सारंगढ़-बिलाईगढ़

बारिश में निकली परशुराम जयंती की शोभायात्रा
23-Apr-2023 8:37 PM
बारिश में निकली परशुराम जयंती की शोभायात्रा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सारंगढ़, 23 अप्रैल। नगर के विप्र समाज द्वारा शस्त्र और शास्त्र के अध्येता, ब्राह्मण कुल में पैदा होकर क्षत्रिय धर्म का पालन करने वाले भगवान परशुराम की शोभायात्रा नगर के पैलपारा से भीगते पानी में निकली, राजापारा चौक पहुंच आतिशबाजी के साथ यह शोभायात्रा दौलतराम शराफ चौक पहुंची, यहां से बड़े मठ चौक जहां परशुराम जी का विधि विधान से आरती की गई और शोभायात्रा में सम्मिलित विप्र जनों को ठंडा पेयजल वितरित किया गया।

शोभायात्रा छोटे मठपारा होते हुए नंदा चौक पहुंची, जहां परशुराम जयंती समारोह में निकली शोभायात्रा को शीला गर्ग, राधेश्याम केशर बानी, बल्लू केशरवानी निखिल केशरवानी, ओमकार केशरवानी, तुलसी केशरवानी, मनोज केशरवानी राहुल केशरवानी, सुरेश केशर बानी एवं नंदा चौक के अन्य सभी ने मिलकर शोभायात्रा में सम्मिलित सभी विप्र जनों का स्वागत करते हुए जूस पिलाए।

आतिशबाजी के साथ इस शोभायात्रा में लगभग 200 से अधिक युवा युवती महिला पुरुष उपस्थित रहे। जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष विजय तिवारी से जब इस विषय में बात की गई तो उन्होंने बताया कि वैशाख शुक्ल तृतीया को रेणुका के गर्भ से भगवान विष्णु ने जन्म से ब्राम्हण और कर्म से क्षत्रिय भृगु वंशी परशुराम के रूप में जन्म लिया था। वे जमदग्नि ऋषि की संतान है, एक पौराणिक कथा के अनुसार परशुराम की मां और महर्षि विश्वामित्र की माता एक साथ पूजन कियें और प्रसाद देते समय ऋषि ने प्रसाद की अदला बदली कर दी। इस अदला- बदली के कारण परशुराम ब्राह्मण होते हुए भी क्षत्रिय स्वभाव के थे और विश्वामित्र क्षत्रिय पुत्र होने के बाद भी ब्रह्मर्षि कहलाए।

कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद मिश्रा ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए काम अक्षय फल देते हैं, इस दिन आप जो भी कार्य करते हैं वह मन एवं आत्मा से जुड़ा हुआ रहता है। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन किया गया पूजा पाठ और दान जीवन के लिए बहुत मायने रखता है।


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