राजनांदगांव

बूढ़ासागर में मछलियों की सामूहिक मौत- संतोष
09-Nov-2025 4:49 PM
बूढ़ासागर में मछलियों की सामूहिक मौत- संतोष

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 9 नवंबर। शहर के ऐतिहासिक बूढ़ासागर तालाब में बीते कुछ दिनों से मछलियों की सामूहिक मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

हजारों मछलियां एक साथ मर जाने से तालाब का पानी सड़ांध मार रहा है और आसपास के मोहल्लों में दुर्गंध फैल गई है। स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष पिल्ले ने इस पूरे मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि बूढ़ासागर तालाब की यह स्थिति सरकार और प्रशासन की घोर उदासीनता का परिणाम है। हजारों मछलियां मर चुकी है, तालाब में गंदगी और बदबू का आलम है, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, महापौर मधुसूदन यादव, निगम और जिला प्रशासन सभी मौन है। जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण की चिंता किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के दावे केवल कागजों पर सिमट कर रह गए हैं। शहर के नागरिक दूषित वातावरण में जीने को मजबूर है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि तालाब में बढ़ते प्रदूषण, नालियों के सीधे जल प्रवाह और ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियों की यह सामूहिक मौत हुई है। यदि स्थिति पर तुरंत नियंत्रण नहीं किया गया तो यह गंभीर जनस्वास्थ्य संकट का रूप ले सकती है। स्थानीय निवासियों को सांस लेने में दिक्कत और जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग और नगर निगम संयुक्त रूप से तत्काल जांच शुरू करें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें। साथ ही तालाब की तुरंत सफाई और पानी के शुद्धिकरण की व्यवस्था की जाए, ताकि मछलियों की मौत का सिलसिला रुके और प्रदूषण पर नियंत्रण हो सके। बूढ़ासागर तालाब में मछलियों की मौत ने नगर निगम की सफाई व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण के दावों की पोल खोल दी है। उनका कहना है कि बूढ़ासागर जैसे ऐतिहासिक तालाब की अनदेखी शहर की पहचान के साथ खिलवाड़ है। यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह घटना राजनांदगांव के पर्यावरण संतुलन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।


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