राजनांदगांव

दिखावे के लिए मिला कोरोना वारियर्स का दर्जा, संक्रमित स्वास्थ्य कर्मी ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम
30-Apr-2021 12:42 PM
दिखावे के लिए मिला कोरोना वारियर्स का दर्जा, संक्रमित स्वास्थ्य कर्मी ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अप्रैल।
वैश्विक महामारी के खिलाफ मजबूती से जंग लडऩे में फ्रंटियर वारियर्स माने जाने वाले स्वास्थ्य अमले एक कर्मी ने ऑक्सीजन और आईसीयू के अभाव में दम तोड़ दिया। स्थानीय पेंड्री स्थित कोविड-19 अस्पताल में कोरोना उपचारार्थ के लिए दाखिल स्वास्थ्यकर्मी आखिरी दम तक स्पेशल यूनिट केयर कक्ष के लिए चिकित्सकों के सामने गिड़गिडाते रहा, पर आईसीयू के खचाखच भरे होने के कारण उसे बिस्तर नसीब नहीं हुआ।
 
डोंगरगढ़ ब्लॉक के मुरमुंदा के पीएचसी में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर सोनेश्वर साहू गुरुवार पूरे दिन ऑक्सीजन के कम लेवल के बीच अपने भाई के जरिये आलाधिकारियों से वेंटिलेटर और आईसीयू में दाखिले के लिए गुजारिश करता रहा, पर बिस्तर नहीं होने का हवाला देकर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। देखते ही देखते देर शाम को इस नौजवान कर्मचारी ने अपने भाई के सामने दम तोड़ दिया। सोनेश्वर को पल-पल मरते देखकर उसका भाई चाहकर भी कुछ नहीं कर पाया। 

बताया जाता है कि स्वास्थ्य अमले को कोरोना वारियर्स का तमगा दिया गया है। कोरोना से जंग में मैदानी अमला सामने आकर लड़ रहा है। इस लड़ाई में कई चिकित्सक और स्टॉफ नर्स, लैब टेक्निशियन तथा अस्पताल में पदस्थ चतुर्थ कर्मचारी भी संक्रमित हुए हैं। मुरमुंदा पीएचसी के कर्मी साहू को बचाने के लिए उसके बड़े भाई ने राजनेताओं से लेकर आला अफसरों से मदद की गुहार लगाई। इसके बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी। इधर स्वास्थ्य कर्मियों में अफसरों को लेकर नाराजगी बढ़ रही है। कोरोना वारियर्स का तमगा देकर स्वास्थ्य कर्मियों का मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा है। कोरोनाग्रस्त कर्मचारियों की सुध लेने की किसी को फूर्सत नहीं है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को इस बात का अफसोस है कि दिखावे मात्र के लिए कोरोना वारियर्स का स्वास्थ्य कर्मियों को दर्जा दिया गया है। उनकी जान की चिंता न अफसरों और न ही सरकार को है।

बहरहाल राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में एक युवा स्वास्थ्यकर्मी की मौत जिस तरह से चिकित्सकीय उपकरणों के अभाव में हुई है। उससे मैदानी अमला डरा हुआ है। 


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