राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : भाजपा की नई टीम
10-Dec-2025 5:51 PM
राजपथ-जनपथ : भाजपा की नई टीम

भाजपा की नई टीम

तीन साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा की नई टीम तैयार हो गई है। पार्टी ने आरंग के पूर्व विधायक नवीन मारकंडेय को प्रभारी महामंत्री का दायित्व सौंपा है। यही नहीं, अंबिकापुर के नेता और प्रदेश महामंत्री अखिलेश सोनी को रायपुर संभाग का प्रभारी बनाया गया है।

सोनी से पहले भूपेन्द्र सवन्नी रायपुर संभाग के प्रभारी थे। सवन्नी की पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर से अनबन रही है। इसके चलते कई बार वाद विवाद हो चुका है। नए प्रभारी अखिलेश सोनी के सांसद बृजमोहन अग्रवाल, और अजय चंद्राकर सहित अन्य नेताओं से मधुर संबंध हैं। कुल मिलाकर अखिलेश के प्रभारी बनने से गुटबाजी पर लगाम लगने की उम्मीद जताई जा रही है। दूसरी तरफ, जगदीश रामू रोहरा को बिलासपुर संभाग का प्रभारी नियुक्त किया गया है। रामू रोहरा चूंकि धमतरी के मेयर भी हैं। इसलिए उनके साथ अभिषेक शुक्ला को सहप्रभारी नियुक्त किया गया है।

बेमेतरा के पूर्व विधायक अवधेश चंदेल को सरगुजा, और जगन्नाथ पाणिग्रही को दुर्ग संभाग का प्रभारी नियुक्त किया गया है। बस्तर संभाग की जिम्मेदारी यशवंत जैन को दी गई है। यशवंत के साथ हरपाल सिंह भामरा को सहप्रभारी नियुक्त किया गया है। कुल मिलाकर नई टीम विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करने की उम्मीद जताई जा रही है।

लंबे इंतजार का फल

ये तस्वीर सत्रह साल पुरानी है। उस कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन थीं। सोनिया के बगल की कुर्सी पर बिलासपुर के महेंद्र गंगोत्री, और उनके ठीक पीछे राजेन्द्र पप्पू बंजारे बैठे हैं। सोनिया गांधी ने एआईसीसी दफ्तर में अलग-अलग राज्यों से प्रशिक्षण के लिए आए प्रतिनिधियों को संबोधित भी किया था। महेन्द्र, और पप्पू बंजारे संगठन में पद के लिए प्रयासरत थे। अब जाकर दोनों ही अपने-अपने जिलों में अध्यक्ष बन पाए हैं।

महेन्द्र गंगोत्री को पार्टी ने बिलासपुर जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष की कमान सौंपी है। गंगोत्री, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के समर्थकों में गिने जाते हैं। उन्हें अध्यक्ष बनवाने में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने भी भूमिका निभाई थी। इससे परे राजेन्द्र पप्पू बंजारे, धरसीवां जिला जनपद के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें भूपेश सरकार ने आरडीए संचालक मंडल का सदस्य बनाया था। अब उन्हें ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी मिली है। उन्हें ग्रामीण अध्यक्ष बनवाने में स्थानीय नेताओं की भूमिका रही है। दोनों को लंबे इंतजार का फल मिला है।

थानेदार को कलेक्टर का सैल्यूट

सरगुजा में अमेरा स्थित कोल ब्लॉक के आवंटन के खिलाफ ग्रामीणों के रोष ने हिंसक रूप ले लिया था। भीड़ का जैसा आचरण होता है- उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। इनके बीच डीएसपी, महिला थाना प्रभारी- सुनीता भारद्वाज फंस गईं। उनकी जान खतरे में थी, फिर भी डटी रहीं। चोटें आईं, मगर ड्यूटी निभा रही थीं। सरगुजा कलेक्टर विलास राव भोस्कर ने प्रशासनिक अधिकारियों की एक बैठक में उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की। इतना ही नहीं, भरी सभा में उन्हें सैल्यूट कर सम्मानित किया। बेशक, अमेरा के ग्रामीणों की कोयला खदान का विरोध करना जायज हो, लेकिन जब स्थिति उपद्रव की हो जाए- तो उसे नियंत्रित करना पुलिस का काम है और जो ऐसा करता है उसकी तारीफ भी होनी चाहिए। मगर, यह भी देखा गया है कि ग्रामीणों का गुस्सा फूटता कब है? प्राय: प्रशासन ग्रामीणों की जायज मांगों को भी नहीं सुनती। हाल ही में कवर्धा (कबीरधाम) और रायगढ़ जिले में नए संयंत्रों और खदानों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहे हैं। हसदेव अरण्य को नष्ट होते देख वहां के आदिवासियों ने मीलों पैदल यात्रा की, सैकड़ों दिनों से शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। प्रशासन सुन ले तो पुलिस को सामने करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। सोशल मीडिया पर छाई सेल्यूट वाली इस तस्वीर पर कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया भी दी है। उनका कहना है कि पुलिस की लाठियों से ग्रामीण भी घायल हुए हैं, क्या कलेक्टर ने उनका हाल-चाल जाना। जल-जंगल और जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे आंदोलनों के साथ प्रशासन कभी सहानुभूति क्यों नहीं दिखाता?

 


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