राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : महादेव ऐप के इर्द-गिर्द
17-Oct-2022 4:19 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : महादेव ऐप के इर्द-गिर्द

महादेव ऐप के इर्द-गिर्द

छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप नाम के ऑनलाईन सट्टेबाजी के एक एप्लीकेशन से जुड़े हुए कई लोग पकड़ाए, तो लोग हैरान भी हुए। यह मामला तो कई महीने पहले उजागर हुआ था, लोगों के नाम भी सामने आ गए थे, उनमें से कुछ लोग पकड़ा भी गए थे, लेकिन फिर वे रहस्यमय तरीके से छोड़ दिए गए थे। अब पकड़-धकड़ का यह दूसरा राउंड चल रहा है, और इस बीच कई महीने तक यह पकड़ कहां गायब हो गई थी, क्यों गायब हो गई थी, यह रहस्य ही बना हुआ है। राज्य के कम से कम एक जिले में तो कुछ अफसरों ने संगठित रूप से इस ऐप के मार्फत सट्टा लगाने को जमकर बढ़ावा दिया था, अब जिले के इन अफसरों के ऊपर भी कोई इसमें शामिल थे, या नहीं, यह साफ नहीं हुआ है। फिलहाल मुख्यमंत्री की फटकार के बाद उनके गृहजिले दुर्ग में महादेव ऐप से जुड़े सट्टेबाज पकड़ाए हैं, और उनमें से कुछ के बैंक खातों की जब्ती भी हुई है। एक दिलचस्प बात यह भी है कि बात-बात में जिन हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो जाती हैं, उनका कोई जुलूस इस बात को लेकर नहीं निकला कि उनके भगवान महादेव के नाम पर यह सट्टेबाजी चल रही है। जब किसी गलत धंधे में कमाई बहुत बड़ी हो, तो आसपास के संवेदनशील लोगों की सहनशीलता भी बहुत बढ़ जाती है, और धर्म की आंख भी अधर्म को अनदेखा करने लगती है, महादेव ऐप के साथ ठीक यही हुआ है। लेकिन दुर्ग से लेकर दुबई तक फैले सट्टे के इस कारोबार की जांच में अब केन्द्र सरकार की दिलचस्पी भी दिखाई दे रही है, और हो सकता है कि राज्य की पुलिस के हाथ से यह मामला निकल भी जाए। ऐसा अगर होता है तो इस धंधे को बढ़ावा देने वाले कुछ और लोग भी पकड़ में आ सकते हैं।

सनसनी तो दिख नहीं रही...

ईडी के छापों के बाद जिन अफसरों पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी थीं, वे रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू थीं। एक दूसरे आईएएस अफसर समीर विश्नोई तो गिरफ्तार ही हो गए, तो उनका दर्जा अब हिरासत के कैदी का रह गया है, और उनमें दिलचस्पी सीमित रह गई है। लेकिन रहस्यमय तरीके से कुछ दिन गायब रहने के बाद हैदराबाद में इलाज के सर्टिफिकेट सहित लौटीं रानू साहू ने जिस तरह चि_ी लिखकर ईडी को जांच का न्यौता दिया, वह भी एक हिम्मत का काम था। अब कल तक उनके सील किए गए घर की जांच हो जाने, और उनसे पूछताछ हो जाने की खबरें आ ही रही थीं कि अचानक रायगढ़ से तस्वीरों सहित यह समाचार आया कि कलेक्टर मेडिकल कॉलेज का दौरा करने पहुंचीं। मतलब यह कि हालात उनके काबू में हैं, और वे अपने आम कामकाज में लग गई हैं। कुछ लोग इसे आत्मविश्वास का प्रदर्शन कह रहे हैं, तो कुछ और लोग इसे उनके दुस्साहस की नुमाइश बता रहे हैं। जो भी हो, लौटने के बाद इतनी तेजी से हालात बदल देना आसान बात नहीं है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि उनके घर की तलाशी में बहुत कुछ निकलेगा, उनसे पूछताछ के बाद पता नहीं ईडी उन पर और क्या कार्रवाई करेगा, लेकिन फिलहाल वैसा कुछ सनसनीखेज होते दिख नहीं रहा है।

पुरानी कतरन, नई सनसनी

ईडी की दी गई जानकारी के मुताबिक माइनिंग के डायरेक्टर रहते हुए आईएएस समीर विश्नोई ने खनिज-अनुमति को ऑनलाईन से हटाकर जिले के अफसरों के हाथ दे दिया था, और वहीं से भ्रष्टाचार का रास्ता बना। अब इस अफसर की दिक्कत यह है कि माइनिंग के बाद ये राज्य सरकार की कम्प्यूटरों से जुड़े कामकाज की संस्था चिप्स में तैनात हुए, तो चिप्स से एक कंपनी पर लगाई गई बहुत बड़ी पेनाल्टी माफ करने का एक और मामला अब कब्र फाडक़र सामने आ रहा है। यह कुछ महीनों पहले भी सतह पर आया था, लेकिन अब एक नई गंभीरता के साथ इस पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एक अखबार की कुछ महीने पहले की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर तैर रही है कि चिप्स ने नाजायज तरीके से जुर्माना माफ किया, और कई करोड़ रूपये का बहुत बड़ा जुर्माना माफ किया। हो सकता है कि यह ईडी की मौजूदा जांच में न आता हो, लेकिन एक नई सनसनी तो इस महीनों पुरानी कतरन से  खड़ी हो ही गई है।

हमसफर मोबाइल फोन...

ट्रेन में लंबे सफर के दौरान यात्री अपने साथ बैठे लोगों से पूछ लिया करता है, कहां उतरेंगे-कहां से आ रहे हैं। उस शहर के फलां को तो मैं जानता हूं..। दूसरा कहता- हां..हां..वे तो हमारे भी बहुत अच्छे मित्र हैं। देश, दुनिया, राजनीतिक, धार्मिक, पारिवारिक जाने कितनी बातें आपस में हो जाती है और रास्ता कट जाता है। कई बार तो सहयात्रियों के बीच जिंदगी भर के लिए रिश्ता बन जाता है। पर धीरे-धीरे यह कल्चर खत्म हो रहा है। लोग आपस में बात करने के बजाय फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सएप में मशगूल रहते हैं। बात इतनी ही होती है- आपका मोबाइल चार्ज हो गया हो, चार्जिंग में मैं लगा दूं? हावड़ा से बिलासपुर निकली ट्रेन की यह तस्वीर कुछ ऐसी ही बात कह रही है।

दावेदारी रमन की ही रहेगी?

देश के दूसरे राज्यों में और राजधानी में यदि छत्तीसगढ़ से भाजपा के किसी नेता को जाना जाता है तो वे डॉ. रमन सिंह ही हैं। दूसरे क्रम में सरोज पांडेय और नंदकुमार साय और अन्य हो सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित संगठन के स्तर पर अनेक फेरबदल के बाद पार्टी के भीतर डॉ. सिंह के समर्थक बिल्कुल भी कम नहीं हुए हैं। विधानसभा चुनाव के लिए चल रही तैयारियों के बीच कल उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया और लोग शामिल हुए उससे यही संदेश निकला कि यदि भाजपा फिर सत्ता में लौटी तो मुख्यमंत्री के अलावा उनकी दावेदारी अग्रिम पंक्ति में है। भले ही पिछले विधानसभा में नतीजे कितने भी खराब आए हों या संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी कह रहे हों कि सीएम का कोई चेहरा सामने रखकर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा।  

केबीसी में पत्रकार...

मशहूर टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में इस बार एक पत्रकार हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के सामने बैठेंगे। पत्रकार दीपेश जैन ने रायपुर में कई अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम किया है। वे एक कहानीकार के रूप में भी पहचान रखते हैं। इस समय वे भोपाल में रहकर पत्रकारिता करते हैं। सोमवार की शाम वे टीवी पर दिखाई देंगे।  rajpathjanpath@gmail.com


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