सारंगढ़-बिलाईगढ़

करंट से बाघ की मौत, 5 गिरफ्तार
27-Jan-2024 4:04 PM
करंट से बाघ की मौत, 5 गिरफ्तार

बिजली तार बिछाकर कर किया था शिकार

छत्तीसगढ़ संवाददाता
सारंगढ़़, 27 जनवरी।
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में राष्ट्रीय पशु बाघ का शिकार करने का मामला आमने आया है। इस घटना के बाद वन विभाग की टीम ने शिकार के 6 दिन बाद 5 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया है। 

आरोपियों द्वारा जंगली सुअर के शिकार के लिए विद्युत प्रवाहित तार बिछाया गया था, जिसके चपेट में बाघ आ गया और उसकी मौत हो गई। यह बाघ बीते एक माह से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा अभ्यारण्य में विचरण कर रहा था। बीते एक माह के भीतर उसने नील गाय सहित अन्य जानवरों का शिकार किया था और वन विभाग इसके मूवमेंट को कैद करने के लिये टै्रपिंग कैमरों के जरिये नजर रख रहा था। बाघ के शिकार का मामला सामने आने के बाद वन विभाग की टीम ने इसे पहले तो छुपाने का प्रयास किया, लेकिन बाद में पांच शिकारियों को वन्य अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। वन विभाग के अनुसार यह बाघ जिले की सीमा से लगे ओडिशा के जंगलों से इस गोमर्डा अभ्यारण्य में आ गया था।

रायगढ़ जिले सहित सारंगढ़-बिलाईगढ़ इलाके में जंगली जानवरों के शिकार की घटनाएं लगातार सामने आते रही है और सबसे ज्यादा घटनाएं तो जंगली  हाथियों के मामले हैं बावजूद इसके वन विभाग ऐसे अवैध शिकार पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर पाता जिसके कारण अब शिकारियों ने सीधे राष्ट्रीय पशु बाघ का शिकार करके विभाग को चुनौती दे दी है। जंगलों में अवैध विद्युत कनेक्शन के जरिये तार बिछाकर जंगली सुअर सहित अन्य जानवरों के शिकार करने वाले शिकारी वन विभाग के कर्मचारियों से मिली भगत करके लगातार अवैध शिकार करते आ रहे थे।

बाघ के विचरण करने के निशान मिटने के बाद जागा वन विभाग

सारंगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य में दिसम्बर माह में क्षेत्र के जंगल में एक बाघ को विचरण करते देखा गया था, जिसके बाद वन विभाग द्वारा कैमरा ट्रैप लगाकर तथा एसटीपीएफ का गठन कर उक्त बाघ का सतत् निगरानी की जा रही थी। साथ ही लगातार मॉनिटरिंग एवं ट्रैकिंग किया जा रहा था। इसी बीच 12 जनवरी के पश्चात् इसके जंगल मे बाघ के फूटप्रिंट नहीं मिलने के कारण वन विभाग को हुई शंका के आधार पर विभाग ने अपने मुखबिरों को अलर्ट कर पता साजी चालू कर दिया गया। जिसके तहत 24 जनवरी को मुखबिरों से प्राप्त सूचना के आधार पर पहले 03 आरोपियों को पकड़ा गया जिनके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि जंगली सुअर का शिकार करने के लिए लगाये गये बिजली तार में एक नग बाघ की मृत्यु हो गई है। पकड़े जाने के डर से शिकारियों ने बाघ के शव को नजदीक जंगल में लात नदी के किनारे दफना दिया था।

बाघ का कंकाल

सारंगढ़ वन मंडल की टीम, एसटीपीएफ एवं वन विभाग के डॉग स्कवॉड के द्वारा आरोपियों द्वारा शव को दफनाये गये स्थान का मुआयना कर एक बाघ का कंकाल खोज निकाला। साथ ही साथ डॉग स्कवॉड द्वारा आरोपियों के घर में छापामारी की कार्रवाई की गई जिससे शिकार करने में प्रयुक्त बिजली के तार एवं अन्य शिकार संबंधित सामग्री का जब्ती किया गया एवं अन्य 02 आरोपियों को भी पकड़ा गया। शव परीक्षण कर नियमानुसार जलाया गया। शव परीक्षण के दौरान उक्त बाघ के सभी अंग सही सलामत पाया गया एवं नमूना सैम्पल जांच हेतु भेजा गया।

कर्मचारियों पर गिरी गाज

गोमर्डा अभ्यारण्य से लगे जंगलों में शिकारियों द्वारा करंट प्रवाहित तार बिछाकर बाघ का शिकार करने के मामले में वन विभाग ने छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके पूरे मामले को रफा-दफा करने का भी प्रयास किया। एक जानकारी के अनुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा वन्यप्राणियों के संरक्षण हेतु उचित मार्गदर्शन देते हुए उक्त प्रकरण में सख्त कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया। जिसमें प्राथमिक जांच के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वन विभाग द्वारा विद्युत तार के संबंध में लापरवाही बरते गये परिसर रक्षक को निलंबित किया गया तथा संबंधित परिक्षेत्र सहायक और प्रभारी परिक्षेत्राधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। साथ ही साथ संबंधित प्रकरण के पांचों अपराधियों को वन विभाग द्वारा पी.ओ.आर.जारी कर गिरफ्तार करते हुए न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया है।


बाघ के शिकार का मामले में वन विभाग द्वारा गिरफ्तार किये गये 05 आरोपियों में सीताराम सिदार (33), रामचरण बरिहा (48), सहदेव बरिहा (35), बंशीलाल बरिहा (63) ग्राम घोराघांटी, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निवासी है तथा धनुराम उर्फ भुनेश्वर साहू ( 35) ग्राम सालर, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निवासी है।


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