राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 नवंबर। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक फडऩवीस ने बिहार सहित देशभर में 2023 के बाद हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा एनडीए की लगातार बढ़ती जीत पर सवाल उठाते कहा है कि विपक्ष जहां जनता की बुनियादी जरूरतों की बात करता है। वहीं एनडीए बिना एंटी-इन्कम्बेंसी के असर में आए लगातार रिकॉर्ड सीटें कैसे जीत लेता है? उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं को चुनावी रणनीति के केंद्र में रखने को लेकर गहरी चिंता और संदेह जताया है।
श्री फडऩवीस ने कहा कि 2023 के बाद से भाजपा और उसके सहयोगी दलों की चुनावी सफलताएं सामान्य नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि 20-25 साल के लंबे शासन के बाद भी एंटी-इंकम्बेंसी को दरकिनार कर एनडीए पहले से भी ज्यादा सीटें कैसे जीत लेता है? उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं को केंद्र में रखकर एक सुनियोजित चुनावी नैरेटिव बनाया जा रहा है। जिससे चुनावी परिणामों पर गहरा असर पड़ रहा है। उनके अनुसार महिलाओं को लुभाने के नाम पर विभिन्न योजनाएं लाभ और प्रचार रणनीतियां चलाकर भाजपा एनडीए एक मजबूत वोट बैंक तैयार कर चुका है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को रुझाना अब केवल एक चुनावी प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक बड़े पैमाने पर तैयार की गई रणनीति है। जिसके पीछे कई तंत्र सक्रिय दिखते हैं। यही वजह है कि भाजपा और उसके साथी दल जिस भी राज्य में चुनाव लड़ रहे हैं न बड़ी जीत दर्ज कर रहे हैं।
श्री फडऩवीस ने तंज कसते कहा कि विपक्ष लगातार महंगाई, बेरोजगारी और स्वास्थ्य शिक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की बात करता है, लेकिन उसके बावजूद उन्हें पिछली बार से भी कम सीटें मिल रही है। उन्होंने इसे बेहद चिंताजनक बताते कहा कि इतनी जुमलेबाजी के बाद भी जनता सब कुछ स्वीकार कर रही है, यह समझ से परे है। विपक्ष को नए सिरे से मंथन करने की सख्त जरूरत है।
यदि विपक्ष ने अपनी रणनीति में बड़े बदलाव नहीं किए तो आगामी चुनावों में भी हालात उनके पक्ष में जाने की संभावना कम ही दिखती है।


