राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बड़ी देर की मेहरबां जाते-जाते!
21-Sep-2025 6:27 PM
राजपथ-जनपथ : बड़ी देर की मेहरबां जाते-जाते!

बड़ी देर की मेहरबां जाते-जाते!
भ्रष्टाचार के प्रकरणों पर ईओडब्ल्यू-एसीबी, और ईडी एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है। इन सबके बीच रायपुर नगर निगम के एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी जयचंद कोसले के यहां ईओडब्ल्यू-एसीबी ने दबिश दी, तो कांग्रेस के एक खेमे में हलचल मच गई।

कोसले, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ऑफिस स्टाफ में हैं। कई लोग उन्हें पिछली सरकार का ‘राजदार’ मानते हैं। वैसे कोसले के यहां क्या कुछ मिला है, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।

बताते हैं कि कोसले को पूर्व सीएम की डिप्टी सेक्रेटरी रहीं सौम्या चौरसिया का करीबी माना जाता है। सौम्या, जब रायपुर नगर निगम में उपायुक्त थीं तब जयचंद उनके ऑफिस स्टॉफ में थे। इसके बाद सौम्या के सीएम सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी बनने के बाद कोसले की भी वहां पोस्टिंग हो गई।

शराब-कोयला घोटाला प्रकरण की ईडी, और ईओडब्ल्यू-एसीबी लंबे समय से जांच कर रही है। मगर कोसले जांच के घेरे में नहीं आए हैं। अब उनके यहां ईओडब्ल्यू-एसीबी ने दबिश दी है, तो कई चौंकाने वाले खुलासे होने की अटकलें लगाई जा रही है। देखना है कि कोसले से पूछताछ में क्या कुछ निकलता है।

टेक्नोलॉजी पर भारी भूत-प्रेत
भिलाई स्मृति नगर चौकी इलाके में एक 20 वर्ष के युवक से 1 लाख 60 हजार रुपए की ठगी की गई। जो यह बताने के लिए काफी है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना, पढ़ा लिखा युवा होना इस बात की गारंटी नहीं है कि वह लोग अंधविश्वास और अवैज्ञानिक दावों के जाल में नहीं फंस सकता।  सोशल मीडिया पर मौजूद तथाकथित ‘गुरुमाता’ आईडी ने तंत्र-विद्या और पूजा-पाठ के नाम पर और भूत प्रेत का भय दिखाकर अलग-अलग तरीकों से रकम ऐंठी। वीडियो कॉल के जरिए नकली पूजा दिखाकर और सोने का चूड़ा देने का लालच देकर लगातार राशि की मांग की जाती रही। इन दिनों इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर तंत्र-मंत्र, वशीकरण और प्रेत बाधा दूर करने वाले विज्ञापनों की भरमार है। इन्हें देखकर पढ़े-लिखे और तकनीक से जुड़े युवा भी ठगी का शिकार हो जाते हैं। मोबाइल, इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अत्याधुनिक उपकरण केवल तभी कारगर हैं, जब उनका इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति तार्किक सोच और विवेक से काम ले। तकनीक का उद्देश्य हमें आगे बढ़ाना है, अंधविश्वास से बाहर निकालना है, लेकिन यह तभी संभव है जब उपयोगकर्ता भी जिज्ञासु हो, प्रश्न करने की आदत विकसित करे।

बीती ताहि बिसार दे...
खेल विभाग में सामग्री की सप्लाई पर काफी विवाद चल रहा है। यह विवाद पहले टंकराम वर्मा के पास था, जो कि अब डिप्टी सीएम अरुण साव के पास आ गया है। बस्तर ओलंपिक से लेकर अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए खेल सामग्री की खरीद को लेकर शिकवा-शिकायतें हुई हैं। पिछले दिनों युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खेल अफसरों का घेराव भी किया था।

बताते हैं कि डिप्टी सीएम अरुण साव खेल विभाग से जुड़ी शिकायतों से अनभिज्ञ रहे हैं। और अब एक-एक कर उड़ती-उड़ती शिकायतें पहुंच रही हैं, तो उन्होंने विभाग के आला अफसरों को हिदायत दे दी है। साव ने कह दिया है कि पहले क्या चलता था, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अब कोई भी शिकायतें आई, तो जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अफसरों को खिलाडिय़ों के हित में काम करने की नसीहत दे रखी है। देखना है कि साव की चेतावनी का क्या असर होता है।

अपने से बड़े साहब को धमकी!
अब तक तो ठेकेदारों के कार्टेल बनाने, टेंडर में भाग न लेने या टेंडर वापस लेने को लेकर एक दूसरे को धमकी देने के मामले देखे सुनने में आते रहे हैं। लेकिन सरकारी विभागों में अफसरों के ऐसे कृत्यों के  दृष्टांत बहुत कम ही सुनने में आए हैं। वह भी राज्य और केंद्र सरकार के विभागों के अधिकारियों में। हालांकि  विभाग के अफसर इसे धमकी के बजाय आग्रह का नाम दे रहे हैं। प्रदेश में एक विभाग और उसके एक उपक्रम द्वारा बस्तर में भारत नेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का का काम किया जा रहा है। सैकड़ों करोड़ का यह काम अब तक देश की एक विश्वसनीय कंपनी कर रही थी।

पहले भाजपा फिर कांग्रेस और अब फिर भाजपा की राज्य सरकारों के उलझन में फंसकर, या फंसाकर कंपनी को बाहर करवा दिया गया। और सैकड़ों करोड़ की सुरक्षा निधि भी राजसात कर दी गई। इस योजना में हस्तक्षेप कर केंद्रीय संचार विभाग ने यह काम राज्य सरकार के उपक्रम से छीनकर-लेकर बीएसएनएल को दिया। इससे राजकीय उपक्रम के साहबों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। इससे नाखुश साहबों ने बीएसएनएल के एक महाप्रबंधक को कॉल कर काम न करने का लिखित रिफ्यूजल देने कहा।

आईटीएस अफसर भला अपने से दशकों जूनियर की इस धमकी-आग्रह को भला कैसे मान लेते। उन्होंने कह दिया कि यहां से संभव नहीं दिल्ली संचार भवन से करवा लाने का सुझाव-जवाब दे दिया। बात यहीं खत्म नहीं हुई, राज्य के अफसर ने महाप्रबंधक को उनकी और अपने सेवाकाल को याद दिलाते हुए भविष्य में काम बिगाडऩे की धमकी दे दी। अब देखना होगा कि जूनियर साहब दिल्ली से रिफ्यूजल ला पाते हैं या नहीं।

एक अफसर को देखने को फीस!!

उत्तर प्रदेश पीएससी से चुनकर आई वहां की एक महिला अफसर का बड़ा दिलचस्प वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रहा है। वहां वे अपने फैंस को कह रही हैं कि वह उनके टॉप फैन बन जाएँ, 30 दिन तक लगातार उनको शेयर करें, उनकी फेसबुक पोस्ट को रीपोस्ट करें। इस तरह से वह अपने चाहने वालों का हौसला बढ़ा रही है कि उनकी फेसबुक की पोस्ट को 30 दिन लगातार शेयर करने से वे उन्हें इन्वाइट भेज देंगी। 

अब उनका फेसबुक पेज अगर देखें तो उसमें सब्सक्राइब करने का एक ऑप्शन भी है, जिसमें 89 रुपए महीने में उनके पेज को सब्सक्राइब किया जा सकता है। जाहिर है कि यह 89 रुपया महीना उनके खाते में जाता होगा। वह इंस्टाग्राम पर ढाई लाख से अधिक फॉलोवर्स वाली हैं और फेसबुक पर 29 हज़ार से अधिक लोग उन्हें फॉलो करते हैं। वह पीएसी या यूपीएससी की कोचिंग से भी जुड़ी हुई हैं। तो यह बड़ा दिलचस्प है कि एक सरकारी अफसर किस तरह खासा वक्त सोशल मीडिया पेज पर लगाए, उसे बढ़ाए और फीस लेकर उसमें सब्सक्राइबर जोड़े।  हो सकता है कि सरकार के लिए वह काम की भी हों। फिलहाल तो उनके जितने पोस्ट फेसबुक पर दिखे हैं उनमें से अधिकतर में वह अपने आपको बढ़ावा दे रही है, अपनी ही तस्वीर पोस्ट कर रही हैं।

डिप्टी सीएम अरुण साव के मोटर गाडिय़ों के लंबे-चौड़े काफिले और उसके जगह-जगह स्वागत के कुछ वीडियो और कुछ फोटो जोडक़र एक रील बनाई गई है। उस रील के पीछे एक कोई गाना बजता है ‘बाप तो बाप ही रहेगा’  यूट्यूब पर यह गाना ढूंढने पर दिखता है कि यह गुंडे मवालियों के बीच बंदूक-पिस्तौल वाला कोई गाना है। अब अरुण साव के फोटो वीडियो के साथ उनके स्वागत में ऐसी रील बनाना, यह काम उनके समर्थकों-प्रशंसकों ने किया है, या कि उनके दुश्मन ने यह अंदाज लगाना थोड़ा मुश्किल है। ([email protected])


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