राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बदलाव नीचे होगा, या ऊपर?
14-May-2025 8:00 PM
राजपथ-जनपथ : बदलाव नीचे होगा, या ऊपर?

बदलाव नीचे होगा, या ऊपर?

रायपुर नगर निगम के पांच बागी कांग्रेस पार्षदों की पार्टी में वापसी तो हो गई है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति का विवाद नहीं सुलझ पाया है। पीसीसी ने निर्दलीय चुनाव जीतकर कांग्रेस में आए पार्षद आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया। इसके विरोध में पांच पार्षदों को पार्टी में छोड़ दी थी। पार्टी में वापसी के बाद भी बागी कांग्रेस पार्षद, आकाश तिवारी को नेता मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

हालांकि प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने साफ कर दिया है कि नियुक्ति में  किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। आकाश तिवारी नेता प्रतिपक्ष बने रहेंगे, लेकिन कांग्रेस के तिवारी समेत 8 में से 5 पार्षद तो उन्हें  पार्षद दल का नेता नहीं मान रहे हैं। इससे परे निगम सभापति सूर्यकांत राठौर ने पहले संदीप साहू को कांग्रेस के पत्र के आधार पर नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्य कर चुके हैं। दोबारा आकाश तिवारी के नाम से जारी संशोधित पत्र पर कोई फैसला लेने से बचते दिख रहे हैं। यानी संदीप साहू नेता प्रतिपक्ष बने हुए हैं।

बताते हैं कि नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर हो रही किरकिरी के चलते पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं की समझाइश पर संदीप साहू और बाकी कांग्रेस पार्षद पार्टी में वापस आ गए, लेकिन पीसीसी के रवैये में बदलाव नहीं होने से वो खिन्न हैं। हालांकि पार्टी के कई नेताओं ने उन्हें आश्वस्त किया है कि देर सवेर पीसीसी में ही बदलाव होगा, ऐसे में धैर्य बनाए रखें। पार्षदों खामोश हैं, और बदलाव का इंतजार कर रहे हैं। देखना है आगे क्या होता है।

अब अवैध कोयला खनन का भंडाफोड़

बलरामपुर जिले के सनावल में रेत माफियाओं पर छापामारी के दौरान एक आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डालने की घटना के बीच, सरगुजा संभाग के ही दूसरे छोर कोरिया जिले से भी अवैध खनन से जुड़ी एक और खबर सामने आई है। यह एक वीडियो के रूप में है, जिसे भाजपा के ही जिला अध्यक्ष ने जारी किया है।

वीडियो में उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने रात के अंधेरे में उन स्थानों का दौरा किया, जहां बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन हो रहा है। उन्होंने तस्करों को चुनौती दी और इस गोरखधंधे का खुलासा किया। माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने भी तत्काल एक ऑडियो जारी कर पलटवार किया। इस ऑडियो में कहा गया कि कोयले की अवैध खुदाई और तस्करी भाजपा के नेताओं के संरक्षण में हो रही है। साथ ही यह भी कहा गया कि वीआईपी दौरा निपट जाने दीजिए, उसके बाद फिर से काम शुरू कर देंगे।

याद कीजिए, तीन साल पहले अप्रैल महीने में कोरिया जिले में एक अवैध कोयला खदान धसक गई थी, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गई। अवैध खनन होने के कारण उन्हें मुआवजा तक नहीं मिला। एक सप्ताह तक तो प्रशासन यह मानने को भी तैयार नहीं था कि कोई मौत हुई है। तब कांग्रेस की सरकार थी, आज भाजपा की है। पर हालात जस के तस हैं। काले कारोबार में सत्ता बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

कोरिया जिले के सोनहत और पटना थाना क्षेत्र में दर्जनों अवैध कोयला खदानें हैं। यह कारोबार खदानों, रेलवे साइडिंग, चलती मालगाडिय़ों और जंगलों में बनाई गई अवैध सुरंगों तक फैला हुआ है। एसईसीएल और पुलिस की ओर से कार्रवाई के दावे तो होते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कभी कोई निर्णायक अंकुश नहीं लग सका। दुखद पहलू यह है कि इस खतरनाक खेल में लगे माफिया कभी जान नहीं गंवाते। जान जाती है तो उन गरीब ग्रामीणों की, जो महज दो-ढाई सौ रुपये की मजदूरी के लिए अवैध सुरंगों में घुसकर खुद को जोखिम में डालते हैं। मुरमा, देव खोल और कटोरा जैसे स्थानों पर बीते कुछ वर्षों में ऐसे ही हादसों में कम से कम छह लोगों की जान जा चुकी है। चूंकि वे अवैध मजदूर थे, किसी को मुआवजा नहीं मिला।

सरकार कोई भी हो, जब अपराधियों को सत्ता में बैठे लोगों का संरक्षण मिलने लगता है, तब वे इतने साहसी और आक्रामक हो जाते हैं कि मजदूरों या ड्यूटी पर तैनात एक मामूली सिपाही की जान उनके लिए कोई मायने नहीं रखती।

आवास कार्यक्रम से सब गदगद

अंबिकापुर में ‘मोर आवास मोर अधिकार’ कार्यक्रम काफी सफल रहा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में आवास योजना के हितग्राहियों को आवास की चाबी सौंपी। वैसे तो यह कार्यक्रम सरकारी था, और इसमें 50 हजार से अधिक लोग जुटे। भारी भीड़ देखकर  केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, और उनके साथ आई केन्द्रीय टीम काफी खुश थी।

हालांकि स्वागत सत्कार के दौरान थोड़ा विवाद हुआ था। सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज को केन्द्रीय मंत्री का स्वागत के लिए पहले पुकार लिया गया, जबकि राज्य सरकार के मंत्री भी मंचस्थ थे, जो कि प्रशासन से कुछ देर के लिए नाखुश रहे। मगर कार्यक्रम बढिय़ा हुआ, तो सीएम और सरकार के मंत्री, और भाजपा के पदाधिकारी काफी गदगद रहे। जिन्हें आवास की चाबी मिली थी। उनका उत्साह तो देखते ही बन रहा था।

केन्द्रीय मंत्री ने ऐलान किया कि कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा। सबके पक्के मकान बनेंगे। इस घोषणा का सरगुजा संभाग में काफी फायदा होगा क्योंकि सबसे ज्यादा कच्चे मकान बस्तर, और सरगुजा इलाके में हैं।

शांत और चिंतनशील झुंड

मई महीने की 40 डिग्री सेल्सियस की झुलसा देने वाली गर्मी में हाथियों का एक बड़ा झुंड कीचड़ भरे दलदल और ठंडे पानी में सुकून की सांस लेता दिख रहा है। झुंड में वयस्क- मादा हाथी, युवा हाथी और नन्हे शावक भी दिखाई दे रहे हैं। कीचड़ न केवल उन्हें ठंडक पहुंचा रहा है, बल्कि उनकी त्वचा को परजीवियों और धूप से भी बचा रहा है। विश्राम का यह दृश्य इंगित करता है कि वनों के भीतर यदि कुछ ऐसे सुरक्षित प्राकृतिक स्थल शेष हों तो ये जीव चैन की सांस ले सकते हैं। हाथियों के लिए ऐसे ठिकानों का संरक्षण बहुत जरूरी है। छत्तीसगढ़ में जैसे-जैसे जंगलों का दायरा घट रहा है, जल के स्त्रोत सूख रहे हैं और तापमान हर वर्ष बढ़ रहा है, वैसे-वैसे हाथियों और अन्य वन्यजीवों के लिए जीवन कठिन होता जा रहा है। यह शांत दृश्य धरमजयगढ़ वनमंडल का है।


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