राजनांदगांव
10 साल की सेवा में शहीद अफसर ने बीते 4 साल में मार गिराये थे 7 नक्सली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 नवंबर। राजनांदगांव जिले के बोरतलाव क्षेत्र के कुर्रेझर-कौहापानी के जंगल में संयुक्त नक्सल ऑपरेशन में शहीद हुए मध्यप्रदेश के बालाघाट के निरीक्षक आशीष शर्मा ने 10 साल की सेवाकाल में नक्सलियों के खिलाफ अपने अदम्य साहस के दम पर तारीफे काबिल काम किया था।
उनकी बहादुरी के कारण राज्य सरकार उन्हें डीएसपी पद पर पदोन्नत करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही थी। आशीष ने गुजरे तीन साल में 7 नक्सलियों को ढेर किया था। जिसके चलते उसे दो बार राष्ट्रीय वीरता पदक का सम्मान मिला था। 2016 बैच के उप निरीक्षक आशीष को गैलेंट्री अवार्ड के चलते आउट ऑफ टर्न प्रमोशन से निरीक्षक बनाया गया था। निरीक्षक बनने के बाद भी वह लगातार नक्सलियों से भिडऩे के लिए अमादा रहे।
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आशीष ने 2022 में हर्राटोला मुठभेड़ में 14 लाख के ईनामी होर्डकोर नक्सली एसीएम रूपेश उर्फ हुंगा डोड़ी, वर्ष 2023 में कादला के मुठभेड़ में 28 लाख की कुल ईनामी होर्डकोर नक्सली एसीएम सुनीता एवं सरिता को मार गिराया और 2025 में ग्राम रौंदा के मुठभेड़ में 62 लाख के ईनामी होर्डकोर नक्सली कमांडर आशा, एसीएम रंजीता, सरिता लख्खे को मार गिराने में सफलता हासिल की थी। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से राज्यपाल द्वारा वीरता पदक दिया गया। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा भी वीरता पदक मिला। इसके अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा क्रम पूर्व पदोन्नति मिला था। 21 फरवरी 2023 को क्रम पूर्व पदोन्नति देते हुए उप निरीक्षक से निरीक्षक पदोन्नत किया गया। वह नक्सल क्षेत्र में लगातार मुस्तैदी के साथ अपनी जवाबदारी को पूरा कर रहे थे। कल 19 नवंबर को राजनांदगांव पुलिस के साथ एक साझा नक्सली विरोधी अभियान में हॉकफोर्स का अगुवा बनकर आशीष ने सीधे नक्सलियों की बंदूक से निकली गोली को अपने सीने में लिया।
बताया जा रहा है कि आशीष की नक्सलियों के ठिकाने को टारगेट कर लिया था, लेकिन इससे पहले नक्सलियों के एक संतरी ने फायरिंग कर दी। जिससे आशीष के जांघ और पेट के बीच एक-एक गोली घुस गई। जबकि पैर और शरीर के अन्य भाग में दो गोली लगी। अत्याधिक रक्तस्राव होने के कारण आशीष ने मृत्यु से संघर्ष करते अपनी जिंदगी हार बैठे। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ स्थल से मुख्य सडक़ की दूरी लगभग 2 किमी थी। ऐसे में एम्बुलेंस तक पहुंचने में वक्त लग गया। 15 मिनट के भीतर एम्बुलेंस से डोंगरगढ़ अस्पताल लाकर निरीक्षक का उपचार किया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
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निरीक्षक को अंतिम बिदाई देने उमड़ी भीड़
शहीद निरीक्षक आशीष शर्मा को अंतिम विदाई देने के लिए बालाघाट में पुलिस महकमे के आला अफसरों के अलावा गैर राजनीतिक-राजनीतिक दलों के प्रमुख लोगों ने पुष्प अर्पित किए। जैसे ही एम्बुलेंस से निरीक्षक की पार्थिव काया बालाघाट पहुंची। पुलिस विभाग के लोगों की आंखे भर आई। बताया जा रहा है कि डोंगरगढ़ से रात 3 बजे एम्बुलेंस से शव को रवाना किया गया। शव लेने के लिए शहीद का भाई व अन्य परिजन पहुंचे थे। तिरंगे में लिपटे शहीद अफसर को श्रद्धांजलि देने के लिए बालाघाट में सुबह सलामी दी गई। इसके बाद उनके शव को गृहग्राम नरसिंगपुर जिले के गाडरवाड़ा भेजने की तैयारी है।


