राजनांदगांव
समूचे जिले में शीतलहर से पारा 10 के करीब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 नवंबर। नवंबर के दूसरे सप्ताह में कड़ाके की सर्दी पडऩे से पठारी और मैदानी इलाके कांप रहे हैं। शहरी इलाकों में भी ठंड का स्पष्ट तौर पर व्यापक असर दिख रहा है। लोग अब गर्म कपड़ों का सहारा लेकर ठंड से बचने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
दिन की तुलना में रात का तापमान और भी कांपने के लिए मजबूर कर रहा है। कई इलाकों में अलाव जलाकर ठंड से बचने की कवायद की जा रही है।
मैदानी इलाकों से ज्यादा पठारी इलाके कांप रहे हैं। पहाड़ों वाले क्षेत्रों में जनजीवन ठंड के चलते सिमटा हुआ दिख रहा है। दिन में जहां सूर्य की किरणें काफी देर बाद कोहरे की छंटा भेद रही है। वहीं मैदानी इलाकों में भी ठंड ने अपना कड़ा रूख बनाए रखा है। करीबन 3 से 4 साल बाद नवंबर के महीने में ठंड ने अपना उग्र रूप दिखाया है।
बताया जा रहा है कि ला-नीना का असर कमजोर होने के कारण भी ठंड पड़ रही है। सर्द हवाओं के कारण पूरा जिला ठिठुर रहा है। पिछले दो दिन के भीतर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। दिन में भी पछुवा हवाएं चल रही है। उत्तर भारत से आ रही सर्दीली हवाओं के कारण सूर्य की चूभन कमजोर पड़ गई है। नवंबर के महीने में पड़ रही ठंड ने दिसंबर और जनवरी के महीने के ठंड का अहसास अभी से करा दिया है। मौसम विभाग ने इस साल फरवरी अंतिम तक कड़ाके की सर्दी पडऩे की संभावना जाहिर की है। ला-नीना का असर नहीं पडऩे से ठंड की अवधि आगे भी बढ़ सकती है। दिन में भी ठंड ने हर किसी को ठिठुरने के लिए मजबूर कर दिया है। दोपहर के बाद धीरे-धीरे ठंडी हवाएं चलने से कंपकपाहट बढऩे लगी है।
बताया जा रहा है कि सर्द मौसम के कारण लोगों की सेहत पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अचानक बढ़ी ठंड से लोगों की शारीरिक क्षमता प्रभावित हुई है। यानी लोगों में मौसमी बीमारी विशेषकर सर्दी-खांसी की भी शिकायतें बढ़ी है।
अचानक ठंड बढने के बाद लोगों ने गर्म कपड़ों के बाजार का रूख किया है। शहर में तिब्बती ऊनी कारोबारी स्थानीय फ्लाई ओवर के नीचे कारोबार के लिए अपनी दुकानें सजा चुके हैं। जबकि फुटपाथ में भी गर्म कपड़ों की दुकानें लग गई है। दोनों जगह पर लोग कंबल, रजाई और स्वेटर खरीदी करने के लिए पहुंच रहे हैं। आने वाले एक-दो दिन में ठंड और भी कड़े तेवर के साथ कंपकपाएगी।


