राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : यह बैग 20 हजार का
15-Oct-2024 3:06 PM
राजपथ-जनपथ :  यह बैग 20 हजार का

यह बैग 20 हजार का

राष्ट्रीय वन खेल महोत्सव बुधवार से शुरू हो रहे हैं। इसके उद्घाटन की तैयारियां आज शाम लॉक कर दी जाएंगी। मंगलवार शाम वन मंत्री ने खेलों में आ रहे देशभर के खिलाडिय़ों, रेफरी अंपायर, कोच मैनेजर व अन्य हिस्सेदारों के लिए सेंट्रल किचन का फीता काटा। जो एनएमडीसी द्वारा प्रायोजित है। 

इस मौके पर मंत्रीजी ने छत्तीसगढ़ की टीम के खिलाडिय़ों को किट वितरित किया। इनमें अकेले 213 आईएफएस खिलाड़ी हैं। जो कुल कैडर स्ट्रेंथ से अधिक हैं। और राज्य वन सेवा के साथ लिपिक वर्गीय खिलाड़ी अलग। इनके अलावा ऐसे भी सौ से अधिक लोगों को किट बैग दिए गए जिनका खेलों से दूर-दूर तक वास्ता नहीं। यह गिफ्ट स्वरूप दिए गए। एक एक किट बैग की कीमत 20-20 हजार है। जिसमे एक स्पोर्ट बेग, एडिडास के स्पोर्ट्स शूज-मोजे, नैपकिन, वॉटर बॉटल, ट्रेक सूट (लोअर टी शर्ट) आदि शामिल है। इनमें अधिकांश बड़े साहब के सुरक्षा जवान हैं। 

विभागीय मंत्री को भी 15 बैग सौजन्य भेंट किए गए। सुनने में आया है कि रिटायर्ड चुनिंदा आईएफएस अधिकारियों को भी दिए जाएंगे। वहीं देश भर से आमंत्रित पीसीसीएफ, केंद्रीय वन मंत्रालय के 70 अधिकारियों के लिए नवा रायपुर सेक्टर 16 के 5 स्टार रिजॉर्ट में सात दिन की लॉजिंग बोर्डिंग 70 सुइट्स बुक हैं। जहां रूम के भीतर ही स्मॉल स्विमिंग पुल, गोल्फ और घुड़सवारी की भी सुविधा रहेगी। इसका एक दिन का किराया 40 हजार रुपए चेक आउट बिल में होगा।

पूरा जिला केवल आयोग का ही काम करेगा 

आज दोपहर रायपुर दक्षिण उप चुनाव की घोषणा के साथ जिले का पूरा अमला केवल चुनाव कार्य करेगा। यानी आम जन एक बार फिर कम से कम महीने भर के लिए दफ्तर जाकर वापस लौट आएंगे। उनका कोई काम नहीं होगा। भूलवश दफ्तर गए तो चपरासी उल्टे पांव लौटा देगा कि साहब बाबू चुनाव में व्यस्त हैं। आदेश निकालना तो दूर की बात है। क्योंकि  पूरे रायपुर जिले में आचार संहिता लागू हो जाएगी। और पूरा प्रशासन, निर्वाचन आयोग के अधीन हो जाएगा।

साहब लोग एक अदद प्रमाण पत्र, मेडिकल बिल, मंत्री विधायकों के स्वेच्छानुदान स्वास्थ्य अनुदान के चेक पर भी साइन भी नहीं करेंगे। मरीजों (परिजनों)को कह दिया जाएगा, चुनाव बाद आना। हालत ठीक रही तो ठीक वर्ना राम नाम सत्य है ही।

नए विकास कार्यों की घोषणा भूमिपूजन, लोकार्पण नहीं होंगे। इसके अलावा राजधानी में होने वाले राज्योत्सव पर भी संशय खड़ा हो गया है। हालांकि आयोजन स्थल रायपुर दक्षिण के दायरे से बाहर है, लेकिन रायपुर जिले में शामिल होने से इसके मंच से नई घोषणाएं नहीं की जा सकेंगी। राज्योत्सव नवा रायपुर के मेला ग्राउंड में होने पर भी यह पाबंदी लागू रहेगी।

वन स्टेट वन इलेक्शन

जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था आईएएस ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की अनुशंसा सरकार से कर दी है। कमेटी की सिफारिश एक औपचारिकता ही थी क्योंकि राज्य सरकार ने अगस्त में ही घोषणा कर दी थी कि वह दोनों चुनाव एक साथ कराना चाहती है। बताया जा रहा है कि सिफारिश में यह कहा गया है कि मतदान की तिथियां तो अलग-अलग होंगी लेकिन मतगणना एक साथ होगी। पिछली बार नगरीय निकायों के चुनाव की अधिसूचना 25 नवंबर 2019 को जारी की गई थी और 24 दिसंबर को परिणाम आ गए थे। इसके कुछ दिन बाद 30 दिसंबर को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी की गई। निर्वाचन की प्रक्रिया फरवरी में समाप्त हुई। इस तरह से पिछली बार भी आगे-पीछे ही चुनाव हुए थे, इस बार साथ-साथ होंगे। एक  साथ चुनाव कराने का लाभ यह होगा कि चुनाव आचार संहिता की अवधि कुछ कम हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव भी अलग-अलग होते हैं। लोकसभा का कार्यकाल मई में, जबकि विधानसभा का दिसंबर में समाप्त होता है। दोनों ही चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ-साथ आचार संहिता लग जाती है। यदि विधानसभा का कार्यकाल कुछ माह आगे बढ़ा देने का प्रावधान होता तो शायद दोनों चुनाव एक साथ होते और आचार संहिता की अवधि कुछ कम हो जाती। जानकारों का कहना है कि रामनाथ कोविंद कमेटी द्वारा वन नेशन, वन इलेक्शन के पक्ष में केंद्र सरकार की सिफारिश व्यवहारिक रूप से लागू करने में अभी भी कई तरह की अड़चन है। वह कब लागू होगी, कैसे होगी यह मसला केंद्र को सुलझाना है, लेकिन राज्य में पंचायत और नगरीय चुनावों को एक साथ कराने से समय और संसाधनों की बचत होने की उम्मीद की जा सकती है। सियासी फायदा किसे मिलेगा, यह दूसरा मसला है। 

(rajpathjanpath@gmail.com)


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