सारंगढ़-बिलाईगढ़

हवन पूजन व महाप्रसाद वितरण के साथ भागवत कथा का समापन
24-Nov-2023 8:34 PM
हवन पूजन व महाप्रसाद वितरण के साथ भागवत कथा का समापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सारंगढ़, 24 नवंबर। सीपीएम कला एवं विज्ञान महाविद्यालय सारंगढ़ प्रांगण में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ हवन पूजन व महाप्रसाद वितरण के साथ संपन्न हो गया। सात दिवस तक चली कथा का 15 नवंबर को भव्य कलश यात्रा से हुई।

कलश यात्रा में आयोजक जायसवाल परिवार के साथ साथ सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। कथा वाचक परम पूज्य अभिनन्दन जी महराज श्रीधाम वृन्दावन के मुखारबिन्द से पूरे सात दिनों तक प्रेम रस धारा की वर्षा होते रही।

प्रथम दिवस की कथा में कथा वाचक महराज जी ने व्यासपीठ से भागवत महात्म्य से कथा आरम्भ कर क्रमश: द्वितीय व तृतीय दिवस की कथा में महाभारत कथा परीक्षित जन्म की कथा तथा कपिलोख्यांन कथा के साथ ही सृष्टि दर्शन पर प्रकाश डाला।

 कथा के दौरान सुन्दर संगीत के सुरों व भजन में भक्त झूमते रहे। चौथे दिवस कथा में भगवान वामन अवतार, राम अवतार व श्री कृष्णजन्मोत्सव का वर्णन किया गया। इस दौरान मनभावन जीवन्त झांकी भी प्रदर्शित की गई। क्रमश: पांचवे दिवस की कथा में महराज जी ने कृष्ण लीला का बहुत ही रमणीक वर्णन किया उन्होंने भगवान की बासुरी का बखान करते हुए कहा कि उनकी बंसी में वह जादू है कि गोपियां अपनी सुध बुध खो तथा ग्वाले अपना काम धाम छोड़ भगवान की ओर खिंचे चले आते थे छठे दिवस की कथा में व्यास पीठ से महाराज जी ने राम पंचाध्यायी, गोपी गीत व रुक्मणि मंगल विवाह की कथा के साथ हरी भगवान की लीलाओं के विभिन्न प्रसंगों का विस्तार से वर्णन करते हुये कहा कि भागवत भगवान की कथा ज्ञान को अपने जीवन में आत्मसात कर, भगवान की भक्ति से व्यक्ति अपने जीवन में सुख शांति प्राप्त कर सकता है। मानव को सदा बढ़ चढ़ कर दान पुण्य व परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए. सप्तम अंतिम दिवस की कथा परीक्षित मोक्ष, सुदामा चरित्र की कथा व हवन पूजन एवं महाप्रसाद वितरण के साथ कथा का विराम दिवस रहा।

इस अवसर पर 27 दिसंबर से 2 जनवरी 2024 तक श्रीधाम द्वारका पुरी गुजरात में आयोजित कथा सुनने द्वारिका पहुंचने का आमंत्रण भी पूज्यनीय अभिनन्दन जी महराज ने दिया।


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