राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 नवंबर। साइबर अपराध डिजिटल अरेस्ट से ग्राहकों को बचाने के लिए राजनांदगांव पुलिस ने बैंकों के लिए एडवायजरी जारी किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तेजी से बढ़ते डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए सभी बैंक शाखाओं के लिए राजनांदगांव पुलिस ने 5 बिन्दुओं में एडवायजरी को अनिवार्य रूप से पालन योग्य बताया। जिसमें दबाव व धमकी में किए जा रहे लेनदेन को रोके। यदि ग्राहक कॉल/वीडियो कॉल पर किसी द्वारा डराया-धमकाया जा रहा हो तथा बड़ी राशि ट्रांसफर करने का प्रयास कर रहा हो, तो लेनदेन तत्काल रोके और निकटतम पुलिस को सूचित करें। वरिष्ठ नागरिक एवं महिलाओं के मामले में विशेष सतर्कता शामिल है। जिसमें अक्सर परिवार से पृथक सीनियर सीटिजन या महिलाएं डिजिटल अरेस्ट का शिकार होकर बैंक पहुंचकर अपराधियों के बताए अनुसार किसी अज्ञात खाते में बड़ी रकम जमा या ट्रांसफर करने लगती है ऐसी स्थिति में असामान्य लेनदेन को रोके, लेनदेन का कारण पूछे, ग्राहक को शांतिपूर्वक जागरूक करें, आवश्यकता पडऩे पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
ग्राहकों को करें जागरूक
कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल पर पूछताछ या डिजिटल अरेस्ट नहीं करती, पुलिस/सीबीआई कभी भी किसी ग्राहक को पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश नहीं देती, ऐसी कॉल प्राप्त होने पर 1930 या नजदीकी थाना से संपर्क करने की सलाह दें।
जागरूकता संबंधी पोस्टर की प्रदर्शनी
बैंक परिसर में साइबर फ्रॉड से बचाव के पोस्टर/नोटिस अनिवार्य रूप से लगाएं, ताकि ग्राहक तुरंत सावधान हो सकें।
संदिग्ध धोखाधड़ी पर त्वरित कार्रवाई
किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की आशंका होने पर लेनदेन रोकें, ग्राहक को 1930 पर रिपोर्ट करने हेतु कहें तथा शाखा स्तर पर स्वयं पहल करते साइबर सेल व नजदीकी थाना को सूचना दें।


