरण हेतु जो निर्देश जारी किए गए हैं। इस पर लैलून कुमार भारद्वाज प्रदेश अध्यक्ष छग क्रांतिकारी शिक्षक संघ ने प्रेस को बताया कि छ ग शासन डीपीआई ने युक्तती युक्त करण का जो आदेश कि गई है पूर्णत: आधारहीन है , साथ ही तत्कालीन रमन सरकार ने 15साल शिक्षकों का शोषण किया। उसी के तर्ज पर साय सरकार अतिशेष यूक्तिउक्तकरण के नाम पर शिक्षकों को परेशान करने बिना राजपत्र में प्रकाशन किए अतिशेष स्कूल समायोजन बंद करने का तुगलकी फरमान करी किया गया है, जिसका छग क्रांतिकारी शिक्षक संघ विरोध करता है प्राथमिक कक्षाएं ही शिक्षा का रीढ़ है इस जारी सेटअप से प्राथमिक शिक्षा को ही कमजोर किया जा रहा है, जो न्यायोचित नहीं है। 60 दर्ज संख्या वाले पांच कक्षाओं को 2 शिक्षक(एक प्रधानपाठक एवं एक सहायक शिक्षक) कैसे संभालेंगे ये प्रश्न का विषय है, जबकि शासन के विभिन्न योजनाओं का भी क्रियान्वयन भी इन्ही शिक्षकों को करना होगा।
एक तरफ सरकार शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने का प्रयास कर रही है ठीक उसके विपरीत शिक्षकों की संख्या में कटौती करना उचित नहीं होगा। नई शिक्षा नीति 2020 (5+3+3+4) छत्तीसगढ़ सरकार लागू करने का निर्णय ले चुकी है जिसमे प्राथमिक शिक्षा में प्री प्रायमरी के 3 कक्षाओं को और जोड़ा जा रहा है देखा जाए तो कुल 8 कक्षाओं को इन दो शिक्षकों को पढ़ाना होगा जो असंभव है।
छत्तीसगढ़ क्रांतिकारी शिक्षक के प्रदेश अध्यक्ष ने प्राथमिक शाला एवं पूर्व माध्यमिक शाला में प्रधानपाठक सहित न्यूनतम 5 शिक्षक(150 अधिक दर्ज संख्या पर अतिरिक्त शिक्षक की तैनाती से) एवं हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य सहित प्रति 30 दर्ज पर विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की पदस्थापना करने की मांग की है जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके।
इस संबंध में संघ शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर विरोध जतायेगा एवं नीतिगत निर्णय लेने के लिए अनुरोध करेगा। उसके बाद भी शासन यदि जबरन युक्तियुक्तकरण करती है तो संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।


